बड़ी खबर / आईपीएल से नाता तोड़ेगी चीनी कंपनी वीवो

News18 : Aug 05, 2020, 07:19 AM
नई दिल्ली। लद्दाख सीमा पर भारत और चीन के बीच तनातनी के बाद भारत में कई चाइनीज ऐप को बैन किया गया, साथ ही चाइनीज कंपनियों के खिलाफ भी विरोध के सुर उठे। हालांकि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने आईपीएल के मुख्य प्रायोजक वीवो, जो कि एक चाइनीज कंपनी है, उससे करार नहीं तोड़ा। रविवार को हुई आईपीएल गवर्निंग काउंसिल (IPL 2020) की बैठक में वीवो को मुख्य प्रायोजक बरकरार रखा गया। लेकिन अब मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक खबर है कि चीनी कंपनी वीवो खुद आईपीएल से नाता तोड़ने वाली है।

आईपीएल का साथ छोड़ेगी चीनी कंपनी वीवो?

अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक वीवो इंडिया (Vivo India) आईपीएल से नाम वापस लेने पर विचार कर रही है। ऐसी खबरें हैं कि कम से कम इस साल के लिए वीवो कंपनी आईपीएल के प्रायोजन को छोड़ेगी। क्रिकेट फैंस और दूसरी संस्थाएं लगातार वीवो के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं जिसके बाद वीवो के लिए ये फैसला लेना और आसान हो गया है।


बीसीसीआई का हो रहा था विरोधी

बता दें वीवो को आईपीएल (IPL 2020) प्रायोजक बरकरार रखने के फैसले के बाद लगातार बीसीसीआई का विरोध हो रहा था। स्वदेशी जागरण मंच और ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन ने आईपीएल के बहिष्कार का ऐलान भी किया था। ट्रेड यूनियन ने तो गृह मंत्री अमित शाह को भी आईपीएल रुकवाने के लिए खत लिख दिया था। संघ से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सह-संयोजक अश्विनी महाजन ने बीसीसीआई का विरोध करते हुए कहा था, 'आईपीएल एक बिजनेस है और जो इसे चला रहे हैं उन्हें देश की भावनाओं का ख्याल नहीं है। सारी दुनिया चीन का बहिष्कार कर रही है और आईपीएल उन भावनाओं को आहत कर रहा है। उनको ये बात समझनी चाहिए कि देश से ऊपर क्रिकेट नहीं है।'


बीसीसीआई ने बताया था वीवो से देश को फायदा

बता दें बीसीसीआई (BCCI) ने जून में ही कह दिया था कि वीवो के साथ करार तोड़ने का उसका कोई इरादा नहीं है। बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष अरुण धूमल ने कहा था कि आईपीएल में चीनी कंपनी से आ रहे पैसे की वजह से हिंदुस्तान को फायदा हो रहा है ना कि चीन को। बता दें बीसीसीआई को वीवो से सालाना 440 करोड़ रुपये मिलते हैं जिसके साथ उसका करार 2022 में खत्म होना है। हालांकि अब खबरें आ रही हैं कि वीवो खुद इस साल के लिए इस करार को तोड़ने पर विचार कर रही है।

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