कोरोना अलर्ट / कोरोना वायरस ब्रेन को भी पहुंचा सकता है नुकसान? क्या कहती है रिसर्च

आज जब कोरोनावायरस ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है। वैज्ञानिक इसके हर पहलू पर रिसर्च कर रहे हैं। श्वसन तंत्र पर अटैक करने वाले इस वायरस से दुनिया भर में मौतों का आंकड़ा भी लाखों में पहुंच चुका है। चीन के वुहान शहर से शुरू हुए इस कहर के शरीर के विभ‍िन्न अंगों पर असर को लेकर भी वैज्ञानिक शोध कर रहे हैं।

AajTak : Apr 13, 2020, 12:42 PM
कोरोना अलर्ट: आज जब कोरोनावायरस ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है। वैज्ञानिक इसके हर पहलू पर रिसर्च कर रहे हैं। श्वसन तंत्र पर अटैक करने वाले इस वायरस से दुनिया भर में मौतों का आंकड़ा भी लाखों में पहुंच चुका है। चीन के वुहान शहर से शुरू हुए इस कहर के शरीर के विभ‍िन्न अंगों पर असर को लेकर भी वैज्ञानिक शोध कर रहे हैं। हाल ही में चीन ने कोरोना के ब्रेन पर असर को  लेकर अध्ययन किया है। इसमें ये भी देखा गया कि कोरोना किस तरह नर्वस सिस्टम पर असर कर रहा है। आइए जानें- इस अध्ययन रिपोर्ट में क्या सच सामने आया है। क्या वाकई कोरोना इंसानी दिमाग और नर्वस सिस्टम पर भी हमला बोल रहा है।

बता दें कि SARS-CoV-2 से संक्रमित लोगों द्वारा अनुभव किए गए लक्षणों का पूरा स्पेक्ट्रम अभी तक तैयार नहीं हो पाया है। लेकिन हाल ही में हुए शोध ने COVID-19 रोगियों में देखे गए न्यूरोलॉजिकल लक्षणों के बारे में स्टडी हुई है। इसमें ये देखा गया कि किस तरह कोरोना ने मरीजों में नर्वस सिस्टम में गड़बड़ी से होने वाली बीमार‍ियों के लक्षण दिए थे।

ये शोध वुहान में अस्पताल में भर्ती COVID-19 रोगियों पर हुआ है। शोधकर्ताओं ने जांच में रोग के न्यूरोलॉजिकल बदलावों पर ध्यान दिया है। शोधकर्ताओं का ये निष्कर्ष चीन की जाने माने न्यूरोलॉजी जर्नल JAMA में छपे भी हैं। बता दें कि शोधकर्ताओं ने कोविड 19 के न्यूरोलॉजिकल लक्षण मरीज में एक निश्च‍ित अनुपात में पाए हैं।

214 रोग‍ियों पर हुई स्टडी

शोधकर्ताओं ने 16 जनवरी 2020 से 19 फरवरी 2020 तक के कोरोना मरीजों का अध्ययन किया है। इसमें शोधकर्ताओं ने पाया कि उनमें से 36।4 प्रतिशत से अधिक रोगियों में कोरोना के आम लक्षणों बुखार-खांसी की तुलना में न्यूरोलॉजिक लक्षण अध‍िक थे, ये लक्षण आमतौर पर गंभीर संक्रमण वाले रोगियों में अधिक पाए गए हैं।

शोधकर्ताओं ने इन लक्षणों को तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया है। इसमें पहला केंद्रीय तंत्रिका तंत्र  पर असर था, जिसमें लक्षण के तौर पर चक्कर आना, सिरदर्द, चेतना स्तर का घटना (impaired consciousness), तीव्र मस्तिष्कवाहिकीय रोग( acute cerebrovascular disease), एटॉक्स‍िया (इसमें शरीर के संपूर्ण क्र‍ियाकलाप पर दिमाग का नियंत्रण घटने के लक्षण)। इसके अलावा दौरे भी इसमें शामिल हैं।

इसके अलावा दूसरी श्रेणी में पेरीफेरल नर्वस स‍िस्टम को देखा गया। इसमें मरीज में स्वाद और गंध हानि, दृष्टि हानि और नर्वस पेन को शामिल गया। और तीसरी श्रेणी में स्क्लेटल मस्कुलर इंजरी का अध्ययन किया गया। इसमें ये साफ देखा गया कि कोरोना कहीं न कहीं गंभीर संक्रमण के मामलों में इंसानी दिमाग पर भी असर डाल सकता है।

शोध में ये आया सामने

शोधकर्ताओं ने 214 रोगियों का अध्ययन किया था। इनमें 126  में गंभीर संक्रमण नहीं था, वहीं 88 मरीजों में गंभीर संक्रमण था, इस अध्ययन में सामने आया कि इनमें से कुल 78 रोगियों में कोविड 19 के असर से न्यूरोलॉजिकल बदलाव दिखे।

इसमें ध्यान देने वाली बात ये है कि इसमें नॉन सीवियर केसों की तुलना में ये असर गंभीर मामलों में ज्यादा देखा गया। इन रोगियों में देखा गया कि कोरोना के बुखार-खांसी के विश‍िष्ट लक्षणों से ज्यादा उनमें उच्च रक्तचाप आदि के लक्षण दिखे। इनमें नर्व सिस्टम  से जुड़े जैसे तीव्र मस्तिष्कवाहिकीय रोग, चेतना स्तर की कमी और स्केल्टल मसल्स में चोट की संभावना देखी गई।

गौरतलब है कि इनमें से कुछ रोगी अस्पताल में कोरोना वायरस के विशिष्ट लक्षण बुखार और खांसी के बजाय केवल न्यूरोलॉजिकल लक्षणों के साथ भर्ती होने पहुंचे थे। बाद में जांच में वो कोरोना पॉजि‍टिव पाए गए। इसलिए ऐसा संभव है कि कोरोना वायरस के कुछ मरीजों में न्यूरोलॉजिकल लक्षण ज्यादा आए थे।

इसे देखते हुए शोधकर्ताओं ने सलाह दी है कि COVID-19 वाले रोगियों में उनकी न्यूरोलॉजिकल अभिव्यक्तियों पर भी विशेष रूप से ध्यान देने की जरूरत है। खास तौर पर गंभीर संक्रमण वाले रोगियों में इस पर ध्यान देने की सबसे ज्यादा जरूरत है।मसलन रोगी अगर बुखार-खांसी के बजाय हाई बीपी या ऊपर की स्लाइड में दिए अन्य लक्षण बताए तो भी उसका कोरोना वायरस टेस्ट जरूर कराना चाहिए। क्योंकि चीन में गंभीर मरीजों में ये लक्षण पाए गए हैं, शोधकर्ता जिसकी पुष्टि‍ कर रहे हैं।