AajTak : Apr 11, 2020, 09:18 AM
कोरोना वायरस संक्रमण के गहराते संकट पर नियंत्रण के लिए केंद्र और राज्य सरकारें, स्थानीय प्रशासन की मदद से कई नियम बना रही हैं। बता दें कि कई यूरोपीय देशों में कोरोना संक्रमण से पैदा हुए हालात को संभालने के लिए सेना की मदद ली जा रही है। अब सवाल ये उठता है कि क्या भारत में भी ऐसा कुछ हो सकता है। क्या कहता है नियम और कितनी तैयार है सेना, जानिए
ये होती है आर्मी की भूमिकानियम के मुताबिक, भूकंप जैसी अन्य प्राकृतिक आपदाओं के दौरान सेना की भूमिका सिविल अथॉरिटी की ओर से लागू कानून और व्यवस्था को नियंत्रित करने, आवश्यक सेवाओं को बनाए रखने और लोगों को सेवा देने की होती है।
प्रक्रिया क्या है?सशस्त्र बल 1970 नियम में सेना के नागरिक अधिकारों के लिए रोल दिए गए हैं। सेना के लिए विनियम अध्याय VII, पैराग्राफ 301 से 327 और मैनुअल ऑफ इंडियन मिलिट्री लॉ, चैप्टर VII में बताया गया है कि किस तरह सिविल अथॉरिटी के अनुरोध पर सेना नियमों को लागू कराने, व्यवस्था के रखरखाव, आवश्यक सेवाओं के रखरखाव, आपदा राहत और अन्य प्रकार की सहायता के लिए आगे आती है।CDS जनरल रावत ने 27 मार्च 2020 को इंडिया टुडे से खास बातचीत में कहा था कि समय के इस मोड़ पर सेनाओं को बाहर जाकर ऑपरेट करना होगा। इसलिए लोगों को कोरोना वायरस के फैलने से देश के सामने आने वाली किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा।CDS रावत के मुताबिक सशस्त्र सेनाएं पहले ही 30,000 लोगों की क्षमता वाली क्वारनटीन सुविधा उपलब्ध करा रही हैं। यहां ईरान, चीन, इटली और मलेशिया जैसे बाहरी देशों से लाए गए 1500 लोगों को रखा गया है।
CDS ने इस संकटकाल में आर्मी की भूमिका के बारे में कहा कि आर्मी की ये सहायता आइसोलेशन और क्वारनटीन के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करने से लेकर तात्कालिक सहायता के लिए स्पेशल मेडिकल केयर सेंटर बनाने में हो सकती है।CDS जनरल रावत ने ये भी बताया कि सशस्त्र सेनाओं के सभी जवानों और अधिकारियों को हिदायत दी गई है कि वे और उनके परिवार सरकार के निर्देशों का पूरी तरह पालन करें। उन्होंने ये भी कहा कि Covid-19 को काबू में रखने के लिए सभी सरकारी एजेंसियों की ओर से किए जा रहे साझा प्रयास तभी सफल होंगे अगर लोग समय-समय पर दिए जा रहे दिशा-निर्देशों का पालन करें। सेना प्रमुख एम। एम। नरवणे ने भी एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में कहा कि अगर जरूरत पड़ती है तो सेना किसी भी कदम को उठाने के लिए तैयार है। आर्मी के पास एक '6 घंटे' का प्लान तैयार है, जिसके तहत तुरंत ही आइसोलेशन सेंटर और आईसीयू को तैयार किया जा सकता है।उन्होंने कहा कि इस संकट की घड़ी में भी सेना अपना काम कर रही है और सभी ऑपरेशनल टास्क इस वक्त जारी हैं।
ये होती है आर्मी की भूमिकानियम के मुताबिक, भूकंप जैसी अन्य प्राकृतिक आपदाओं के दौरान सेना की भूमिका सिविल अथॉरिटी की ओर से लागू कानून और व्यवस्था को नियंत्रित करने, आवश्यक सेवाओं को बनाए रखने और लोगों को सेवा देने की होती है।
प्रक्रिया क्या है?सशस्त्र बल 1970 नियम में सेना के नागरिक अधिकारों के लिए रोल दिए गए हैं। सेना के लिए विनियम अध्याय VII, पैराग्राफ 301 से 327 और मैनुअल ऑफ इंडियन मिलिट्री लॉ, चैप्टर VII में बताया गया है कि किस तरह सिविल अथॉरिटी के अनुरोध पर सेना नियमों को लागू कराने, व्यवस्था के रखरखाव, आवश्यक सेवाओं के रखरखाव, आपदा राहत और अन्य प्रकार की सहायता के लिए आगे आती है।CDS जनरल रावत ने 27 मार्च 2020 को इंडिया टुडे से खास बातचीत में कहा था कि समय के इस मोड़ पर सेनाओं को बाहर जाकर ऑपरेट करना होगा। इसलिए लोगों को कोरोना वायरस के फैलने से देश के सामने आने वाली किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा।CDS रावत के मुताबिक सशस्त्र सेनाएं पहले ही 30,000 लोगों की क्षमता वाली क्वारनटीन सुविधा उपलब्ध करा रही हैं। यहां ईरान, चीन, इटली और मलेशिया जैसे बाहरी देशों से लाए गए 1500 लोगों को रखा गया है।
CDS ने इस संकटकाल में आर्मी की भूमिका के बारे में कहा कि आर्मी की ये सहायता आइसोलेशन और क्वारनटीन के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करने से लेकर तात्कालिक सहायता के लिए स्पेशल मेडिकल केयर सेंटर बनाने में हो सकती है।CDS जनरल रावत ने ये भी बताया कि सशस्त्र सेनाओं के सभी जवानों और अधिकारियों को हिदायत दी गई है कि वे और उनके परिवार सरकार के निर्देशों का पूरी तरह पालन करें। उन्होंने ये भी कहा कि Covid-19 को काबू में रखने के लिए सभी सरकारी एजेंसियों की ओर से किए जा रहे साझा प्रयास तभी सफल होंगे अगर लोग समय-समय पर दिए जा रहे दिशा-निर्देशों का पालन करें। सेना प्रमुख एम। एम। नरवणे ने भी एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में कहा कि अगर जरूरत पड़ती है तो सेना किसी भी कदम को उठाने के लिए तैयार है। आर्मी के पास एक '6 घंटे' का प्लान तैयार है, जिसके तहत तुरंत ही आइसोलेशन सेंटर और आईसीयू को तैयार किया जा सकता है।उन्होंने कहा कि इस संकट की घड़ी में भी सेना अपना काम कर रही है और सभी ऑपरेशनल टास्क इस वक्त जारी हैं।