दुनिया / चीन की धमकी- एशिया में अमेरिका का दांव खतरनाक, भड़क सकता है युद्ध

AajTak : Jul 08, 2020, 05:03 PM
चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की ओर से नियंत्रित अखबार ग्लोबल टाइम्स ने दुनिया में युद्ध के संकट की चेतावनी दी है। अखबार ने अमेरिका के भीषण दबाव को स्वीकार किया है और कहा है कि अमेरिका दुनिया के बड़े देशों के बीच के रिश्तों को बर्बाद कर रहा है।

अखबार ने लिखा है कि अमेरिका दुनिया की बड़ी शक्तियों के बीच विरोध की स्थिति पैदा कर रहा है। इससे अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर प्रभाव पड़ेगा और वैश्विकरण पर बुरा असर होगा। इसके अवांछित परिणाम देखने को मिलेंगे।

ग्लोबल टाइम्स ने कहा है कि अमेरिका अपने लाभ के लिए भीषण जियोपॉलिटिकल (भूराजनैतिक) टूल का इस्तेमाल कर रहा है। चीन के साथ वैचारिक विवाद को खतरनाक स्तर पर ले जा रहा है। क्योंकि अमेरिका के लिए अपने सहयोगी देशों को चीन के खिलाफ खड़ा करने का ये सबसे आसान रास्ता है।

ग्लोबल टाइम्स ने कहा है कि अमेरिका उन सभी देशों का समर्थन कर रहा है जिनका चीन के साथ क्षेत्रीय विवाद रहा है। ऐसे देशों को अमेरिका चीन के खिलाफ कड़ा रुख तय करने के लिए भी उकसा रहा है। और अन्य देशों के लोगों को इसके लिए तैयार कर रहा है कि वह चीन के साथ सहयोग न करें।

चीन के प्रमुख अंग्रेजी अखबार ने लिखा है कि अमेरिका के अपना प्रभाव मजबूत करने कोशिशों की कीमत दुनिया को चुकानी होगी। पश्चिमी दुनिया और अन्य देशों को अमेरिका अपने साथ आने को कह रहा है। जबकि चीन का बाजार करीब अमेरिका के बराबर का है और करीब 100 देश चीन के व्यापारिक साझेदार हैं।

ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि दुनिया को इससे नुकसान होगा और लंबे वक्त तक कीमत चुकानी होगी और कोरोना महामारी सिर्फ एक लहर है। चीनी अखबार ने यह भी कहा है कि अमेरिका महामारी को सिर्फ 2 नजरों से देखता है, एक, अमेरिका में आने वाले चुनाव की नजर से और दो, अंतरराष्ट्रीय भूराजनैतिक गतिविधि को लेकर।

चीनी सरकार का मुखपत्र समझे जाने वाले अखबार का कहना है कि कोरोना को लेकर अमेरिका में वैज्ञानिक दृष्टिकोण की कमी है और इसकी वजह से अंतरराष्ट्रीय सहयोग में सबसे बड़ी दिक्कत पैदा हुई। अगर अमेरिका और चीन, साथ आकर काम करते तो कोरोना कम गंभीर रूप लेता। 

चीनी अखबार ने लिखा है कि अमेरिका के कदम की वजह से आने वाले दिनों में विदेश जाना और विदेश में पढ़ाई करने की स्थिति बदल जाएगी और काफी लोगों की जिंदगी भी पहले ही तरह नहीं रहेगी। हम संभवत: ऐसे समय में जा रहे हैं जहां अधिक नफरत होगी और युद्ध का संकट भी होगा। कई देश काफी अधिक नर्वस होंगे। इसके पीछे रहने वाले अमेरिका के पॉलिटिकल इलीट तो इतिहास शर्मिंदा करेगा।

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