संसद / नागरिकता विधेयक 2019: आज लोकसभा में किया जाएगा पेश, क्या है नागरिकता संशोधन बिल, जानिये

NDTV : Dec 09, 2019, 10:10 AM
नई दिल्ली: नागरिकता (संशोधन) विधेयक, यानी सिटिज़नशिप (अमेंडमेंट) बिल (Citizenship (Amendment) Bill) या CAB को सोमवार को लोकसभा में पेश किया जाएगा।  इसके ज़रिये पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता दी जा सकेगी।  लोकसभा के पिछले कार्यकाल के दौरान यह बिल निष्प्रभावी हो गया था।  विधेयक पेश करने को देखते हुए सत्तारूढ़ भाजपा ने अपने सभी लोकसभा सदस्यों को व्हिप जारी किया कि नौ दिसम्बर से तीन दिनों तक सदन में मौजूद रहें।  एक सूत्र ने बताया कि व्हिप में भाजपा (BJP) के सभी सांसदों से सदन में मौजूद रहने के लिए कहा गया है।  लोकसभा के सोमवार की कार्य सूची के मुताबिक छह दशक पुराने नागरिकता कानून (Citizenship Amendment Bill) में संशोधन वाला विधेयक दोपहर में लोकसभा में पेश होगा और बाद में इस पर चर्चा होगी और फिर इसे पारित कराया जाएगा।  विधेयक के लोकसभा (Lok Sabha) में आसानी से पारित होने की संभावना है क्योंकि 545 सदस्यीय सदन में भाजपा के 303 सांसद हैं। 

क्या है Citizenship Amendment Bill

नागरिकता (संशोधन) विधेयक (Citizenship Amendment Bill) का उद्देश्य छह समुदायों - हिन्दू, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध तथा पारसी - के लोगों को भारतीय नागरिकता प्रदान करना है। 

बिल के ज़रिये मौजूदा कानूनों में संशोधन किया जाएगा, ताकि चुनिंदा वर्गों के गैरकानूनी प्रवासियों को छूट प्रदान की जा सके।  चूंकि इस विधेयक में मुस्लिमों को शामिल नहीं किया गया है, इसलिए विपक्ष ने बिल को भारतीय संविधान में निहित धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों के खिलाफ बताते हुए उसकी आलोचना की है। 

ख़बरों के अनुसार, नए विधेयक में अन्य संशोधन भी किए गए हैं, ताकि 'गैरकानूनी रूप से भारत में घुसे' लोगों तथा पड़ोसी देशों में धार्मिक अत्याचारों का शिकार होकर भारत में शरण लेने वाले लोगों में स्पष्ट रूप से अंतर किया जा सके। 

देश के पूर्वोत्तर राज्यों में इस विधेयक का विरोध किया जा रहा है, और उनकी चिंता है कि पिछले कुछ दशकों में बांग्लादेश से बड़ी तादाद में आए हिन्दुओं को नागरिकता प्रदान की जा सकती है। 

नागरिकता (संशोधन) विधेयक का संसद के निचले सदन लोकसभा में आसानी से पारित हो जाना तय है, लेकिन राज्यसभा में, जहां केंद्र सरकार के पास बहुमत नहीं है, इसका पारित हो जाना आसान नहीं होगा। 

कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस (TMC), द्रविड़ मुनेत्र कषगम (DMK), समाजवादी पार्टी (SP), वामदल तथा राष्ट्रीय जनता दल (RJD) इस बिल के विरोध में हैं, लेकिन राज्यसभा में मतदान की नौबत आने पर ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (AIADMK) जैसी पार्टियां सरकार के पक्ष में संतुलन कायम कर सकती हैं। 

BJP की सहयोगी असम गण परिषद (AGP) ने वर्ष 2016 में लोकसभा में पारित किए जाते वक्त बिल का विरोध किया था, और सत्तासीन गठबंधन से अलग भी हो गई थी, लेकिन जब यह विधेयक निष्प्रभावी हो गया, AGP गठबंधन में लौट आई थी। 

कांग्रेस संसद में नागरिकता (संशोधन) विधेयक का पुरजोर विरोध करेगी क्योंकि यह विधेयक देश के संविधान और पार्टी के धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के खिलाफ है।  लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने रविवार को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के 10 जनपथ आवास पर कांग्रेस संसदीय रणनीतिक समूह की बैठक के बाद यह बयान दिया। 

माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि संसद में नागरिकता (संशोधन) विधेयक पेश किए जाने पर पार्टी इसमें दो संशोधन लाएगी क्योंकि वह विधेयक के मौजूदा स्वरूप का विरोध करती है।  येचुरी ने कहा कि पार्टी दो संशोधन ला कर उन सभी शर्तों को हटाने की मांग करेगी, जो धर्म को नागरिकता प्रदान करने का आधार बनाते हैं। 

असम में नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) के खिलाफ विभिन्न प्रकार से विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं जिनमें नग्न होकर प्रदर्शन करना और तलवार लेकर प्रदर्शन करना भी शामिल है।  मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल के चबुआ स्थित निवास और गुवाहाटी में वित्त मंत्री हिमंत बिस्व सरमा के घर के बाहर सीएबी विरोधी पोस्टर चिपकाए गए। 


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