AMAR UJALA : Apr 08, 2020, 09:26 AM
देशव्यापी लॉकडाउन की अवधि समाप्त होने में अभी एक सप्ताह शेष है, लेकिन कई राज्यों और विशेषज्ञों के आग्रह पर केंद्र सरकार इसे आगे बढ़ाने पर विचार कर रही है। इस पर मंथन हो रहा है कि एक साथ 15 दिन के लिए लॉकडाउन बढ़ाया जाए या एक-एक सप्ताह करके।दरअसल राजस्थान, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, झारखंड, असम, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में कोरोना महामारी का प्रकोप ज्यादा है। इसलिए उन्होंने केंद्र से आग्रह किया है कि इसे खत्म करने में कोई जल्दबाजी न की जाए।राज्यों का मानना है कि लॉकडाउन में ढील देने से संक्रमण और तेजी से फैल सकता है और उस पर काबू पाना बहुत मुश्किल होगा। केंद्र यदि लॉकडाउन बढ़ाता भी है तब भी उन जिलों में कुछ ढील दी जा सकती है जहां इसका असर कम है। तेजी से फैल रहे कोरोना संक्रमण पर काबू पाने के लिए केंद्र ने 25 मार्च को 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा की थी।कयासबाजी न करें, जो फैसला होगा बता देंगेस्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा है कि लॉकडाउन बढ़ाने को लेकर सोशल मीडिया में चल रही चर्चा पर कयासबाजी न करें। कैबिनेट सचिव ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि लॉकडाउन की अवधि नहीं बढ़ेगी। यह सच है कि कई राज्यों ने लॉकडाउन बढ़ाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस बारे में जब और जो फैसला लेगी, आपको बता दिया जाएगा।ये राज्य लॉकडाउन बढ़ाने के पक्षधरपिछले हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग से बात की थी। उसमें तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने अपने राज्य में लॉकडाउन बढ़ाने की बात कही थी। वहीं उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, असम और मध्य प्रदेश भी इसके पक्ष में हैं। छत्तीसगढ़ और झारखंड ने साफ संकेत दे दिया है कि 14 अप्रैल के बाद भी वे पाबंदियों को पूरी तरह नहीं हटाएंगे।उपराष्ट्रपति ने भी दिए संकेतउपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने भी लॉकडाउन बढ़ने के संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन से निकलने के लिए इसका अंतिम सप्ताह बेहद महत्वपूर्ण है। नायडू ने कहा कि 14 अप्रैल के बाद जो भी फैसला हो, लोग उसका उसी तरह से पालन करें जैसे अब तक करते आए हैं। हो सकता है कि 14 अप्रैल के बाद भी कुछ हद तक परेशानी हो। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था के संकट पर किसी और दिन चिंता की जा सकती है मगर स्वास्थ्य पर नहीं।सरकारी कर्मचारियों की भी हो सकती है वेतन कटौतीसांसदों के वेतन में 30 फीसदी की कटौती के बाद अब केंद्र के 60 लाख कर्मचारियों के वेतन में भी 25 से 30 फीसदी की कटौती हो सकती है। एक यूनियन के पदाधिकारी के मुताबिक वे इस बारे में कर्मचारियों से बातचीत कर रहे हैं। इससे पहले मार्च में अधिकतर सरकारी विभागों के कर्मचारियों ने अपनी एक दिन की तनख्वाह इस फंड में दान करने की घोषणा की थी।आर्थिक नुकसान से सरकार चिंतितलॉकडाउन से होने वाले आर्थिक नुकसान को लेकर सरकार चिंतित है। न केवल मैन्युफैक्चरिंग बल्कि सेवा क्षेत्र को भी काफी नुकसान हुआ है। सरकार को कर के जरिये मिलने वाली राशि में भी कमी आई है। लॉकडाउन जितना लंबा चलेगा, आर्थिक नुकसान उतना ज्यादा होगा। लेकिन लॉकडाउन जल्दबाजी में खत्म करने से महामारी के फैलने का खतरा भी है।