सीमा विवाद / चीन की होगी चौतरफा घेराबंदी, भारत के समर्थन में US-जापान से लेकर आसियान देश तक

News18 : Jul 04, 2020, 08:57 AM
नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत और चीन के बीच तनाव (India-China Standoff ) लगातार जारी है। शुक्रवार को पीएम मोदी (PM Modi) के लद्दाख दौरे के बाद सैनिकों के हौसले सातवें आसमान पर हैं। भारत पूरे मसले को बातचीत से सुलझाने के पक्ष में है, लेकिन अगर चीन ने बात नहीं मानी तो भारतीय सैनिक (Indian Army) उसे करारा जवाब देने के लिए तैयार हैं। अतंरराष्ट्रीय मंच पर भी चीन चौतरफा घिर चुका है। भारत को सिर्फ अमेरिका ही नहीं दुनिया के दर्जनों देशों का समर्थन हासिल है। आइए एक नजर डालते हैं कि भारत के पक्ष में कौन-कौन से देश हैं। यानी वो देश जो भारत के साथ सीमा विवाद को लेकर चीन को खरी खोटी सुना चुके हैं।


अमेरिका

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के निशाने पर चीन पहले से ही है। वो पहले ही चीन पर कोरोना वायरस फैलाने का आरोप लगा चुके है। इसके अलावा अमेरिका ने साफ-साफ शब्दों में कहा है कि LAC पर विवाद के लिए चीन पूरी तरह जिम्मेदार है। बुधवार को व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कायले मैकनेनी ने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का मानना है कि भारत-चीन सीमा पर बीजिंग का आक्रामक रवैया चीन की कम्युनिस्ट पार्टी का असली चेहरा है। इसके अलावा अमेरिका ने भारत की तरफ से चीन के एप को बैन लगाने का भी समर्थन किया है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने भारत के इस कदम का स्वागत किया है।


फ्रांस

चीन से तनातनी के बीच भारत को फ्रांस का भी समर्थन मिला है। फ्रांस के रक्षामंत्री ने राजनाथ सिंह को चिट्ठी लिखकर भारतीय जवानों की शहादत पर दुख जताया। फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली ने लिखा था 'ये सैनिकों, उनके परिवारों और राष्ट्र के खिलाफ एक कठिन आघात था। इस कठिन हालात में, मैं फ्रांसीसी सेना के साथ अपना समर्थन को व्यक्त करना चाहती हूं। फ्रांस की सेना आपके साथ खड़ी है।' इसके अलावा मंगलवार को फ्रांस के विदेश मंत्री ने एस जयशकंर से इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की। भारत फ्रांस से 36 राफेल विमान खरीदने का सौदा भी कर चुका है।

जापान

जापान ने भी सीमा विवाद पर भारत का समर्थन किया है। जापान ने कहा है कि वो नियंत्रण रेखा पर यथास्थिति को बदलने वाली किसी भी एकतरफा प्रयास का विरोध करता है। जापान ने भारत के प्रयासों की तारीफ की है। जापान के भारत में राजदूत सतोषी सुजूकी ने भारतीय विदेश सचिव हर्ष श्रींगला से मुलाकात के बाद ट्वीट किया, 'भारत सरकार के शांतिपूर्व समाधान के प्रयासों की मैं तारीफ करता हूं। जापान आशा करता है कि इस विवाद का शांतिपूर्वक समाधान होगा।' इतना ही नहीं जापान और चीन के बीच सेनकाकू द्वीप को लेकर भी तनातनी का माहौल है।


ऑस्ट्रेलिया

ऑस्ट्रेलिया ने कहा है कि इंडो-पैसिफ़िक क्षेत्र में अमरीका और चीन में बढ़ते तनाव के बीच वो अपने सैन्य खर्चों का बजट बढ़ाएंगे। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कहा है कि वो अगले 10 साल में सेना का बजट 270 अरब ऑस्ट्रेलियन डॉलर करेंगे। ये 40 फ़ीसदी की बढोत्तरी है।

ASEAN देश

दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों (ASEAN) के नेताओं ने दक्षिण चीन सागर को लेकर चीन के खिलाफ सख्‍त टिप्‍पणी की है। सदस्‍य देशों के नेताओं ने कहा कि 1982 में हुई संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून संधि के आधार पर दक्षिण चीन सागर में संप्रभुता का निर्धारण किया जाना चाहिए। चीन ने हाल के सालों में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इस समुद्री क्षेत्र पर दावे को लेकर आक्रमक रुख अपनाया है। उसके द्वारा जिन इलाकों पर दावा किया जा रहा है, उससे आसियान सदस्य देशों वियतनाम, मलेशिया, फिलीपीन और ब्रुनेई के क्षेत्र में अतिक्रमण होता है। ताइवान ने भी विवादित क्षेत्र के बड़ हिस्से पर दावा किया है।


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