AajTak : Apr 20, 2020, 03:42 PM
चीन: कोरोना वायरस महामारी स्वास्थ्य संकट के साथ ही अब वैश्विक गतिरोध की वजह बनता जा रहा है। दुनिया के तमाम देश वायरस के पीछे चीन की साजिश बता रहे हैं। अमेरिका ने खुलेआम धमकी तक दे डाली है और अब जर्मनी ने तो चीन से भारी-भरकम हर्जाना भी मांग लिया है। यानी कोरोना के जनक माने जाने वाले चीन के पीछे दुनिया पड़ गई है।
अमेरिका के अलावा कई यूरोपीय देशों की तरह जर्मनी भी चीन को ही कोरोना वायरस फैलने के लिये जिम्मेदार मान रहा है। जर्मनी में अब तक करीब डेढ़ लाख कोरोना केस आ चुके हैं और यहां 4500 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना प्रभावित देशों में अमेरिका, इटली, स्पेन और फ्रांस के बाद जर्मनी पांचवें नंबर पर है। यानी जर्मनी में भी कोरोना ने भारी तबाही मचाई है। इस तबाही से गुस्साए जर्मनी ने चीन से हिसाब चुकता करने के लिये कहा है।
जर्मनी ने बताया कितना हुआ नुकसानजर्मनी ने चीन को 149 बिलियन यूरो का बिल भेजा है, ताकि कोरोना वायरस से हुये नुकसान की भरपाई की जा सके। इसमें 27 बिलियन यूरो टूरिज्म से हुये नुकसान, 7।2 बिलियन यूरो फिल्म इंडस्ट्री, जर्मन एयरलाइंस और छोटे बिजनेस को हुये 50 बिलियन यूरो के नुकसान का बिल चीन को भेजा गया है।
यानी जर्मनी ने बाकायदा कोरोना वायरस से हुआ अपना पूरा नुकसान तो गिनाया ही है, साथ ही चीन को इसका बिल भी भेज दिया है। जर्मनी ने जहां बिल भेजा है तो अमेरिका जांच टीम भेजने को तैयार बैठा है। रविवार को व्हाइट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुये अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वुहान से कोरोना की शुरुआत हुई और चीन से हम खुश नहीं है। ट्रंप ने कहा कि अमेरिका इस बात की जांच कर रहा है कि क्या यह जानलेवा वायरस चीन की लैब से पैदा किया गया है। इसके लिये हम चीन जाना चाहते हैं और समझना चाहते हैं कि आखिर हुआ क्या है।इससे पहले डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि अगर चीन कोरोना वायरस फैलाने का जिम्मेदार पाया गया तो उसे याद रखना चाहिये इसके नतीजे इसे भुगतने पड़ेंगे। हालांकि, चीन की तरफ से बार-बार सफाई दी जा रही है। यहां तक कि वुहान की जिस लैब को लेकर आरोप लग रहे हैं, उसके इंचार्ज भी ये कह चुके हैं कि इस वायरस को बनाया नहीं जा सकता है।
कोरोना पर चीन के साथ आर-पार के मूड में ट्रंप, अमेरिकी एक्सपर्ट्स को भेजना चाहते हैं वुहान
बहरहाल, चीन सबके घेरे में है। खासकर, यूरोप और अमेरिका के निशाने पर चीन है, जहां इस जानलेवा वायरस ने सबसे ज्यादा तबाही मचाई है। पूरी दुनिया में कोरोना की वजह से 1 लाख 65 हजार से ज्यादा जान गई हैं और इनमें से एक लाख से ज्यादा मौत यूरोपीय देशों में हुई है। वहीं, ब्रिटेन भी चीन की भूमिका से साफ तौर पर इनकार नहीं कर रहा है। ऐसे में कोरोना का केंद्र रहा चीन अब दुनिया के निशाने पर आता जा रहा है।
अमेरिका के अलावा कई यूरोपीय देशों की तरह जर्मनी भी चीन को ही कोरोना वायरस फैलने के लिये जिम्मेदार मान रहा है। जर्मनी में अब तक करीब डेढ़ लाख कोरोना केस आ चुके हैं और यहां 4500 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना प्रभावित देशों में अमेरिका, इटली, स्पेन और फ्रांस के बाद जर्मनी पांचवें नंबर पर है। यानी जर्मनी में भी कोरोना ने भारी तबाही मचाई है। इस तबाही से गुस्साए जर्मनी ने चीन से हिसाब चुकता करने के लिये कहा है।
जर्मनी ने बताया कितना हुआ नुकसानजर्मनी ने चीन को 149 बिलियन यूरो का बिल भेजा है, ताकि कोरोना वायरस से हुये नुकसान की भरपाई की जा सके। इसमें 27 बिलियन यूरो टूरिज्म से हुये नुकसान, 7।2 बिलियन यूरो फिल्म इंडस्ट्री, जर्मन एयरलाइंस और छोटे बिजनेस को हुये 50 बिलियन यूरो के नुकसान का बिल चीन को भेजा गया है।
यानी जर्मनी ने बाकायदा कोरोना वायरस से हुआ अपना पूरा नुकसान तो गिनाया ही है, साथ ही चीन को इसका बिल भी भेज दिया है। जर्मनी ने जहां बिल भेजा है तो अमेरिका जांच टीम भेजने को तैयार बैठा है। रविवार को व्हाइट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुये अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वुहान से कोरोना की शुरुआत हुई और चीन से हम खुश नहीं है। ट्रंप ने कहा कि अमेरिका इस बात की जांच कर रहा है कि क्या यह जानलेवा वायरस चीन की लैब से पैदा किया गया है। इसके लिये हम चीन जाना चाहते हैं और समझना चाहते हैं कि आखिर हुआ क्या है।इससे पहले डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि अगर चीन कोरोना वायरस फैलाने का जिम्मेदार पाया गया तो उसे याद रखना चाहिये इसके नतीजे इसे भुगतने पड़ेंगे। हालांकि, चीन की तरफ से बार-बार सफाई दी जा रही है। यहां तक कि वुहान की जिस लैब को लेकर आरोप लग रहे हैं, उसके इंचार्ज भी ये कह चुके हैं कि इस वायरस को बनाया नहीं जा सकता है।
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बहरहाल, चीन सबके घेरे में है। खासकर, यूरोप और अमेरिका के निशाने पर चीन है, जहां इस जानलेवा वायरस ने सबसे ज्यादा तबाही मचाई है। पूरी दुनिया में कोरोना की वजह से 1 लाख 65 हजार से ज्यादा जान गई हैं और इनमें से एक लाख से ज्यादा मौत यूरोपीय देशों में हुई है। वहीं, ब्रिटेन भी चीन की भूमिका से साफ तौर पर इनकार नहीं कर रहा है। ऐसे में कोरोना का केंद्र रहा चीन अब दुनिया के निशाने पर आता जा रहा है।