राजस्थान / जयपुर में कोरोना की रफ्तार बेलगाम, 3 हफ्ते में 18 से 51000 हुए एक्टिव केस, गांवों में भी बढ़ रहे मामले

Zoom News : May 15, 2021, 11:28 AM
जयपुर। राजस्थान की राजधानी जयपुर में बढ़ते कोरोना के एक्टिव केसेज की संख्या ने राज्य सरकार की चिंता बढ़ा दी है। सीएम अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने इस पर गहरी चिन्ता बताते हुए जयपुर में संक्रमण की रोकथाम के लिए विशेष रणनीति बनाने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। बीते शुक्रवार को सीएम की अध्यक्षता में हुई कोरोना प्रबंधन समीक्षा बैठक में सीएम ने पूरे जिले में कंटेनमेंट जोन बनाने, ज्यादा टेस्टिंग करने और कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग की व्यवस्था को सुदृढ़ करने के निर्देश दिए।

सीएम गहलोत ने कहा कि बीते तीन सप्ताह में जयपुर में एक्टिव केसेज की संख्या 18 हजार से बढ़कर 51 हजार से ज्यादा हो गई है। साथ ही पॉजिटिविटी रेट भी 30 प्रतिशत के आसपास है जो चिन्ताजनक है। सीएम अशोक गहलोत ने ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना के तेजी से फैलाव को देखते हुए निचले स्तर तक स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की जरूरत जाहिर की।

आज होगी उच्चस्तरीय बैठक

जयपुर में तेजी से बढ़ते एक्टिव केसेज को लेकर आज चिकित्सा मंत्री डॉ। रघु शर्मा और चिकित्सा राज्यमंत्री डॉ। सुभाष गर्ग की वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक भी होगी, जिसमें इससे निपटने की रणनीति पर विचार होगा। चिकित्सा मंत्री डॉ। रघु शर्मा ने है कि जयपुर समेत 7 जिलों में एक्टिव केसेज की संख्या करीब 1 लाख 25 हजार है। इन जिलों के लिए चिकित्सा विभाग विशेष रणनीति के साथ काम करेगा। रघु शर्मा ने बैठक में कहा कि गांव तथा शहरों के लिए अलग-अलग रणनीति बनाकर काम करना चाहिए साथ ही उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों मे बड़े स्तर पर एंटीजन टेस्ट कराए जाने का सुझाव भी दिया। वहीं मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने बैठक में जानकारी दी कि हजीरा से 20 मीट्रिक टन अतिरिक्त ऑक्सीजन के आवंटन पर सहमति बनी है।

ब्लैक फंगस पर फिर जताई चिंता

सीएम गहलोत ने बैठक में कोविड रोगियों में ब्लैक फंगस रोग को लेकर भी फिर से चिंता जाहिर की। उन्होंने इस रोग की रोकथाम के लिए उचित चिकित्सा प्रोटोकॉल तैयार करने के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। साथ ही जिला अस्पताल और सीएचसी स्तर तक चिकित्सकों के साथ जानकारी साझा करने के निर्देश भी दिए हैं। गहलोत ने कहा कि ब्लैक फंगस की शुरुआती दौर में ही पहचान कर मरीजों को इसके लिए उचित उपचार देना बहुत जरूरी है ताकि मरीजों में यह बीमारी गंभीर रूप नहीं ले। उन्होंने संबंधित दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए।

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