NavBharat Times : Jul 12, 2020, 08:18 AM
पेइचिंग: शिनजियांग प्रांत में उइगुर मुसलमानों को लेकर आलोचना का सामना कर रहे चीन ने अपने आक्रामक तेवर को और तेज कर दिया है। चीन ने धमकी दी है कि वह मुसलमानों के उत्पीड़न को लेकर खुलासा करने वाले रिसर्चर्स और थिंक टैंक्स के खिलाफ मुकदमा दर्ज करेगा। इनके खुलासों के कारण ही चीन की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेइज्जती हो रही है।
ग्लोबल टाइम्स ने मुकदमें की दी जानकारीचीन की सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स के अनुसार, जर्मनी के रिसर्चर एड्रियन जेन्ज और ऑस्ट्रेलिया के स्ट्रैटजिक पॉलिसी इंस्टीट्यूट के खिलाफ गलत सूचना फैलने को लेकर मुकदमा चलाया जाएगा। बता दें कि एड्रियन जेन्ज ने ही खुलासा किया था कि चीन शिनजियांग में उइगुर मुसलमानों की जनसंख्या को बढ़ने से रोकने के लिए जबरदस्ती नसबंदी करवा रहा है।
इंटरनेशनल कोर्ट पहुंचा उइगुर नरसंहार मामलाचीन के उइगुर मुसलमानों के नरसंहार, मानवाधिकार हनन और अत्याचार का मामला अब अंतरराष्ट्रीय क्रिमिनल कोर्ट पहुंच गया है। इस मामले में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग समेत कम्युनिस्ट पार्टी और चीनी सेना के कई बड़े अधिकारियों को आरोपी बनाया गया है। इस केस को उइगुर समुदाय से जुड़ी दो संस्थाओं ने लंदन के वकीलों के माध्यम से दर्ज करवाया है।
चीन पर क्या हैं आरोपचीन पर आरोप है कि उसने शिनजिंयाग प्रांत में रहने वाले लाखों उइगुर मुसलमानों को मानवाधिकार का हनन करते हुए उन्हें जबरन डिटेंशन कैंप में कैद कर रखा है। जबकि लाखों लोगों की विरोध के नाम पर गुपचुप तरीके से हत्या कर दी गई। इतना ही नहीं, उइगुर मुस्लिमों की चीन जबरन नसबंदी भी करवा रहा है। जिससे इनकी आबादी न बढ़ सके। चीन के ऊपर यह भी आरोप है कि वह उइगुर मुसलमानों की धार्मिक स्वतंत्रता खत्म कर चुका है।
पाकिस्तान समेत मुस्लिम देशों का क्या रूखउइगुर मुसलमानों पर अत्याचार को लेकर अभी तक किसी भी मुस्लिम देश ने चीन का खुलकर विरोध नहीं किया है। दुनियाभर के मुसलमानों के मसीहा सऊदी अरब, तुर्की और पाकिस्तान के मुंह से उइगुरों को लेकर आज तक एक शब्द नहीं निकला है। ये सभी देश इस मामले में पड़कर चीन की दुश्मनी मोल नहीं लेना चाहते। जबकि, धरती के दूसरे किसी भी हिस्से में मुसलमानों को लेकर इनका रवैया एकदम सख्त रहता है।
उइगुर मामले पर अमेरिका ने उठाया सख्त कदमअमेरिका ने 9 जुलाई को उइगुर मुसलमानों के मानवाधिकार हनन के मामले में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के तीन वरिष्ठ अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाया था। अमेरिका ने पहले ही चीन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी थी। कहा जा रहा है कि अमेरिका आगे भी कई अन्य चीनी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का मन बना रहा है।इन तीन अधिकारियों को किया प्रतिबंधितजिन तीन अधिकारियों पर अमेरिका ने प्रतिबंध लगाया है उनमें शिनजियांग उइगर स्वायत्त क्षेत्र (XUAR) के चीनी कम्युनिस्ट पार्टी सचिव चेन क्वांगो, शिनजियांग पोलिटिकल और लीगल कमेटी के सचिव झू हैलून और शिनजियांग पब्लिक सिक्योरिटी ब्यूरो के वर्तमान पार्टी सचिव वैंग मिंगशान शामिल हैं। इन तीनों के अलावा इनके परिवार के सदस्य भी अब अमेरिका में प्रवेश करने के अयोग्य हो गए हैं।तिब्बत के अधिकारियों पर अमेरिका का वीजा प्रतिबंधअमेरिका ने तिब्बत में विदेशियों की पहुंच रोकने के काम में शामिल चीन के वरिष्ठ नागरिकों पर नए वीजा प्रतिबंध का ऐलान किया है। इतना ही नहीं, अमेरिका ने चीन के जले पर नमक छिड़कते हुए तिब्बती लोगों की सार्थक स्वायत्तता के प्रति अपने समर्थन को फिर दोहराया है। विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा कि वह तिब्बत में अमेरिकी लोगों के प्रवेश का आह्वान करने वाले अमेरिकी कानून के तहत चीन में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के कुछ अधिकारियों समेत अनेक चीनी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं।
ग्लोबल टाइम्स ने मुकदमें की दी जानकारीचीन की सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स के अनुसार, जर्मनी के रिसर्चर एड्रियन जेन्ज और ऑस्ट्रेलिया के स्ट्रैटजिक पॉलिसी इंस्टीट्यूट के खिलाफ गलत सूचना फैलने को लेकर मुकदमा चलाया जाएगा। बता दें कि एड्रियन जेन्ज ने ही खुलासा किया था कि चीन शिनजियांग में उइगुर मुसलमानों की जनसंख्या को बढ़ने से रोकने के लिए जबरदस्ती नसबंदी करवा रहा है।
इंटरनेशनल कोर्ट पहुंचा उइगुर नरसंहार मामलाचीन के उइगुर मुसलमानों के नरसंहार, मानवाधिकार हनन और अत्याचार का मामला अब अंतरराष्ट्रीय क्रिमिनल कोर्ट पहुंच गया है। इस मामले में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग समेत कम्युनिस्ट पार्टी और चीनी सेना के कई बड़े अधिकारियों को आरोपी बनाया गया है। इस केस को उइगुर समुदाय से जुड़ी दो संस्थाओं ने लंदन के वकीलों के माध्यम से दर्ज करवाया है।
चीन पर क्या हैं आरोपचीन पर आरोप है कि उसने शिनजिंयाग प्रांत में रहने वाले लाखों उइगुर मुसलमानों को मानवाधिकार का हनन करते हुए उन्हें जबरन डिटेंशन कैंप में कैद कर रखा है। जबकि लाखों लोगों की विरोध के नाम पर गुपचुप तरीके से हत्या कर दी गई। इतना ही नहीं, उइगुर मुस्लिमों की चीन जबरन नसबंदी भी करवा रहा है। जिससे इनकी आबादी न बढ़ सके। चीन के ऊपर यह भी आरोप है कि वह उइगुर मुसलमानों की धार्मिक स्वतंत्रता खत्म कर चुका है।
पाकिस्तान समेत मुस्लिम देशों का क्या रूखउइगुर मुसलमानों पर अत्याचार को लेकर अभी तक किसी भी मुस्लिम देश ने चीन का खुलकर विरोध नहीं किया है। दुनियाभर के मुसलमानों के मसीहा सऊदी अरब, तुर्की और पाकिस्तान के मुंह से उइगुरों को लेकर आज तक एक शब्द नहीं निकला है। ये सभी देश इस मामले में पड़कर चीन की दुश्मनी मोल नहीं लेना चाहते। जबकि, धरती के दूसरे किसी भी हिस्से में मुसलमानों को लेकर इनका रवैया एकदम सख्त रहता है।
उइगुर मामले पर अमेरिका ने उठाया सख्त कदमअमेरिका ने 9 जुलाई को उइगुर मुसलमानों के मानवाधिकार हनन के मामले में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के तीन वरिष्ठ अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाया था। अमेरिका ने पहले ही चीन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी थी। कहा जा रहा है कि अमेरिका आगे भी कई अन्य चीनी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का मन बना रहा है।इन तीन अधिकारियों को किया प्रतिबंधितजिन तीन अधिकारियों पर अमेरिका ने प्रतिबंध लगाया है उनमें शिनजियांग उइगर स्वायत्त क्षेत्र (XUAR) के चीनी कम्युनिस्ट पार्टी सचिव चेन क्वांगो, शिनजियांग पोलिटिकल और लीगल कमेटी के सचिव झू हैलून और शिनजियांग पब्लिक सिक्योरिटी ब्यूरो के वर्तमान पार्टी सचिव वैंग मिंगशान शामिल हैं। इन तीनों के अलावा इनके परिवार के सदस्य भी अब अमेरिका में प्रवेश करने के अयोग्य हो गए हैं।तिब्बत के अधिकारियों पर अमेरिका का वीजा प्रतिबंधअमेरिका ने तिब्बत में विदेशियों की पहुंच रोकने के काम में शामिल चीन के वरिष्ठ नागरिकों पर नए वीजा प्रतिबंध का ऐलान किया है। इतना ही नहीं, अमेरिका ने चीन के जले पर नमक छिड़कते हुए तिब्बती लोगों की सार्थक स्वायत्तता के प्रति अपने समर्थन को फिर दोहराया है। विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा कि वह तिब्बत में अमेरिकी लोगों के प्रवेश का आह्वान करने वाले अमेरिकी कानून के तहत चीन में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के कुछ अधिकारियों समेत अनेक चीनी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं।