Corona Crisis / अब बच्चे होंगे कोरोना के शिकार? क्या होंगे लक्षण व कैसे करें सुरक्षा, हर जवाब

Zoom News : May 12, 2021, 10:14 AM
Corona Crisis | भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर से हाहाकार मचा हुआ है। अब कहा जा रहा है कि भारत में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर आई तो यह बच्चों के लिए खतरनाक होगी। ऐसे खतरे को देखते हुए बेहद जरूरी है कि हम वयस्कों के साथ ही बच्चों की सुरक्षा पर भी विशेष ध्यान दें। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कुछ तरीके बताए हैं, जिन्हें अपनाकर बच्चों को कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रखा जा सकता है। 

6 साल से बड़े बच्चों को लगाएं मास्क  

विश्व स्वास्थ्य संगठन और यूनिसेफ का कहना है कि 6 से 11 साल तक के बच्चों को मास्क पहनाना इस बात पर निर्भर करता है कि वे जिस क्षेत्र में रह रहे हैं, वहां संक्रमण की स्थिति क्या है। साथ ही, याद रखें कि दो साल से छोटे बच्चों को मास्क न लगाएं। अभिभावक बच्चों को सोशल डिस्टेंसिंग के बारे में बताएं। बच्चों में बार-बार हाथ धोने की आदत डालें। 

लक्षण : लाल चकत्ते दिखें तो सतर्क हो जाएं

 बच्चे को 1-2 दिन से ज्यादा बुखार रहे। 

अगर बच्चे के शरीर और पैर में लाल चकत्ते हो जाएं। 

अगर आपको बच्चे के चेहरे का रंग नीला दिखने लगे। 

बच्चे को उल्टी-दस्त की समस्या हो। 

अगर बच्चे के हाथ-पैर में सूजन आने लगे। 

ये तरीके अपनाकर बच्चों को मजबूती दें 

1- फेफड़े मजबूत बनाने के लिए बच्चों को गुब्बारे फुलाने के लिए दें। 

2- बच्चों को पीने के लिए गुनगुना पानी दें, इससे संक्रमण का खतरा कम होगा। 

3- अगर बच्चा थोड़ा बड़ा है तो उसे सांस वाली एक्सरसाइज कराएं। 

4- बच्चों की इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए खट्टे फल खाने के लिए दें। 

5- बच्चों को बैक्टीरियल इंफेक्शन और वायरल इंफेक्शन से बचाने के लिए हल्दी वाला दूध दें। 

6- बच्चों को इस बीमारी के बारे में और सावधानी के बारे में समझाएं, डराएं नहीं। 

मोबाइल और तनाव से दूरी 

तनाव केवल वयस्कों में नहीं होता बल्कि छोटे बच्चे भी इसका शिकार बनते हैं।  ध्यान रखें कि तनाव का असर शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली पर पड़ता है। इस बात पर नजर रखें कि इस घबराहट भरे दौर में आपके बच्चे मोबाइल-टीवी पर क्या देख रहे हैं। बच्चों को ध्यान लगाने, व्यायाम और सांस नियंत्रण की तकनीक सिखानी चाहिए। 

नवजात की सुरक्षा 

नवजात शिशुओं को ज्यादा लोगों के संपर्क में आने से रोकना चाहिए। बच्चे को जितने कम लोग हाथ में लेंगे, उतना ही अच्छा होगा।  मां के लिए भी यह बेहद जरूरी है कि वह अपने हाथों को बार-बार धोती रहें। नवजात शिशु को दूध पिलाते समय भी मां मास्क पहने ताकि उसे इन्फेक्ट होने से बचाया जा सके। स्तन की सफाई रखें।

हल्का संक्रमण हो तो ये करें 

लक्षण - गले में खराश लेकिन सांस लेने में तकलीफ नहीं, पाचन संबंधी दिक्कत

उपचार - बच्चे को घर में ही आइसोलेट करके उसका उपचार किया जा सकता है, अगर बच्चे को पहले से ही दूसरी समस्याएं हो तो डॉक्टरी मदद चाहिए।

मध्यम प्रकार का संक्रमण  

लक्षण : हल्के निमोनिया के लक्षण, ऑक्सीजन लेवल 90% या इससे नीचे चला जाना।

उपचार - बच्चे को कोविड अस्पताल में भर्ती कराएं, शरीर में द्रव्य और इलेक्ट्रोलायट की मात्रा संतुलित हो। 

गंभीर संक्रमण हो तो ऐसा करें 

लक्षण - गंभीर निमोनिया, ऑक्सीजन स्तर का 90% से नीचे चला जाना, थकावट, ज्यादा नींद 

उपचार : फेफड़े-गुर्दे में संक्रमण की जांच, सीने का एक्स-रे कराना जरूरी, कोविड अस्पताल में भर्ती कराया जाए जहां अंग निष्क्रिय होने संबंधी उपचार का प्रबंध हो। उपचार में रेमडिसिविर जैसे स्टेरॉयड का उपयोग डॉक्टरी निगरानी में हो।

SUBSCRIBE TO OUR NEWSLETTER