Coronavirus Vaccine / दूसरे देश की कोरोना वैक्‍सीन को भारत में भी मापदंडों से गुजरना होगा

News18 : Aug 12, 2020, 03:33 PM
नई दिल्‍ली। रूस (Russia) ने दुनिया की पहली कोरोना वायरस वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) लांच कर दी है। दुनिया के लिए ये बड़ी राहत वाली खबर है। हालांकि WHO से लेकर कई देश रूस की इस वैक्सीन को शक की निगाह से देख रहे हैं। मंगलवार को रूस ने ये भी कहा था कि भारत जैसे देशों ने भी इस वैक्सीन में दिलचस्‍पी दिखाई है। लेकिन रूस हो या दुनिया के किसी भी देश की वैक्सीन, भारत में इसके इस्तेमाल की एक व्यवस्था है, जिसे पूरा किया जाएगा।

दिल्ली के एम्स के सामुदायिक चिकित्सा विभाग के प्रमुख (Head of Community Medicine Dept) डॉक्‍टर संजय राय का कहना है कि किसी भी देश की वैक्सीन को इस्तेमाल में तभी अनुमति मिलेगी जब यहां वैक्सीन की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। डॉक्टर संजय राय के मुताबिक उस वैक्सीन का यहां ट्रायल पूरा किया जाएगा और देखा जाएगा कि ये वैक्सीन हर मापदंड में कितनी असरदार है। जब ट्रायल की प्रक्रिया पूरी होगी उसके बाद सरकार से इसका अप्रूवल लिया जाएगा।

डॉक्टर संजय राय ने कहा कि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्रा जेनेका की वैक्सीन के साथ भी इस तरीके की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका कंपनी भारत के सीरम इंस्टीट्यूट के साथ मिलकर वैक्सीन तैयार कर रही हैं। इस वैक्सीन का नाम कोविशिल्ड रखा गया है। इस वैक्सीन का भारत मे इस्तेमाल को लेकर ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को इसके एडवांस ट्रायल की मंजूरी दे दी है। दिल्ली के एम्स में इस वैक्सीन के ट्रायल की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी।

भारत में निर्मित कोरोना वैक्सीन "कोवैक्सिन" इस साल के अंत तक लोगों के इस्तेमाल के लिए बाजार में उपलब्‍ध होगी। दिल्ली के एम्स के सामुदायिक चिकित्सा विभाग के प्रमुख डॉक्‍टर संजय राय ने न्यूज़ 18 से एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा कि कोवैक्सिन की ट्रायल प्रक्रिया अब तक सफल साबित हुई है। इस वैक्सीन के पहले फेज का आधिकारिक परिणाम इस महीने के अंत या सितम्बर के पहले सप्ताह में आ जाएगा। पहले फेज के लिए दिल्ली के एम्स में 375 लोगों को कोवैक्सिन का पहला डोज दिया गया। एक वॉलंटियर को वैक्सीन की दो डोज दो सप्ताह के अंतराल में लगाई जाती हैं।

उन्हें किसी तरह का साइड इफ़ेक्ट नही हुआ है। इस वैक्सीन का दूसरा फेज जल्द शुरू किया जाएगा, जिसमें ये देखा जाएगा कि इस वैक्सीन से लोगों मे कितना एंटीबॉडी जेनेरेट होता है और कोरोना को मात देने में ये कितना कारगर होता है


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