लापरवाही / कोरोना पॉजिटिव मरीज को दिल्ली से बरेली ट्रेन से ले आए, बीच रास्ते में हुई मौत

Live Hindustan : Aug 09, 2020, 07:50 AM
Delhi: कोरोना पॉजिटिव मरीज को एक परिवार दिल्ली से ट्रेन के जरिए लेकर बरेली चल दिया। रास्ते में रामपुर के पास मरीज ने दम तोड़ दिया। हालांकि, परिवार को जानकारी नहीं थी कि वह कोरोना पॉजिटिव है। रेलवे को भी परिवार ने कैंसर से मौत की जानकारी दी। परिवार का कहना है कि मृतक के भाई ने दगाबाजी कर उसकी रिपोर्ट दबा ली और मोहल्ले वालों को पॉजिटिव रिपोर्ट भेज दी। मोहल्ले में पहुंचने पर लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया। पुलिस ने आकर हालात संभाले।

बरेली के बाकरगंज चौकी के पास रहने वाले एक फर्नीचर कारोबारी का कैंसर का इलाज पिछले छह माह से दिल्ली में चल रहा था। शनिवार को दिल्ली से बरेली के लिए परिवार वाले उन्हें लेकर ट्रेन से रवाना हुए जहां रामपुर के पास ही उन्होंने दम तोड़ दिया। इस बात की सूचना मृतक की पत्नी और बच्चों ने ट्रेन स्टाफ को दी। जिसके बाद कंट्रोल रूम के माध्यम से बरेली जंक्शन पर कैंसर मरीज की मृत्यु की जानकारी हुई।

सूचना मिलते ही ट्रेन आने से पहले जीआरपी बरेली ने एंबुलेंस की व्यव्स्था की। मृतक को उसके निवास स्थान बाकरगंज रवाना कर दिया। अपने घर पर पहुंचते ही क्षेत्रवासियों और पुलिस ने एंबुलेंस को रोक लिया और परिवार वालों को बताया कि दिल्ली से मोहल्ले वालों के पास किसी ने मृतक की कोरोना पॉजिटिव की रिपोर्ट भेजी है। इनको कैंसर के साथ ही कोरोना भी है। इस बात का पता चलते ही क्षेत्र में कोहराम मच गया।

वहीं मृतक के बेटे ने बताया कि उनके पिता का पिछले छह माह से दिल्ली में कारचोबी का काम करने वाले उनके सगे चाचा इलाज में पैसे खर्च कर रहे थे और इसके साथ ही सभी रिपोर्ट आदि भी उन्हीं के जिम्मे थीं। वहीं पीड़ित का आरोप है कि चाचा ने ही उनसे कोरोना पॉजिटिव की रिपोर्ट छुपाई है और मोहल्ले वालों को व्हाट्स्एप की है। वहीं पुलिस ने मौके पर स्वास्थ्य विभाग की टीम को बुला लिया। जिसके बाद कटघर के कल्लू शाह में देर रात मृतक को सुपुर्दे खाक करने की तैयारी शुरू कर दी गई थी।


सरकारी अस्पताल में फ्री इलाज के भी ऐंठे पैसे

मृतक के बेटे ने बताया कि उनके चाचा ने पिता का इलाज दिल्ली एम्स में कराया था। जिसके बाद भी उसके चाचा ने परिवार वालों से मोटी रकम हड़प कर ली है। पीड़ित का कहना था कि चाचा से कई बार रसीदे मांगने पर मारपीट पर उतारु हो जाते थे। शुक्रवार को उनकी अचानक तबियत बिगड़ने पर मां ने बरेली ले जाकर घर बेचकर इलाज कराने को कहा तो चाचा ने पैसों के खातिर उन्हें जाने से रोका। मां के बरेली आने की जिद पर अड़े रहने पर मां का एम्स में ही गला दबाने लगे। वहां मौजूद कुछ लोगों ने मां को बचाया और वह बरेली के लिए रवाना हो गए।


सत्याग्रह एक्सप्रेस के एसी फर्स्ट में आया मृतक

बाकरगंज निवासी कोरोना महामारी का शिकार हुए फर्नीचर व्यापारी सत्याग्रह एक्सप्रेस के एसी फर्स्ट के ए वन बोगी में आया है जहां पर अन्य यात्रियों के अलावा आरपीएफ के जवान, कैटरिंग, टीटीई आदि का भी आना जाना होता है। कोरोना की बात सामने आने पर लोगों के प्रति बड़ा खतरा साबित हो सकता है।

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