AMAR UJALA : Apr 11, 2020, 03:17 PM
कोरोना वायरस महामारी के दौरान अपनी चीजें और संसाधन बचाकर दूसरों की मदद करने के लिए चूरू के जिलाधिकारी ने एक अनूठी पहल ‘गिव अप समथिंग’ की शुरुआत की है। इसे इलाके के लोगों से अच्छा समर्थन मिला है और वे भी कुछ न कुछ बचाकर या छोड़कर जरूरतमंद लोगों की मदद को आगे आ रहे हैं।
इस पहल का उद्देश्य लॉकडाउन के मौजूदा समय में लोगों को मानवता के हित में कुछ त्याग करने का संकल्प दिलाना है। चूरु के जिलाधिकारी संदेश नायक ने कहा, हमारे लिए यह समय कुछ न कुछ ऐसा छोड़ने और त्यागने का है जिसके बिना भी हम रह सकते हैं। उन्होंने कहा कि संकट के इस समय में हमें संसाधनों को बचाना चाहिए और उपलब्ध चीजों का इस्तेमाल विवेकपूर्ण तरीके से करना चाहिए।जिलाधिकारी ने इसकी पहल अपना दोपहर का भोजन जरूरतमंदों को देकर की है और लोगों को भी इसी तरह के कदम उठाने को प्रेरित किया है। उन्होंने कहा कि तीन दिन पहले शुरू की गई इस पहल को जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ-साथ जिले के लोगों, कार्यकर्ताओं और अन्य लोगों से अच्छी प्रतिक्रिया मिली है।
उन्होंने कहा कि पहल का मूल विचार यही है कि मौजूदा लॉकडाउन के दौरान चीजों और सामान आदि के विवेकपूर्ण उपयोग के बारे में लोगों को जागरूक किया जाए और उन्हें दूसरों की मदद करने के लिए प्रेरित किया जाए। नायक ने कहा, हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रयास कर रहे हैं कि इस दौरान कोई भी भूखा न सोए और लोगों को यह समझना चाहिए कि इस समय जिन चीजों के बिना रहा जा सकता है, उनके बिना रहना भी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस संक्रमण के चलते चूरू शहर और सरदार शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया है। जिलाधिकारी ने कहा कि जब लॉकडाउन और कर्फ्यू के कारण लोग घरों में बंद थे तो उन्हें या अधिकारियों को फोन करते कि फल, चॉकलेट, सब्जी या आईसक्रीम नहीं मिल रही है।
उस वक्त उन्हें लगा कि हमें उपलब्ध संसाधनों सामान का विवेकपूर्ण इस्तेमाल करते हुए लोगों को उन चीजों को छोड़ने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए जिनका बिना भी वे रह सकते हैं या उनका काम चल सकता है। संसाधनों के अलावा, जिलाधिकारी ने कहा कि उन्होंने लोगों से लॉकडाउन की अवधि में नशे और बुरी लतों को छोड़ने की भी अपील की है।
इस पहल का उद्देश्य लॉकडाउन के मौजूदा समय में लोगों को मानवता के हित में कुछ त्याग करने का संकल्प दिलाना है। चूरु के जिलाधिकारी संदेश नायक ने कहा, हमारे लिए यह समय कुछ न कुछ ऐसा छोड़ने और त्यागने का है जिसके बिना भी हम रह सकते हैं। उन्होंने कहा कि संकट के इस समय में हमें संसाधनों को बचाना चाहिए और उपलब्ध चीजों का इस्तेमाल विवेकपूर्ण तरीके से करना चाहिए।जिलाधिकारी ने इसकी पहल अपना दोपहर का भोजन जरूरतमंदों को देकर की है और लोगों को भी इसी तरह के कदम उठाने को प्रेरित किया है। उन्होंने कहा कि तीन दिन पहले शुरू की गई इस पहल को जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ-साथ जिले के लोगों, कार्यकर्ताओं और अन्य लोगों से अच्छी प्रतिक्रिया मिली है।
उन्होंने कहा कि पहल का मूल विचार यही है कि मौजूदा लॉकडाउन के दौरान चीजों और सामान आदि के विवेकपूर्ण उपयोग के बारे में लोगों को जागरूक किया जाए और उन्हें दूसरों की मदद करने के लिए प्रेरित किया जाए। नायक ने कहा, हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रयास कर रहे हैं कि इस दौरान कोई भी भूखा न सोए और लोगों को यह समझना चाहिए कि इस समय जिन चीजों के बिना रहा जा सकता है, उनके बिना रहना भी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस संक्रमण के चलते चूरू शहर और सरदार शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया है। जिलाधिकारी ने कहा कि जब लॉकडाउन और कर्फ्यू के कारण लोग घरों में बंद थे तो उन्हें या अधिकारियों को फोन करते कि फल, चॉकलेट, सब्जी या आईसक्रीम नहीं मिल रही है।
उस वक्त उन्हें लगा कि हमें उपलब्ध संसाधनों सामान का विवेकपूर्ण इस्तेमाल करते हुए लोगों को उन चीजों को छोड़ने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए जिनका बिना भी वे रह सकते हैं या उनका काम चल सकता है। संसाधनों के अलावा, जिलाधिकारी ने कहा कि उन्होंने लोगों से लॉकडाउन की अवधि में नशे और बुरी लतों को छोड़ने की भी अपील की है।