Live Hindustan : Aug 09, 2020, 07:32 AM
Delhi: मेट्रो के लोन पर केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच टकराव की स्थिति बन गई है। लॉकडाउन में परिचालन बंद होने से दिल्ली मेट्रो आर्थिक संकट से गुजर रही है। मेट्रो प्रबंधन ने केंद्र सरकार से लोन चुकाने के लिए आर्थिक मदद मांगी थी, लेकिन केंद्र ने इसे राज्य सरकार की जिम्मेदारी बताते हुए मना कर दिया है। लेकिन अब दिल्ली सरकार ने साफ किया है कि यह अकेले हमारी जिम्मेदारी नहीं है।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने 'हिन्दुस्तान' से बातचीत में साफ कहा है कि यह अकेले हमारी जिम्मेदारी नहीं है। मेट्रो का किराया बढ़ाना होता है, तब केंद्र हमसे नहीं पूछता है। बोर्ड में जब निदेशक तय करने की बात होती है, तब केंद्र नहीं पूछता है। कॉरिडोर की मंजूरी देनी होती है, तब भी हमारी नहीं सुनी जाती, तो हम अकेले पैसे क्यों चुकाएं। राज्य सरकार का कहना है कि जब मेट्रो को लेकर केंद्र सभी फैसले अकेले करता है तो पैसे देने की बारी में राज्य सरकार की जिम्मेदारी कैसे हो सकती है। दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन (डीएमआरसी) लॉकडाउन में बंदी के चलते आर्थिक संकट से गुजर रहा है। परिचालन पर पाबंदी के चलते बीते 18 सालों में पहला मौका है, जब मेट्रो घाटे में है। मेट्रो रेल योजना के लिए केंद्र ने जापानी कंपनी जीका (जापान इंटरनेशनल को-आपरेशन एजेंसी) से 35,198 करोड़ रुपये का लोन लिया है। डीएमआरसी लोन की किस्त परिचालन से होने वाले मुनाफे से चुकाती रही है। लेकिन इस बार उसके पास पैसे नहीं हैं।
मौजूदा वित्तीय वर्ष में चुकाने हैं 1242 करोड़ रुपये सूत्रों के मुताबिक दिल्ली मेट्रो को 2020-21 में कुल 1242 करोड़ रुपये से अधिक की किस्त चुकानी है। इसमें 434.15 करोड़ रुपये ब्याज और 808.68 करोड़ मूलधन है। पहली तिमाही बीत जाने के बाद मेट्रो ने सिर्फ 79.19 करोड़ रुपये ही चुकाया है, जो कि सिर्फ ब्याज का एक हिस्सा है।
मेट्रो खुलने को लेकर अब तक फैसला नहींदिल्ली मेट्रो कब तक खुलेगी इसे लेकर अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है। दिल्ली सरकार चाहती है कि मेट्रो खुले, लेकिन जून में जिस तरह से कोरोना संक्रमण की दर बढ़ी, उसके बाद फिर दोनों सरकार ने इस पर कोई फैसला नहीं लिया। हालांकि केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बयान दिया है कि मेट्रो चलाने को लेकर रणनीति तैयार है। उम्मीद है कि इस माह के अंत तक मेट्रो का परिचालन शुरू कर दिया जाएगा।
मेट्रो पर देनदारी
डीएमआरसी पर 35,198 करोड़ का लोन है30 साल में इस लोन को चुकाना हैचुका चुकी हैमेट्रो3,337 करोड़ रुपये अब तक 31,861 करोड़ का लोन अब भी बाकी है1242.83 करोड़ लोन की किस्त 2020-21 में देनी हैमेट्रो 79.19 करोड़ अभी तक दे पाई है11,63.64 करोड़ अभी बाकी है
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने 'हिन्दुस्तान' से बातचीत में साफ कहा है कि यह अकेले हमारी जिम्मेदारी नहीं है। मेट्रो का किराया बढ़ाना होता है, तब केंद्र हमसे नहीं पूछता है। बोर्ड में जब निदेशक तय करने की बात होती है, तब केंद्र नहीं पूछता है। कॉरिडोर की मंजूरी देनी होती है, तब भी हमारी नहीं सुनी जाती, तो हम अकेले पैसे क्यों चुकाएं। राज्य सरकार का कहना है कि जब मेट्रो को लेकर केंद्र सभी फैसले अकेले करता है तो पैसे देने की बारी में राज्य सरकार की जिम्मेदारी कैसे हो सकती है। दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन (डीएमआरसी) लॉकडाउन में बंदी के चलते आर्थिक संकट से गुजर रहा है। परिचालन पर पाबंदी के चलते बीते 18 सालों में पहला मौका है, जब मेट्रो घाटे में है। मेट्रो रेल योजना के लिए केंद्र ने जापानी कंपनी जीका (जापान इंटरनेशनल को-आपरेशन एजेंसी) से 35,198 करोड़ रुपये का लोन लिया है। डीएमआरसी लोन की किस्त परिचालन से होने वाले मुनाफे से चुकाती रही है। लेकिन इस बार उसके पास पैसे नहीं हैं।
मौजूदा वित्तीय वर्ष में चुकाने हैं 1242 करोड़ रुपये सूत्रों के मुताबिक दिल्ली मेट्रो को 2020-21 में कुल 1242 करोड़ रुपये से अधिक की किस्त चुकानी है। इसमें 434.15 करोड़ रुपये ब्याज और 808.68 करोड़ मूलधन है। पहली तिमाही बीत जाने के बाद मेट्रो ने सिर्फ 79.19 करोड़ रुपये ही चुकाया है, जो कि सिर्फ ब्याज का एक हिस्सा है।
मेट्रो खुलने को लेकर अब तक फैसला नहींदिल्ली मेट्रो कब तक खुलेगी इसे लेकर अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है। दिल्ली सरकार चाहती है कि मेट्रो खुले, लेकिन जून में जिस तरह से कोरोना संक्रमण की दर बढ़ी, उसके बाद फिर दोनों सरकार ने इस पर कोई फैसला नहीं लिया। हालांकि केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बयान दिया है कि मेट्रो चलाने को लेकर रणनीति तैयार है। उम्मीद है कि इस माह के अंत तक मेट्रो का परिचालन शुरू कर दिया जाएगा।
मेट्रो पर देनदारी
डीएमआरसी पर 35,198 करोड़ का लोन है30 साल में इस लोन को चुकाना हैचुका चुकी हैमेट्रो3,337 करोड़ रुपये अब तक 31,861 करोड़ का लोन अब भी बाकी है1242.83 करोड़ लोन की किस्त 2020-21 में देनी हैमेट्रो 79.19 करोड़ अभी तक दे पाई है11,63.64 करोड़ अभी बाकी है