China / चीन अब कर रहा आस्था पर चोट, कैलाश पर्वत के पास तैनात करेगा मिसाइलें

AajTak : Aug 22, 2020, 09:37 PM
China: चीन अब हमारे धार्मिक महत्व की जगहों के पास भी अपने सैन्य अड्डे बना रहा है। इस बार तो उसने हद ही कर दी। चीन ने कैलाश पर्वत के पास स्थित मानसरोवर झील के किनारे जमीन से हवा में (Surface To Air Missile - SAM) मार करने वाली मिसाइलों के लिए साइट बनाना शुरू कर दिया है। इस साइट का निर्माण अप्रैल में शुरू हुआ था, जो अब लगभग पूरा हो चुका है।

कैलाश-मानसरोवर जैसे धार्मिक स्थान को मिलिट्री से घेर देना चीन की एक साजिश का हिस्सा है। वह लद्दाख वाले तनाव के बाद से ऐसा कर रहा है। चीन ने भारत द्वारा लिपुलेख में सड़क बनाए जाने के विरोध में भी इस साइट का निर्माण कराया है। भारत ने 17 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित कैलाश मानसरोवर जाने के लिए लिपुलेख के पास 80 किलोमीटर लंबी सड़क बनवाई थी। 

सैटेलाइट से मिली तस्वीरों से इस बात का खुलासा होता है कि चीन मानसरोवर झील के किनारे HQ-9 मिसाइल की तैनाती करने की तैयारी में है। यहां पर चीन HT-233 रडार सिस्टम लगा रहा है, जिससे मिसाइल का फायर सिस्टम काम करता है। इसके अलावा टाइप 305बी, टाइप 120, टाइप 305ए, वाईएलसी-20 और डीडब्ल्यूएल-002 रडार सिस्टम भी लगाए जा रहे हैं। ये सभी टारगेट्स को ट्रैक कर उन्हें खत्म करने में मदद करते हैं। 

ये मिसाइलें भारतीय सीमा से मात्र 90 किलोमीटर दूर तैनात की जाएंगी। ये मध्यम रेंज की मिसाइलें होंगी। पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने यहां पहले तीर्थयात्रियों के लिए एक छोटा सा अस्थाई रहवास जैसा बनाया था। साथ ही कई होटल्स और घर भी बने हुए हैं। लेकिन पिछले कुछ महीनों में यहां पर एक हाइवे, कुछ नए होटल्स और नई इमारतें बन चुकी हैं। 

भारत 1950 के दशक में कैलाश पर्वत के आसपास बसे कुछ गांवों से टैक्स लेता था। लेकिन तिब्बत में चीन ने धीरे-धीरे पूर्वी लद्दाख और मानसरोवर के आसपास कब्जा कर लिया है। यहां से नाथूला और डेमचोक के लिए आसानी से आया जाया जा सकता था। हालांकि, ये रास्ते साल में ज्यादातर समय खुले ही रहते हैं। लेकिन कई रास्तों को चीन ने बंद कर रखा है। 

चीन कैलाश पर्वत की पवित्रता को खत्म करना चाहता है। इसलिए वह मानसरोवर और राक्षसताल से होने वाली परिक्रमा में बाधा पहुंचाना चाहता है। चीन ने दो वीडियो जारी किए थे जिसमें दिखाया गया था कि मानसरोवर के पास एक सड़क पर मई और जून में उसके टैंक्स चल रहे हैं। वह उसके कब्जे वाले भारतीय और तिब्बती इलाकों में सैन्य तैनाती कर रहा था। 

चीन की वायुसेना चाहती है कि वह भारतीय सीमाओं पर निगरानी रख सके और भारतीय वायुसेना को जवाब दे सके। इसलिए भारतीय धार्मिक आस्थाओं को चोट पहुंचाने के लिए चीन ऐसी हरकतें कर रहा है। लिपुलेख को लेकर इस समय भारत और नेपाल के बीच तनाव चल रहा है। इसी तनाव का फायदा उठाना चाहता है चीन। वह नेपाल के साथ आकर भारत को परेशान करने की कोशिश कर रहा है। 

कुछ दिन पहले ट्विटर पर ओपन सोर्स इंटेलिजेस detresfa ने एक सैटेलाइट इमेज ट्वीट की है। इसमें ट्विटर हैंडलर ने लिखा है कि चीन लिपुलेख में ट्राई-जंक्शन एरिया में मिसाइल ठिकानों का निर्माण कर रहा है। detresfa के अनुसार इसके अलावा वहां सैनिकों की तैनाती भी है। इस इलाके के 100 किलोमीटर के क्षेत्रफल में चीन की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) की सक्रियता भी बढ़ी है। 

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