AajTak : Apr 20, 2020, 03:11 PM
चीन: पूरी दुनिया इस समय कोरोना वायरस जैसी महामारी से जूझ रही है और अब तक एक लाख से ज्यादा लोगों की इससे मौत हो चुकी है। यह जानलेवा वायरस पहले चुपचाप मानव शरीर में घुसपैठ करता है और आपको अंदर ही अंदर मारने लगता है।
इस बीमारी की क्रोनोलॉजी (क्रम) भी दिलचस्प है। हाल ही में अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने इस बात को जानने की कोशिश की कि क्या चीन ने "जानबूझकर" कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण मृतकों की संख्या और मरीजों की संख्या में बदलाव कर दिया। इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि यह वायरस गुप्त रूप से भी लोगों को मार रहा है। रिपोर्टों से पता चला है कि अमेरिकी खुफिया विभाग ने चीन की दलील पर भी संदेह जताया है। बता दें कि अमेरिका दुनिया में कोरोना वायरस से सर्वाधिक प्रभावित होने वाले देशों में शामिल है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रो ने कोरोना वायरस के कारण होने वाली बीमारी, संक्रमण और मौतों के लिए चीन की रिपोर्ट की गई संख्या पर सार्वजनिक रूप से संदेह जताया है।
बता दें कि चीन ने बीते हफ्ते कोरोना वायरस की वजह से हुई मौत के अपने आंकड़ों को अचानक संशोधित कर दिया था। चीन ने मौत के आंकड़ों में बदलाव करते हुए लगभग 50 फीसदी तक बढ़ोतरी कर दी थी। पहले चीन ने दावा किया था कि वुहान में 1,290 लोगों की मौत हुई थी लेकिन बाद में आकड़े को बदलते हुए इसे 3,869 कर दिया था। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक चीन में कोरोना वायरस से कुल 4,632 लोगों की मौत हुई है।
अब चीन के संशोधित मौत के आकड़े पर भी शक जताया जा रहा है। कई देश निश्चित नहीं कर पा रहे हैं कि क्या सच में चीन को वास्तविक मौत के आंकड़ों की जानकारी नहीं थी। अन्य देशों को इसके सबूत भी मिले हैं।
यह संदेह चीन में मृत्यु के आंकड़ों में संशोधन के रिपोर्टों को लेकर भी गहराया है क्योंकि चीन में कोरोना वायरस प्रभावित क्षेत्रों में सैकड़ों लावारिस शव घरों के बाहर पड़े हुए हैं। बताया जा रहा है कि चीन ने कोरोना वायरस की वजह से जान गंवाने वाले लोगों का अंतिम संस्कार उनकी मौत के तुरंत बाद कर दिया। इनमें से कई अंतिम संस्कार मृतक के परिवार के सदस्यों की सहमति या उपस्थिति के बिना भी किए गए थे।
इस बीमारी की क्रोनोलॉजी (क्रम) भी दिलचस्प है। हाल ही में अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने इस बात को जानने की कोशिश की कि क्या चीन ने "जानबूझकर" कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण मृतकों की संख्या और मरीजों की संख्या में बदलाव कर दिया। इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि यह वायरस गुप्त रूप से भी लोगों को मार रहा है। रिपोर्टों से पता चला है कि अमेरिकी खुफिया विभाग ने चीन की दलील पर भी संदेह जताया है। बता दें कि अमेरिका दुनिया में कोरोना वायरस से सर्वाधिक प्रभावित होने वाले देशों में शामिल है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रो ने कोरोना वायरस के कारण होने वाली बीमारी, संक्रमण और मौतों के लिए चीन की रिपोर्ट की गई संख्या पर सार्वजनिक रूप से संदेह जताया है।
बता दें कि चीन ने बीते हफ्ते कोरोना वायरस की वजह से हुई मौत के अपने आंकड़ों को अचानक संशोधित कर दिया था। चीन ने मौत के आंकड़ों में बदलाव करते हुए लगभग 50 फीसदी तक बढ़ोतरी कर दी थी। पहले चीन ने दावा किया था कि वुहान में 1,290 लोगों की मौत हुई थी लेकिन बाद में आकड़े को बदलते हुए इसे 3,869 कर दिया था। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक चीन में कोरोना वायरस से कुल 4,632 लोगों की मौत हुई है।
अब चीन के संशोधित मौत के आकड़े पर भी शक जताया जा रहा है। कई देश निश्चित नहीं कर पा रहे हैं कि क्या सच में चीन को वास्तविक मौत के आंकड़ों की जानकारी नहीं थी। अन्य देशों को इसके सबूत भी मिले हैं।
यह संदेह चीन में मृत्यु के आंकड़ों में संशोधन के रिपोर्टों को लेकर भी गहराया है क्योंकि चीन में कोरोना वायरस प्रभावित क्षेत्रों में सैकड़ों लावारिस शव घरों के बाहर पड़े हुए हैं। बताया जा रहा है कि चीन ने कोरोना वायरस की वजह से जान गंवाने वाले लोगों का अंतिम संस्कार उनकी मौत के तुरंत बाद कर दिया। इनमें से कई अंतिम संस्कार मृतक के परिवार के सदस्यों की सहमति या उपस्थिति के बिना भी किए गए थे।