विशेष / क्या पृथ्वी के बाहर, दूसरे ग्रह से आ सकता है कोई वायरस, जानिए क्या है सच

News18 : May 12, 2020, 09:17 AM
नई दिल्ली:  कोरोना वायरस (Corona virus) के प्रकोप ने दुनिया भर में बेचैनी फैला रखी है।  एक तरफ वैज्ञानिक इसके इलाज और वैक्सीन की खोज को लेकर धैर्य रखते हुए काम कर रहे हैं तो वहीं आम लोगों में इसके इलाज के लिए बेचैनी है। इसी बीच सोशल मीडिया पर भी वायरस को लेकर तरह तरह की आशंकाएं जाहिर की जा रही है। ऐसे में एक सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या कोरोना जैसा वायरस (Virus) पृथ्वी के बाहर (From outer space) से आकर वैसी ही तबाही मचा सकता है।

कई वजहों से होती है ऐसी आशंका

पृथ्वी के बाहर से वायरस के आने की आशंका यूं ही नहीं पैदा हो गई। इसके पीछे कई तरह की धारणाएं हैं तो उनमें से कुछ वैज्ञानिक धारणाएं भी हैं। पहले सामान्य आशंकाएं। शुरू से ही इंसानों में तारों के प्रभाव को लेकर कई तरह के अंधविश्वास रहे हैं। उल्कापिंडों का धरती की ओर आने की घटनाओं का अनिष्ट घटनाओं से जोड़ने की प्रवृत्ति इतिहास में लगभग हर सभ्यता में रही है, लेकिन वैज्ञानिक विकास के साथ ये तमाम धारणाएं निर्मूल साबित हुई हैं।

डर की एक वजह यह भी

बाहर से कुछ पदार्थ धरती पर आ सकते हैं। यह एक ऐसा तथ्य है जिसे कई बार साबित किया जा चुका है। उल्कापिंड कई बार धरती तक पहुंचने में सफल रहे हैं। लेकिन आज तक ऐसा कुछ भी प्रमाण नहीं मिला कि धरती पर आसमान यानि अंतरिक्ष से कुछ आया हो और उससे संक्रमण फैला हो। हां एक बार एक क्षुद्रग्रह जरूर धरती से टकराया था जिसके बाद डायनासोर का अस्तित्व ही पृथ्वी से समाप्त हो गया था। लेकिन उसकी वजह कोई संक्रमण नहीं था।

एक वैज्ञानिक धारणा ने दिया इस आशंका को बल

एक समय पृथ्वी पर बड़ी तादात में उल्कापिंड गिरा करते थे। उस समय हमारे ग्रह पर जीवन नहीं था, न ही जीवन के बहुत अनुकूल परिस्थितियां थी। संयोग ही कहा जा सकता है कि उसके बाद ही पृथ्वी पर जीवन के अनुकूल स्थितियां विकसित हुईं और जीवन भी। कई वैज्ञानिकों ने यह थ्योरी दी है कि उससे समय किसी उल्कापिंड से ऐसे ऐसे सूक्ष्ण कण, सूक्ष्म एककोशिकीय जीव, या रसायन पहुंचे जिससे जीवन पनपने में आसानी हुई। लेकिन इस अनुमान या धारणा की कभी पुष्टि नहीं हो सकी।

तो क्या धरती पर बाहर से नहीं आ सकते वायरस

इसकी संभावना नहीं के बराबर ही है। पहले तो वायरस को सूर्य की रोशनी से बचे रहना होगा। फिर उसके बाद उसे पृथ्वी के वायुमंडल में आने के बाद उसे घर्षण से पैदा होने वाली उष्मा से बचना होगा। फिर भी अगर वह धरती की सतह पर पहुंच भी गया तो वह धरती पर पनपे और मनुष्यों में फैले तब तक अनुकूल परिस्थितियां बनीं रहनीं चाहिए। इतने संयोंगों का एक साथ होना मुमकिन नहीं है।

फिर भी हम तो वायरस बाहर से ला ही सकते हैं

यह इन आजकल के वैज्ञानिक माहौल के मुताबिक बहुत ही अच्छा सवाल है। दुनिया के कई देश चांद सहित मंगल ग्रह पर जाने की तैयारी कर रहे हैं। अमेरिका का नासा मंगल पर इंसान भेजने की तैयारी तो कर ही रहा है, लेकिन उससे पहले वह मंगल पर से मिट्टी के नमूने लाने की भी योजना भी बना चुका है। ऐसे में कई वैज्ञानिक तक आशंका जता चुके हैं कि मंगल से कोई खतरनाक जीवाणु या वायरस धरती पर आ सकता है।  लेकिन इसकी संभावना नहीं के ही बराबर है।

लेकिन दूसरे ग्रहों पर वायरस होने की क्या संभावना है

इसी सवाल के जवाब में पिछले सवाल का जवाब भी छिपा है। और इसी सवाल का वही जवाब भी है जो इस सवाल का है कि क्या पृथ्वी के बाहर जीवन है। जी हां हो सकता है लेकिन अभी तक पता नहीं चला है। तो वायरस भी हो सकता है लेकिन अभी पता नहीं चला है। खोज जारी है।

जो भी हो वायरस तो कहीं से भी आ सकता है। वैसे ही जैसे कोई उल्कापिंड धरती पर गिर कर विनाश कर सकता है। यानि ऐसा होने या होने की कोई गारंटी नहीं है। कई वैज्ञानिक भी इसकी तैयारी पर जोर दे रहे हैं जैसे हम कोरोना वायरस के लिए कभी तैयार नहीं थे लेकिन ऐसी किसी आपदा के लिए हमें तैयार तो होना ही चाहिए।

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