AajTak : May 27, 2020, 06:00 PM
ब्रिटेन: ने मंगलवार को कोरोना मरीजों के इलाज के लिए एंटी वायरल दवा Remdesivir के इस्तेमाल को मंजूरी दे दी। इस मौके पर ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री मैट हैंकॉक ने कहा कि कोरोना मरीजों के इलाज में ये संभवत: 'सबसे बड़ा कदम' है। अमेरिका और जापान भी इस दवा के सीमित इस्तेमाल को पहले ही मंजूरी दे चुकी है। अब ब्रिटेन में यह पहली दवा होगी जिसे कोरोना मरीजों के इलाज लिए मंजूर किया गया है।
अमेरिका ने 1 मई को ही इस दवा को मंजूरी दे दी थी, यानी ब्रिटेन में करीब 3 हफ्ते बाद इसे मंजूरी मिली है। कुछ स्टडी में ये सामने आया है कि एंटी वायरल दवा रेमडेसिवीर कोरोना मरीजों के ठीक होने के समय को कम कर देती है। इस दवा का इस्तेमाल पहले इबोला के मरीजों पर भी हो चुका है।हालांकि, सीमित सप्लाई होने की वजह से चुनिंदा मरीजों को ही ये दवा दी जाएगी, खासकर उन मरीजों को जिन्हें इस दवा से सबसे अधिक लाभ हो सकता है। इस दवा के व्यापक इस्तेमाल के लिए सरकार को कंपनी के साथ करार करना होगा। इसे Gilead Sciences नाम की कंपनी ने बनाया है।एक स्टडी के मुताबिक, इस दवा के इस्तेमाल से मरीज 4 दिन पहले ठीक हो जाते हैं। लेकिन इस बात को लेकर फिलहाल पर्याप्त सबूत नहीं हैं कि इससे कोरोना मरीजों की जान भी बचाई जा सकती हैरेमडेसिवीर दवा को ट्रेंड मेडिकल स्टाफ ही मरीजों को इंजेक्ट कर सकते हैं। उम्मीद की जा रही है कि वयस्कों और टीनेजर को ये दवा सबसे पहले मुहैया कराई जाएगी है। हालांकि, ब्रिटेन में डॉक्टर केस के आधार पर इस बारे में आखिरी फैसला करेंगे।
अमेरिका ने 1 मई को ही इस दवा को मंजूरी दे दी थी, यानी ब्रिटेन में करीब 3 हफ्ते बाद इसे मंजूरी मिली है। कुछ स्टडी में ये सामने आया है कि एंटी वायरल दवा रेमडेसिवीर कोरोना मरीजों के ठीक होने के समय को कम कर देती है। इस दवा का इस्तेमाल पहले इबोला के मरीजों पर भी हो चुका है।हालांकि, सीमित सप्लाई होने की वजह से चुनिंदा मरीजों को ही ये दवा दी जाएगी, खासकर उन मरीजों को जिन्हें इस दवा से सबसे अधिक लाभ हो सकता है। इस दवा के व्यापक इस्तेमाल के लिए सरकार को कंपनी के साथ करार करना होगा। इसे Gilead Sciences नाम की कंपनी ने बनाया है।एक स्टडी के मुताबिक, इस दवा के इस्तेमाल से मरीज 4 दिन पहले ठीक हो जाते हैं। लेकिन इस बात को लेकर फिलहाल पर्याप्त सबूत नहीं हैं कि इससे कोरोना मरीजों की जान भी बचाई जा सकती हैरेमडेसिवीर दवा को ट्रेंड मेडिकल स्टाफ ही मरीजों को इंजेक्ट कर सकते हैं। उम्मीद की जा रही है कि वयस्कों और टीनेजर को ये दवा सबसे पहले मुहैया कराई जाएगी है। हालांकि, ब्रिटेन में डॉक्टर केस के आधार पर इस बारे में आखिरी फैसला करेंगे।