COVID-19 Update / हैप्पी हाइपोक्सिया की समस्या बढ़ा रहा है कोरोना वायरस, शोध में चौंकाने वाला खुलासा

AMAR UJALA : Jul 03, 2020, 05:12 PM
कोरोना वायरस को लेकर हर दिन नई बातें सामने आ रही हैं। हाल ही में किए गए एक शोध में पता चला कि कोरोना हमारे शरीर में हैप्पी हाईपोक्सिया (Happy hypoxia) की समस्या को बढ़ा रहा है, जिसके कारण कोरोना मरीजों की मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। इसको लेकर वैज्ञानिकों द्वारा किए गए एक अध्ययन में पता चला है कि हैपी हाईपोक्सिया वाले मरीजों को कोरोना के लक्षण या तो बहुत ही कम महसूस होते हैं या शरीर में ऑक्सीजन की कमी महसूस होने लगती है। हालांकि इसमें सांस लेने में कठिनाई के कोई संकेत नहीं हैं।

अमेरिकी जर्नल ऑफ रेस्पिरेटरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, इस हालत की नई समझ, जिसे साइलेंट हाईपोक्सिमिया के रूप में भी जाना जाता है। वर्तमान या कोरोना की दूसरी लहर के दौरान यह अनावश्यक मरीजों में इंटुबेशन और वेंटिलेशन को रोक सकता है। इंटुबेशन एक ट्यूब डालने की प्रक्रिया है, जिसे एंडोट्रैचियल ट्यूब (ईटी) कहा जाता है। इसे मुंह के माध्यम से सांस की नली में डाला जाता है। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि सांस लेने में सहायता के लिए मरीज को वेंटिलेटर पर रखा जा सके।

अमेरिका में लोयोला विश्वविद्यालय शिकागो स्ट्रिच स्कूल ऑफ मेडिसिन में एक प्रोफेसर मार्टिन जे. टोबिन ने कहा कि हैप्पी हाइपोक्सिया चिकित्सकों के लिए विशेष रूप से आश्चर्यजनक है, क्योंकि यह बुनियादी जीव विज्ञान को परिभाषित करता है। अध्ययन में ऑक्सीजन के बहुत कम स्तर वाले 16 कोविड -19 रोगियों को शामिल किया गया, जिनमें सामान्य ऑक्सीजन की तुलना में 50 प्रतिशत ऑक्सीजन की कमी थी। 

टोबिन ने कहा कि जब कोविड -19 के रोगियों में ऑक्सीजन का स्तर कम हो जाता है, इस हालात में मस्तिष्क तब तक प्रतिक्रिया नहीं देता है, जब तक कि ऑक्सीजन स्तर बहुत कम नहीं हो जाता। शोधकर्ताओं ने कहा कि इसके अलावा आधे से अधिक रोगियों में कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर निम्न था, जो एक अत्यंत निम्न ऑक्सीजन स्तर के प्रभाव को कम कर सकता है। टोबिन ने कहा कि जिनमें सूंघने की क्षमता में कमी महसूस हो रही है। ऐसे दो-तिहाई रोगियों में यह लक्षण पाया जा सकता है।

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