News18 : Apr 11, 2020, 05:05 PM
अल्मोड़ा। उत्तराखंड समेत देशभर में कोरोना वायरस (COVID-19) के संक्रमण का असर दिखने लगा है। प्रदेश के अल्मोड़ा में इस महामारी की वजह से हुए लॉकडाउन (Lockdown) को लेकर शादी-विवाह तक कैंसिल होने लगे हैं। अल्मोड़ा के चितई गोलू देवता मंदिर में दर्जनों शादियां रद्द कर दी गई हैं। मंदिर में शादियां कैंसिल होने का असर यहां होटल कारोबार पर भी पड़ रहा है।
अल्मोड़ा के चितई गोलू देवता मंदिर में शादी करने के लिए पहले आधार कार्ड देकर पंजीकरण करवाना पड़ता है। मंदिर समिति के अध्यक्ष संतोष पंत का कहना है कि 22 मार्च तक 40 शादियों के लिए पंजीकरण कराए गए थे। लेकिन अब इनमें से कई लोगों ने फिलहाल शादी कुछ दिन स्थगित करने को कहा है। पंत ने कहा कि जब लॉकडाउन खुलेगा, उसके बाद ही जिन लोगों ने पंजीकरण कराया है, वह शादी हो पाएगी। आपको बता दें कि शादी-विवाह कैंसिल होने से यहां के पुजारी भी निराश हैं।
न्याय के देवता को गवाह मानकर शादी
अल्मोड़ा के चितई गोलू देवता को न्याय का देवता माना जाता है। इसलिए देवता को गवाह मानकर लोग सालोंभर यहां शादी करने पहुंचते हैं। लेकिन लॉकडाउन की वजह से ये शादियां रद्द करनी पड़ी हैं। यहां के पुजारियों ने बताया कि कई प्रेमी-प्रेमिका अपने परिजनों की मंजूरी से पहले ही मंदिर में शादी के लिए अर्जी लगाते हैं। बाद में जब दोनों के परिजन राजी हो जाते हैं, तब वे शादी करने गोलू देवता के यहां पहुंचते हैं।होटल कारोबारी और दुकानदार भी परेशान
शादियां कैंसिल होने से यहां के होटल कारोबारी और स्थानीय दुकानदार भी परेशान हैं। दुकानदार रमेश चन्द्र तिवारी ने कहा कि मंदिर में शादी होने से उन्हें होटल का काम मिलता था। 14 अप्रैल से ही उनकी कई बुकिंग आ गई थी। लेकिन अब वह भी रद्द हो गई है। तिवारी ने कहा कि यहां के कई कारोबारियों की रोजी-रोटी इसी से चलती है, लेकिन लॉकडाउन की वजह से सभी निराश हैं। आपको बता दें कि पहाड़ पर अप्रैल मध्य से शादियां शुरू हो जाती हैं। लेकिन इस बार लॉकडाउन की वजह से इन कार्यक्रमों पर असर पड़ा है। पहाड़ के कई इलाकों में लॉकडाउन की वजह से स्थानीय कारोबारियों का जीवन प्रभावित है।
अल्मोड़ा के चितई गोलू देवता मंदिर में शादी करने के लिए पहले आधार कार्ड देकर पंजीकरण करवाना पड़ता है। मंदिर समिति के अध्यक्ष संतोष पंत का कहना है कि 22 मार्च तक 40 शादियों के लिए पंजीकरण कराए गए थे। लेकिन अब इनमें से कई लोगों ने फिलहाल शादी कुछ दिन स्थगित करने को कहा है। पंत ने कहा कि जब लॉकडाउन खुलेगा, उसके बाद ही जिन लोगों ने पंजीकरण कराया है, वह शादी हो पाएगी। आपको बता दें कि शादी-विवाह कैंसिल होने से यहां के पुजारी भी निराश हैं।
न्याय के देवता को गवाह मानकर शादी
अल्मोड़ा के चितई गोलू देवता को न्याय का देवता माना जाता है। इसलिए देवता को गवाह मानकर लोग सालोंभर यहां शादी करने पहुंचते हैं। लेकिन लॉकडाउन की वजह से ये शादियां रद्द करनी पड़ी हैं। यहां के पुजारियों ने बताया कि कई प्रेमी-प्रेमिका अपने परिजनों की मंजूरी से पहले ही मंदिर में शादी के लिए अर्जी लगाते हैं। बाद में जब दोनों के परिजन राजी हो जाते हैं, तब वे शादी करने गोलू देवता के यहां पहुंचते हैं।होटल कारोबारी और दुकानदार भी परेशान
शादियां कैंसिल होने से यहां के होटल कारोबारी और स्थानीय दुकानदार भी परेशान हैं। दुकानदार रमेश चन्द्र तिवारी ने कहा कि मंदिर में शादी होने से उन्हें होटल का काम मिलता था। 14 अप्रैल से ही उनकी कई बुकिंग आ गई थी। लेकिन अब वह भी रद्द हो गई है। तिवारी ने कहा कि यहां के कई कारोबारियों की रोजी-रोटी इसी से चलती है, लेकिन लॉकडाउन की वजह से सभी निराश हैं। आपको बता दें कि पहाड़ पर अप्रैल मध्य से शादियां शुरू हो जाती हैं। लेकिन इस बार लॉकडाउन की वजह से इन कार्यक्रमों पर असर पड़ा है। पहाड़ के कई इलाकों में लॉकडाउन की वजह से स्थानीय कारोबारियों का जीवन प्रभावित है।