News18 : Apr 29, 2020, 10:25 AM
झुंझुनू। कोरोना (Corona) संक्रमण के चलते पोल्ट्रीफार्म का काम भी ठप हो गया है। हालात ये हैं कि झुंझुनू के करीब 950 मुर्गी फार्म घाटे में जा रहे हैं और हर दिन करीब 25 से 30 लाख रुपये का नुकसान हो रहा है। लॉकडाउन के बाद से ही मुर्गी व चूजों की बिक्री बिल्कुल नहीं हो रही है। लेकिन मुर्गियों के सार संभाल और खाने पीने पर लगातार खर्च हो रहा है। लेकिन अब मंडावा क्षेत्र के एक पोल्ट्री फार्म संचालक ने ऐसा तरीका निकाला है कि उसके मुर्गी दाने करीब 50 प्रतिशत बचत हो रही है। उसने मुर्गियों को दूध पिलाना शुरू कर दिया है।
शहर में कर्फ्यू तो दूध की सप्लाई भी रुकी
मंडावा के वाहिदपुर गांव में रहने वाले संदीप कुमार के पास 22 गाय हैं और इसके साथ ही वो पोल्ट्री फार्म का संचालन भी करता है। गाय का दूध वो मंडावा में सप्लाई करता था लेकिन 4 अप्रैल को क्षेत्र में एक कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद इलाके में कर्फ्यू लगा दिया गया और बाहर से दूध सप्लाई पर पाबंदी लग गई। ऐसे में गाय का दूध बर्बाद होने की स्थिति बनने लगी। संदीप के पोल्ट्री फार्म पर पांच हजार मुर्गियां हैं, हर दिन हो रहे दाने के खर्च और दूध की बर्बादी को देखते हुए उन्होंने मुर्गियों को दूध पिलाने का निर्णय लिया।ऐसे पिलाया दूध
राजस्थान पत्रिका की एक रिपोर्ट के अनुसार संदीप ने दूध में एक लीटर हाईटोन, एक लीटर लिवर टॉनिक और गुड़ मिलाकर इसे मुर्गियों को पिला दिया। इसका परिणाम ये निकला कि दस क्विंटल मुर्गी दाने की जगह पर सिर्फ पांच क्विंटल ही खर्च होने लगा। इससे संदीप को 11 हजार रुपये की बचत हर दिन होने लगी। दूध का खर्च दाने की अपेक्षा काफी कम आता है और इससे मुर्गी की ग्रोथ भी अच्छी होती है।
सरकार को करनी चाहिए मदद
वहीं पोल्ट्री फार्म संघ के कृष्ण कुमार ने कहा कि लॉकडाउन के चलते मुर्गी उत्पादकों को हर दिन करीब 25 लाख रुपये का नुकसान हो रहा है। सरकार को ऐसे लोगों की मदद करनी चाहिए। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के चलते क्षेत्र में करीब दस हजार लोग बेरोजगार हो गए हैं।
शहर में कर्फ्यू तो दूध की सप्लाई भी रुकी
मंडावा के वाहिदपुर गांव में रहने वाले संदीप कुमार के पास 22 गाय हैं और इसके साथ ही वो पोल्ट्री फार्म का संचालन भी करता है। गाय का दूध वो मंडावा में सप्लाई करता था लेकिन 4 अप्रैल को क्षेत्र में एक कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद इलाके में कर्फ्यू लगा दिया गया और बाहर से दूध सप्लाई पर पाबंदी लग गई। ऐसे में गाय का दूध बर्बाद होने की स्थिति बनने लगी। संदीप के पोल्ट्री फार्म पर पांच हजार मुर्गियां हैं, हर दिन हो रहे दाने के खर्च और दूध की बर्बादी को देखते हुए उन्होंने मुर्गियों को दूध पिलाने का निर्णय लिया।ऐसे पिलाया दूध
राजस्थान पत्रिका की एक रिपोर्ट के अनुसार संदीप ने दूध में एक लीटर हाईटोन, एक लीटर लिवर टॉनिक और गुड़ मिलाकर इसे मुर्गियों को पिला दिया। इसका परिणाम ये निकला कि दस क्विंटल मुर्गी दाने की जगह पर सिर्फ पांच क्विंटल ही खर्च होने लगा। इससे संदीप को 11 हजार रुपये की बचत हर दिन होने लगी। दूध का खर्च दाने की अपेक्षा काफी कम आता है और इससे मुर्गी की ग्रोथ भी अच्छी होती है।
सरकार को करनी चाहिए मदद
वहीं पोल्ट्री फार्म संघ के कृष्ण कुमार ने कहा कि लॉकडाउन के चलते मुर्गी उत्पादकों को हर दिन करीब 25 लाख रुपये का नुकसान हो रहा है। सरकार को ऐसे लोगों की मदद करनी चाहिए। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के चलते क्षेत्र में करीब दस हजार लोग बेरोजगार हो गए हैं।