दुनिया / चीन ने लड़ाकू विमान उड़ाकर दी युद्ध की धमकी तो ताइवान ने यूं किया पलटवार

AajTak : Sep 22, 2020, 08:04 AM
ताइवान ने एक बार फिर चीन की धमकियों को लेकर प्रतिक्रिया दी है। दरअसल, अमेरिका के विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी के ताइवान के दौरे को लेकर चीनी मीडिया ने युद्ध की धमकी दी थी। ताइवान हॉन्ग कॉन्ग की ही तरह चीन के 'वन नेशन, टू सिस्टम' का हिस्सा है और चीन ताइवान के बलपूर्वक विलय की बात भी करता रहा है। अगर कोई देश ताइवान के साथ चीन से अलग स्वतंत्र संबंध स्थापित करने की कोशिश करता है तो चीन इसे लेकर कड़ी आपत्ति जताता है।

ताइवान राष्ट्रपति कार्यालय के प्रवक्ता ने इस धमकी को लेकर कहा, दूर से आए किसी दोस्त के साथ डिनर करने के लिए जो पड़ोसी जान से मारने की धमकियां देने लगे, उस पड़ोसी से आप कैसे निपटेंगे?

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी कीथ क्रैच ने पिछले सप्ताह ताइवान का दौरा किया था जिसके बाद चीन की कम्युनिस्ट सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने धमकी जारी की थी। ग्लोबल टाइम्स ने कहा था कि लड़ाकू विमानों का अभ्यास सिर्फ चेतावनी देने के लिए नहीं था, बल्कि ये ताइवान पर कब्जे का रिहर्सल था। बता दें, चीन ने शुक्रवार को शक्ति प्रदर्शन करते हुए ताइवान के क्षेत्र में लड़ाकू जेट समेत 18 विमान उड़ाए थे। इस लेख में सैन्य अभ्यास को लेकर कहा गया था कि ताइवान की स्वतंत्रता जल्द खत्म होने वाली है।

ग्लोबल टाइम्स ने कहा कि चीन ने सैन्य अभ्यास से दो अहम संकेत भेजे हैं। पहला यह कि यह आपत्ति अमेरिका और ताइवान के बीच बढ़ रही दोस्ती को लेकर है। दूसरा यह कि चीन की सेना की प्रतिक्रिया बेहद आक्रामक और तेज है। ताइवान और अमेरिका ने क्रैच के दौरे को बेहद गोपनीय रखा था और चीन की सेना ने ताइवान स्ट्रेट में युद्धाभ्यास का फैसला आखिरी मिनटों में लिया। इससे संदेश दे दिया गया है कि चीन बड़ी कार्रवाई को बेहद कम वक्त में अंजाम दे सकता है। ये दिखाता है कि चीन की सेना के पास ताइवान के खिलाफ बेहद कम समय में एक्शन की क्षमता है।

ग्लोबल टाइम्स ने लिखा, यह ताइवान पर कब्जे को लेकर रिहर्सल है। चीन को केवल एक राजनीतिक वजह की आवश्यकता है जिससे ये सैन्य अभ्यास वास्तविक युद्ध में बदल जाएंगे।

ग्लोबल टाइम्स ने लिखा था, ताइवान की नेता साई इंग वेन ने डिनर पर अमेरिका से गहरे संबंध स्थापित करने के लिए प्रतिबद्धता जताई है लेकिन वो ऐसा करके आग से खेल रही हैं। अगर उनका कोई भी कदम चीन के उत्तराधिकार के कानून का उल्लंघन करता है तो युद्ध छिड़ जाएगा और साई का नामोनिशान मिट जाएगा। 

अमेरिकी अधिकारी क्रैच के दौरे में ताइवान की राष्ट्रपति साइ इंग वेन ने अमेरिका के साथ रिश्ते मजबूत करने की बात कही थी। उन्होंने कहा था, मुझे उम्मीद है कि ताइवान और अमेरिका हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता, संपन्नता और विकास को प्रोत्साहन देने के लिए मिलकर काम करेंगे।

हालांकि, अमेरिका के वरिष्ठ अधिकारी का ताइवान दौरा चीन को अखर गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन ने अमेरिकी अधिकारी की यात्रा के दौरान ही शक्ति प्रदर्शन के लिए अपने जेट फाइटर ताइवान स्ट्रेट के पास भेजे। ताइवान की वायुसेना ने जेट इकठ्ठे किए और चीन की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम ऐक्टिव कर दिया।


शुक्रवार को चीन के सैन्य अभ्यास के कदम को लेकर ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने भी ट्वीट किया था। इस ट्वीट में कहा गया था, पीएलए सेना की इस हरकत से ताइवान के लोगों में आक्रोश है। हम चीन से शांति और स्थिरता बनाए रखने की मांग करते हैं। इसी महीने ताइवान ने चीन को चेतावनी दी थी कि वो हद पार ना करें क्योंकि वह भले ही शांति चाहता है लेकिन अपने लोगों की रक्षा करना भी जानता है।

ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग वेन चीन की मुखर आलोचक रही हैं। उन्होंने साफ कहा है कि वह वन नेशन टू सिस्टम के नाम पर चीन का आधिपत्य स्वीकार नहीं करेंगी। साई का राष्ट्रपति के तौर पर ये दूसरा कार्यकाल है।

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