राजस्थान / वसुंधरा राजे के करीबी नेता बोले-चुनी हुई सरकार गिराने की साजिश करना ठीक नहीं

News18 : Jul 18, 2020, 04:13 PM
जयपुर/ नई दिल्ली। राजस्थान (Rajasthan) में कांग्रेस की अंदरूनी कलह के सतह पर आने के बाद मचे राजनीतिक घमासान (Rajasthan Political Crisis) के बीच भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता और राज्य की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के करीबी माने जाने वाले कैलाश मेघवाल ने अपनी पार्टी को ही नैतिकता की सलाह दी है। News18 India से बातचीत में मेघवाल ने कहा कि जनता द्वारा चुनी हुई किसी सरकार को गिराने की साजिश ठीक नहीं है। अपनी पार्टी को नसीहत देते हुए मेघवाल ने कहा कि सरकार गिराने की साजिश न करें, ये नैतिकता के खिलाफ है। मेघवाल ने बीजेपी से कहा कि किसी भी फैसले में वसुंधरा राजे की राय लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राजस्थान में राजे की अनदेखी नहीं की जा सकती।

बीजेपी विधायक मेघवाल ने कहा कि 'राजस्थान की राजनीति आज पटरी से उतरी हुई है और इसकी वजह से जनता को बहुत परेशान होना पड़ रहा है। जनसंघ से लेकर बीजेपी तक के सफर में नेताओं ने यही आदर्श रखा कि नैतिक मूल्यों की राजनीति होनी चाहिए और आज की राजनीति जैसी हो रही है वह अनैतिक है।'

मेघवाल ने कहा कि 'आज जो रहा है, वह अनैतिक मूल्यों की राजनीति हो रही है। चुनी हुई किसी भी सरकार को अनावश्यक रूप से, अलोकतांत्रिक तरीके से हटाना गलत और अनैतिक है।' पूर्व विधानसभा अध्यक्ष मेघवाल ने कहा कि 'हम पार्टी विद डिफरेंस हैं। सरकार गिराने की साजिश ऐसे पहले कभी नहीं हुई। सरकार गिराने की साजिश अनैतिक है।'

वसुंधरा पर लगे सरकार गिराने के आरोप

इससे पहले राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के समन्वयक व नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल ने गुरुवार को दावा किया कि राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे राज्य की अशोक गहलोत सरकार को बचाने का प्रयास कर रही हैं। बेनीवाल ने आरोप लगाया कि राजे ने इस बारे में कई कांग्रेसी विधायकों को फोन किए हैं। बेनीवाल ने इस बारे में कई ट्वीट किए। इनमें से एक में उन्होंने लिखा, ‘पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे, राजस्थान में अशोक गहलोत की अल्पमत वाली सरकार को बचाने का पुरजोर प्रयास कर रही हैं। राजे द्वारा कांग्रेस के कई विधायकों को इस बारे में फोन भी किए गए।’

वहीं बीजेपी ने राजस्थान में सरकार को गिराने एवं पार्टी तोड़ने का प्रयास करने के कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए शनिवार को इस घटनाक्रम को झूठ और फरेब की कथा करार दिया। पार्टी ने कहा कि सारा षड्यंत्र उन्हीं (कांग्रेस) के घर में रचा जा रहा था और संवैधानिक प्रावधानों को ताक पर रखकर फोन टैंपिंग किये जाने सहित विभिन्न प्रकरण की सीबीआई से जांच कराई जानी चाहिए।

भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने संवाददाताओं से कहा, ‘राजस्थान में कांग्रेस की राजनीतिक नौटंकी हम देख रहे हैं। षड्यंत्र, झूठ फरेब और कानून को ताक पर रखकर कैसे काम किया जाता है, यह उसका मिश्रण है।’ उन्होंने कहा कि कुछ ऑडियो टेप के माध्यम से आरोप लगाया जा रहा है कि भाजपा द्वारा कांग्रेस पार्टी को तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है।

बता दें साल 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस द्वारा अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद से ही सचिन पायलट असंतुष्ट चल रहे थे। राजस्थान की 200 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के पास 107 और भाजपा के पास 72 विधायक हैं। बीते हफ्ते पायलट और गहलोत के बीच तनातनी बढ़ गई। पायलट फिलहाल ना तो राज्य सरकार में किसी पद पर हैं और ना ही कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष हैं। इसके साथ ही उनके समर्थक दो मंत्रियों और कुछ विधायकों को भी पद से हटा दिया गया।

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