देश / बिन पतवार मंझधार में फंसी कांग्रेस, फुल-टाइम अध्‍यक्ष चुनना ही होगा: शशि थरूर

NavBharat Times : Aug 09, 2020, 04:02 PM
नई दिल्‍ली: कांग्रेस सांसद शशि थरूर का मानना है कि कांग्रेस को अपनी छवि बचाने के लिए पूर्णकालिक अध्‍यक्ष चुनना ही होगा। उन्‍होंने रविवार को कहा कि जनता के बीच पार्टी की छवि 'दिशाहीन' दल की हो चली है, इसे तोड़ने के लिए एक फुल-टाइम अध्‍यक्ष की जरूरत है। थरूर ने यह भी कहा कि राहुल गांधी ने में वह 'दम और काबिलियत' है कि वह पार्टी को फिर से लीड कर सकते हैं। हालांकि, अगर राहुल फिर अध्‍यक्ष नहीं बनना चाहते तो कांग्रेस को नया अध्‍यक्ष चुनने की कवायद शुरू कर देनी चाहिए।'सोनिया पर बोझ डालना ठीक नहीं'

थरूर ने यह बयान ऐसे वक्‍त में दिया है जब सोनिया गांधी अंतरिम अध्‍यक्ष के रूप में एक साल का कार्यकाल पूरा करने वाली हैं। उन्‍हें पिछले साल 10 अगस्‍त को राहुल गांधी के इस्‍तीफे के बाद, मजबूरी में कमान सौंपी गई थी। थरूर ने पीटीआई से कहा, "मुझे यकीनन ये लगता है कि हमें अपने नेतृत्‍व को लेकर स्‍पष्‍ट होना चाहिए। मैंने पिछले साल सोनिया जी के अंतरिम अध्‍यक्ष बनने का स्‍वागत किया था लेकिन मैं ये भी मानता हूं कि अनिश्चितकाल तक उनसे यह पद संभालने की अपेक्षा रखना ठीक नहीं है।"

जल्‍द से जल्‍द चुना जाए नया अध्‍यक्ष

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, "हमें जनता के बीच बन रही छवि भी सुधारनी होगी कि कांग्रेस भटक गई है और राष्‍ट्रीय स्‍तर पर विपक्ष की भूमिका अदा करने में सक्षम नहीं है।" थरूर ने कहा कि पार्टी को जल्‍द से जल्‍द लोकतांत्रिक ढंग से पूर्णकालिक अध्‍यक्ष चुनने की प्रकिया शुरू करनी चाहिए। उनके मुताबिक, विजेता उम्‍मीदवार को इतनी ताकत मिले कि वह पार्टी को संगठन के स्‍तर पर फिर से खड़ा कर सके।

राहुल गांधी फिर अध्‍यक्ष बनें तो?

कांग्रेस के भीतर फिर से राहुल गांधी को अध्‍यक्ष बनाने की मांग जोर पकड़ रही है। इसपर तिरुवनंतपुरम से सांसद थरूर ने कहा कि अगर ऐसा होता है तो अच्‍छा होगा। उन्‍होंने कहा, "अगर राहुल गांधी फिर से कमान संभालने को तैयार हैं तो उन्‍हें बस अपना इस्‍तीफा वापस लेना है। उन्‍हें दिसंबर 2022 तक के लिए चुना गया था। लेकिन अगर वह ऐसा नहीं चाहते तो हमें ऐक्‍शन लेना होगा। मेरी निजी राय है कि सीडब्‍ल्‍यूसी (कांग्रेस कार्यसमिति) और अध्‍यक्ष पद के चुनाव से पार्टी को कई फायदे होंगे।"


राहुल की तारीफ मगर सीधे कुछ नहीं कहा

थरूर ने कहा कि वे किसी व्‍यक्ति के बारे में नहीं, बल्कि एक सिस्‍टम के बारे में बात कर रहे हैं जिससे कांग्रेस नेतृत्‍व का संकट खत्‍म कर सकती है। उन्‍होंने कहा, "लॉकडाउन में अपनी गतिविधियों से, चाहे वह कोविड-19 वायरस पर हो या चीनी घुसपैठ पर, राहुल गांधी ने निसंदेह अकेले ही वर्तमान सरकार को कटघरे में खड़ा किया है।" थरूर के मुताबिक, राहुल ने गजब की दूरदर्शिता दिखाई है। उन्‍होंने कहा कि उन्‍हें उम्‍मीद है कि वह आगे भी ऐसा करना जारी रखेंगे।

हाल ही में राम मंदिर मामले पर अपना स्‍टैंड बदलकर आलोचना के घेरे में आई कांग्रेस का थरूर ने बचाव किया। उन्‍होंने कहा कि वे नहीं मानते कि पार्टी ने सेक्‍युलरिज्‍म पर समझौता कर लिया है। थरूर ने कहा कि कांग्रेस 'सबकी पार्टी है। अल्‍पसंख्‍यकों, कमजोरों के लिए कांग्रेस सबसे सुरक्षित जगह है।'

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