News18 : Apr 24, 2020, 01:21 PM
दिल्ली: दुनियाभर में फैल चुका कोरोना वायरस (Coronavirus) अब तक 27 लाख से ज्यादा लोगों को संक्रमित कर चुका है। इनमें 1.90 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। ज्यादातर देश कोरोना वायरस का इलाज ढूंढने (Treatment) और वैक्सीन (Vaccine) बनाने में जुटे हैं। इसी बीच चीन की बडी फार्मास्युटिकल कंपनी ने पाकिस्तान (Pakistan) के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) को साथ मिलकर COVID-19 वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल की पेशकश की है।
सिनोफार्म इंटरनेशनल कॉरपोरेशन (SinoPharm International Corp।) की ओर से एनआईएच के कार्यकारी निदेशक मेजर जनरल डॉ। आमिर इकराम को भेजे लेटर में फार्मा कंपनी ने कहा है कि वह अपनी नई वैक्सीन का पाकिस्तान में क्लीनिकल ट्रायल (Clinical Trial) करना चाहती है। साथ ही कहा है कि पाकिस्तान में वैक्सीन का सफल क्लीनिकल ट्रायल दुनिया को कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीन देगा।
क्लीनिकल ट्रायल्स के लिए लेनी होगी एथिक्स कमेटी की मंजूरीडॉ। इकराम ने बताया कि उन्हें बुधवार को चीन की फार्मा कंपनी की ओर से भेजा गया लेटर मिल गया है। हालांकि, अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया है, लेकिन वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल में शामिल होना पाकिस्तान के लिए बहुत अच्छी बात होगी। हम देश में क्लीनिकल ट्रायल्स बढाना चाहते हैं। क्लीनिकल ट्रायल्स शुरू करने पहले हमें एथिक्स कमेटी से अनुमति भी लेनी होगी। जैसे ही हमें इसकी मंजूरी मिल जाएगी, क्लीनिकल ट्रायल्स शुरू कर दिए जाएंगे।डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, डॉ। इकराम ने कहा कि अगर नई वैक्सीन के ट्रायल्स पाकिस्तान में होते हैं और सफल रहते हैं तो हमें उच्च प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीन खरीदने का मौका दिया जाएगा। बता दें कि पाकिस्तान का एनआईएच राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवाओं के मंत्रालय के अधीन काम करने वाली स्वायत्त संस्था (Autonomous Organisation) है।क्लीनिकल ट्रायल्स में तेजी के लिए बदले गए हैं प्रोटोकॉल
एनआईएच ने बताया कि चीन की दो कंपनियों ने पाकिस्तान में वैक्सीन बनाने को लेकर पहले ही समझौते कर लिए हैं। सिनोफार्म की ओर से भेजी चिट्ठी में कहा गया है कि दुनियाभर में कोविड-19 वैक्सीन को जल्द से जल्द तैयार करने के लिए इमरजेंसी प्रोटोकॉल शुरू कर दिया गया है ताकि क्लीनिकल ट्रायल्स को लेकर किसी तरह की समस्या न आए। चीन में क्लीनिकल ट्रायल्स के फेज-1 और 2 को मिला दिया गया है ताकि वैक्सीन बनाने की प्रक्रिया को तेज किया जा सके।चिट्ठी में उम्मीद जताई गई है कि पाकिस्तान की ड्रग रेग्युलेटरी अथॉरिटी (DRAP) भी यही रुख अपनाएगी। सिनोफार्म चीन की सरकारी कंपनी है, जो नोवल कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने की दिशा में कदम बढाने वाली पहली कंपनी है। ये कंपनी चीन में अनिवार्य टीकों में से 80 प्रतिशत का उत्पादन करती है। कोरोना वायरस की रोकथाम में भी सिनोफार्म ने अहम भूमिका निभाई है।
चीन ने ट्रायल्स शुरू करने से पहले त्रिपक्षीय समझौते की बात कीडॉ। इकराम ने कहा कि एनआईएच के पास क्लीनिकल ट्रायल्स के लिए सभी जरूरी संसाधन उपलब्ध हैं। एनआईएच किसी एक मेडिकल इंस्टीट्यूट को ट्रायल्स में शामिल होने वालों को भर्ती करने का जिम्मा सौंप सकता है। लेटर में प्रस्ताव दिया गया है कि क्लीनिकल ट्रायल्स के लिए सिनोफार्म, उसकी प्रतिनिधि कंपनी हेल्थबी प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड और एनआईएच त्रिपक्षीय करार (MoU) कर सकते हैं।सिनोफार्म ने कहा है कि इस समय क्लीनिकल ट्रायल्स के फेज-1 और 2 को एकसाथ करने की बहुत जरूरत है। त्रिपक्षीय समझौता होने से सिनोफार्म क्लीनिकल ट्रायल्स की अनुमति और योजना को लेकर गोपनीय जानकारी साझा कर सकेगी। सिनोफार्म ने कहा है कि वह एनआईएच को हर तरह की मदद मुहैया कराएगी।
सिनोफार्म इंटरनेशनल कॉरपोरेशन (SinoPharm International Corp।) की ओर से एनआईएच के कार्यकारी निदेशक मेजर जनरल डॉ। आमिर इकराम को भेजे लेटर में फार्मा कंपनी ने कहा है कि वह अपनी नई वैक्सीन का पाकिस्तान में क्लीनिकल ट्रायल (Clinical Trial) करना चाहती है। साथ ही कहा है कि पाकिस्तान में वैक्सीन का सफल क्लीनिकल ट्रायल दुनिया को कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीन देगा।
क्लीनिकल ट्रायल्स के लिए लेनी होगी एथिक्स कमेटी की मंजूरीडॉ। इकराम ने बताया कि उन्हें बुधवार को चीन की फार्मा कंपनी की ओर से भेजा गया लेटर मिल गया है। हालांकि, अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया है, लेकिन वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल में शामिल होना पाकिस्तान के लिए बहुत अच्छी बात होगी। हम देश में क्लीनिकल ट्रायल्स बढाना चाहते हैं। क्लीनिकल ट्रायल्स शुरू करने पहले हमें एथिक्स कमेटी से अनुमति भी लेनी होगी। जैसे ही हमें इसकी मंजूरी मिल जाएगी, क्लीनिकल ट्रायल्स शुरू कर दिए जाएंगे।डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, डॉ। इकराम ने कहा कि अगर नई वैक्सीन के ट्रायल्स पाकिस्तान में होते हैं और सफल रहते हैं तो हमें उच्च प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीन खरीदने का मौका दिया जाएगा। बता दें कि पाकिस्तान का एनआईएच राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवाओं के मंत्रालय के अधीन काम करने वाली स्वायत्त संस्था (Autonomous Organisation) है।क्लीनिकल ट्रायल्स में तेजी के लिए बदले गए हैं प्रोटोकॉल
एनआईएच ने बताया कि चीन की दो कंपनियों ने पाकिस्तान में वैक्सीन बनाने को लेकर पहले ही समझौते कर लिए हैं। सिनोफार्म की ओर से भेजी चिट्ठी में कहा गया है कि दुनियाभर में कोविड-19 वैक्सीन को जल्द से जल्द तैयार करने के लिए इमरजेंसी प्रोटोकॉल शुरू कर दिया गया है ताकि क्लीनिकल ट्रायल्स को लेकर किसी तरह की समस्या न आए। चीन में क्लीनिकल ट्रायल्स के फेज-1 और 2 को मिला दिया गया है ताकि वैक्सीन बनाने की प्रक्रिया को तेज किया जा सके।चिट्ठी में उम्मीद जताई गई है कि पाकिस्तान की ड्रग रेग्युलेटरी अथॉरिटी (DRAP) भी यही रुख अपनाएगी। सिनोफार्म चीन की सरकारी कंपनी है, जो नोवल कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने की दिशा में कदम बढाने वाली पहली कंपनी है। ये कंपनी चीन में अनिवार्य टीकों में से 80 प्रतिशत का उत्पादन करती है। कोरोना वायरस की रोकथाम में भी सिनोफार्म ने अहम भूमिका निभाई है।
चीन ने ट्रायल्स शुरू करने से पहले त्रिपक्षीय समझौते की बात कीडॉ। इकराम ने कहा कि एनआईएच के पास क्लीनिकल ट्रायल्स के लिए सभी जरूरी संसाधन उपलब्ध हैं। एनआईएच किसी एक मेडिकल इंस्टीट्यूट को ट्रायल्स में शामिल होने वालों को भर्ती करने का जिम्मा सौंप सकता है। लेटर में प्रस्ताव दिया गया है कि क्लीनिकल ट्रायल्स के लिए सिनोफार्म, उसकी प्रतिनिधि कंपनी हेल्थबी प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड और एनआईएच त्रिपक्षीय करार (MoU) कर सकते हैं।सिनोफार्म ने कहा है कि इस समय क्लीनिकल ट्रायल्स के फेज-1 और 2 को एकसाथ करने की बहुत जरूरत है। त्रिपक्षीय समझौता होने से सिनोफार्म क्लीनिकल ट्रायल्स की अनुमति और योजना को लेकर गोपनीय जानकारी साझा कर सकेगी। सिनोफार्म ने कहा है कि वह एनआईएच को हर तरह की मदद मुहैया कराएगी।