AajTak : Apr 22, 2020, 09:15 AM
कोरोना रैपिड टेस्ट किट को लेकर उठ रहे सवालों पर चीन की ओर से सफाई आई है। भारत में चीनी दूतावास के प्रवक्ता ने बुधवार को कहा है कि चीन निर्यात किए गए चिकित्सा उत्पादों की गुणवत्ता को बहुत महत्व देता है। संबंधित भारतीय एजेंसी के साथ हम संपर्क में हैं और आवश्यक मदद की जाएगी।
दरअसल, केंद्र सरकार ने रैपिड किट टेस्ट पर देशभर में दो दिन के लिए रोक लगा दी है। राजस्थान सरकार के रैपिड टेस्ट के नतीजों पर गंभीर सवाल उठाने के बाद रोक लगाई गई है। अब केंद्रीय टीमें इस टेस्ट के नतीजों की गंभीरता से जांच करेगी उसके बाद ही अगले कदम का ऐलान किया जाएगा।
क्या है पूरा मामला
केंद्र सरकार को रैपिड टेस्ट पर दो दिन का ब्रेक इसलिए लगाना पड़ा, क्योंकि राजस्थान सरकार ने इसके नतीजों पर सवाल उठा दिए। जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती 168 कोरोना मरीजों का रैपिड टेस्ट किया गया, लेकिन सिर्फ 5 फीसदी मरीज ही टेस्ट में पॉजिटिव मिले। इसके बाद गहलोत सरकार ने प्रदेश में रैपिड टेस्ट करने पर रोक लगा दी।
लगाई गई दो दिन की रोक
133 करोड़ की आबादी वाले हिंदुस्तान में कोरोना जांच के लिए रैपिड टेस्ट को गेमचेंजर माना जा रहा था, लेकिन टेस्ट के इस मेथड़ के नतीजों पर सवाल उठने के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय और आईसीएमआर ने दो दिन के लिए रैपिड टेस्ट पर रोक लगा दी है। इन दो दिनों में केंद्र की विशेषज्ञ टीमें रैपिट टेस्ट किट की जांच करेंगी।किसके पास कितने किट?
अबतक देश के तमाम राज्यों में लाखों रैपिड टेस्ट किट बांटी जा चुकी है। दिल्ली को 42,000 किट दिए गए हैं। राजस्थान के पास भी 10 हजार किट पहुंच चुके हैं। उत्तर प्रदेश के पास 8500 रैपिड टेस्टिंग किट है। पंजाब और गुजरात के पास क्रमश: 10 हजार 100 और 24 हजार किट भेजे गए हैं।
कैसे होता है रैपिड टेस्टइस टेस्ट में उंगली से खून की एक- दो बूंदे निकाली जाती हैं। फिर किट में डालकर एंटीबॉडी टेस्ट किया जाता है। अगर इंसान के शरीर में कोरोना या किसी और वायरस का इंफेक्शन है तो एंटीबॉडी टेस्ट पॉजिटिव आता है। हालांकि उस व्यक्ति को कोरोना का ही इंफेक्शन है इसके लिए फिर आगे टेस्ट करने की जरूरत पड़ती है। इसे रैपिड टेस्ट इसलिए कहा जाता है, क्योंकि इसके नतीजे 15 से 20 मिनट में ही आ जाते हैं।
दरअसल, केंद्र सरकार ने रैपिड किट टेस्ट पर देशभर में दो दिन के लिए रोक लगा दी है। राजस्थान सरकार के रैपिड टेस्ट के नतीजों पर गंभीर सवाल उठाने के बाद रोक लगाई गई है। अब केंद्रीय टीमें इस टेस्ट के नतीजों की गंभीरता से जांच करेगी उसके बाद ही अगले कदम का ऐलान किया जाएगा।
क्या है पूरा मामला
केंद्र सरकार को रैपिड टेस्ट पर दो दिन का ब्रेक इसलिए लगाना पड़ा, क्योंकि राजस्थान सरकार ने इसके नतीजों पर सवाल उठा दिए। जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती 168 कोरोना मरीजों का रैपिड टेस्ट किया गया, लेकिन सिर्फ 5 फीसदी मरीज ही टेस्ट में पॉजिटिव मिले। इसके बाद गहलोत सरकार ने प्रदेश में रैपिड टेस्ट करने पर रोक लगा दी।
लगाई गई दो दिन की रोक
133 करोड़ की आबादी वाले हिंदुस्तान में कोरोना जांच के लिए रैपिड टेस्ट को गेमचेंजर माना जा रहा था, लेकिन टेस्ट के इस मेथड़ के नतीजों पर सवाल उठने के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय और आईसीएमआर ने दो दिन के लिए रैपिड टेस्ट पर रोक लगा दी है। इन दो दिनों में केंद्र की विशेषज्ञ टीमें रैपिट टेस्ट किट की जांच करेंगी।किसके पास कितने किट?
अबतक देश के तमाम राज्यों में लाखों रैपिड टेस्ट किट बांटी जा चुकी है। दिल्ली को 42,000 किट दिए गए हैं। राजस्थान के पास भी 10 हजार किट पहुंच चुके हैं। उत्तर प्रदेश के पास 8500 रैपिड टेस्टिंग किट है। पंजाब और गुजरात के पास क्रमश: 10 हजार 100 और 24 हजार किट भेजे गए हैं।
कैसे होता है रैपिड टेस्टइस टेस्ट में उंगली से खून की एक- दो बूंदे निकाली जाती हैं। फिर किट में डालकर एंटीबॉडी टेस्ट किया जाता है। अगर इंसान के शरीर में कोरोना या किसी और वायरस का इंफेक्शन है तो एंटीबॉडी टेस्ट पॉजिटिव आता है। हालांकि उस व्यक्ति को कोरोना का ही इंफेक्शन है इसके लिए फिर आगे टेस्ट करने की जरूरत पड़ती है। इसे रैपिड टेस्ट इसलिए कहा जाता है, क्योंकि इसके नतीजे 15 से 20 मिनट में ही आ जाते हैं।