देश / चीन पर है भारत के इन दो जांबाजों की पैनी नजर, घुसपैठ की कोशिश भी की तो मिलेगा माकूल जवाब

Zee News : May 18, 2020, 11:24 AM
नई दिल्ली: भारत और चीन की सीमा यानि लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर तनाव बढ़ाने वाली एक खबर आई है। चीन ने एलएसी पर फिर अपनी हद लांघी है। इसी हफ्ते हिमाचल प्रदश के लाहौल स्पीति में चीनी सेना के हेलिकॉप्टर ने आसमान से घुसपैठ की और वापस लौट गया। पिछले कुछ सालों से ये चर्चा कई बार हुई कि एलएसी के इस हिस्से में भी चीन अपनी सेनाओं की ताकत बढ़ाने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत कर रहा है हालांकि ड्रैगन के इस प्रपंच पर भारत ने जोरदार प्रहार किया है।

रक्षा विशेषज्ञ कर्नल (रिटा।) दिनेश कुमार बिश्नोई ने बताया कि इससे पहले 2017 में डोकलाम विवाद के दौरान भी हिमाचल प्रदेश के कौरिक के पास चीन की सेना की हरकतें देखी गई थी। वहीं 2012 में भी चीनी हेलीकॉप्टरों ने इन इलाकों में भारतीय वायुसीमा का उल्लंघन किया था। दरअसल कौरिक LAC पर चीन से सटा हुआ आखिरी गांव है। हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति के कौरिक और किन्नौर के शिपकी ला पर चीन अपना दावा करता रहा है। इस इलाके में एलएसी पर भारत-तिब्बत सीमा पुलिस यानि आईटीबीपी की तैनाती है। लेकिन कुछ साल से भारतीय सेना ने भी यहां अपनी मौजूदगी में इजाफा किया है। यही वजह है कि चीन बौखलाया हुआ है।

इसी महीने सिक्किम और लद्दाख में चीन के सैनिकों की झड़प वाली गुस्ताखी के बाद लद्दाख बॉर्डर पर चीन के हेलिकॉप्टर्स उड़ते नजर आए थे। इन हेलिकॉप्टर्स ने हालांकि LAC को क्रॉस नहीं किया था। लेकिन इंडियन एयरफोर्स ने जवाब में फौरन गश्ती विमानों को बॉर्डर पर भेजा था। इसे लेकर सेनाध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवणे का बड़ा बयान भी सामने आया। 

बीते 13 मई को सेनाध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने कहा कि चीन को लगता है कि वो अपनी हवाई हरकत से भारत को चौंका देगा, लेकिन वो शायद ये बात भूल गया है कि उसकी हर आसमानी करतूत पर हिंदुस्तान के दो जांबाजों की पैनी नजर है। 

उन्होंने डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन DRDO के दो लो लेवल लाइट वेट राडार की बात की थी। जिन्हें निगरानी के लिए बॉर्डर के पास तैनात किया गया है। इन रडार्स के नाम 'भरणी' और 'अश्लेषा' हैं।  भरणी जहां 2D रडार है वहीं, 'अश्लेषा' 3D रडार है। दोनों रडार के नाम भारतीय नक्षत्रों के नाम पर रखे गए हैं। 

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