कोरोना अलर्ट / कैबिनेट ने 15 हजार करोड़ रुपये के भारत COVID-19 इमरजेंसी पैकेज को मंजूरी दी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को 'भारत कोविड-19 आपात प्रतिक्रिया और स्वास्थ्य प्रणाली तैयारी पैकेज' के लिए 15,000 करोड़ रुपये के निवेश को मंजूरी दी। इस राशि का 3 चरणों में उपयोग किया जाएगा। इसमें से 7774 करोड़ रुपये का प्रावधान कोविड-19 इमरजेंसी रिस्पॉन्स के लिए किया गया है।

AajTak : Apr 23, 2020, 12:21 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को 'भारत कोविड-19 आपात प्रतिक्रिया और स्वास्थ्य प्रणाली तैयारी पैकेज' (India COVID-19 Emergency Response and Health System Preparedness Package) के लिए 15,000 करोड़ रुपये के निवेश को मंजूरी दी। इस राशि का 3 चरणों में उपयोग किया जाएगा। इसमें से 7774 करोड़ रुपये का प्रावधान कोविड-19 इमरजेंसी रिस्पॉन्स के लिए किया गया है। बाकी पैसा एक साल से चार साल के मीडियम टर्म उपायों पर खर्च होगा और ये कार्य मिशन मोड में पूरे किए जाएंगे।

इन उपायों पर होगा फोकस

पैकेज के मुख्य उद्देश्यों में डायग्नोस्टिक्स और कोविड समर्पित उपचार सुविधाओं का विकास, संक्रमित मरीजों के उपचार के लिए जरूरी चिकित्सा उपकरण और दवाओं की केंद्रीय खरीद, भविष्य में महामारियों से बचाव और तैयारियों में सहयोग के लिए राष्ट्रीय तथा राज्य स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूती देना और विकसित करना, प्रयोगशालाओं की स्थापना और निगरानी गतिविधियां बढ़ाना, जैव सुरक्षा तैयारियां, महामारी अनुसंधान और समुदायों को सक्रिय रूप से जोड़ना तथा जोखिम संचार गतिविधियों के माध्यम से भारत में कोविड-19 के प्रसार को धीमा और सीमित करने के लिए आपात प्रतिक्रिया बढ़ाना शामिल है। इन उपायों और पहलों को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत ही लागू किया जाएगा।

राज्यों को 3000 करोड़ रुपये का फंड जारी

पहले चरण में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय अन्य संबंधित मंत्रालयों के सहयोग से पहले ही कई कदम उठा चुका है। स्वास्थ्य केंद्रों को कोविड समर्पित अस्पतालों, समर्पित कोविड स्वास्थ्य केंद्र और समर्पित कोविड देखभाल केंद्रों के रूप में तैयार करने के लिए राज्य/संघ शासित क्षेत्रों के लिए 3,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त फंड जारी किया जा चुका है।

क्वारंटाइन, आइसोलेशन, परीक्षण, उपचार, बीमारी की रोकथाम, कीटाणुशोधन, सामाजिक दूरी और निगरानी के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश, प्रोटोकॉल और परामर्श जारी किए जा चुके हैं। हॉटस्पॉट्स की पहचान की जा चुकी है और रोकथाम की रणनीतियों को लागू किया जा रहा है।