News18 : Apr 18, 2020, 10:15 AM
नई दिल्ली। कोराना वायरस (Coronavirus) का कहर दुनिया भर में लगातार जारी है। इस खतरनाक वायरस से अब तक डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। भारत में भी मौत का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है। यहां मौत का आंकड़ा साढ़े चार सौ को पार कर गया है। इस बीच भारत के वैज्ञानिकों ने उम्मीद जताई है कि जल्द ही कोरोना से लड़ने के लिए वैक्सीन (Vaccine) तैयार कर लिए जाएंगे। भारतीय वैज्ञानिक इस दिशा में एक बहुउद्देश्यीय वैक्सीन का परीक्षण कर रहे हैं।
अच्छे नतीजे मिलने की संभावना
एनडीटीवी से बातचीत करते हुए CSIR के डीजी शेखर मांडे ने दावा किया है कि भारत इम्युनिटी बढ़ाने को लेकर वैक्सीन बनाने के काम में जुटा है और आने वाले दिनों में इसके अच्छे नतीजे मिलने की संभावना है। उन्होंने कहा, 'हमने ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) का अप्रूवल लेकर लेप्रोसी के इलाज में कारगर वैक्सीन का टेस्ट शुरू किया है। हमें अभी दो और मंजूरी मिलनी बाकी है। उम्मीद है कि एक या दो दिन में ये मंजूरी मिल जाएगी और उसके बाद हम ट्रायल शुरू कर देंगे। आने वाले 6 हफ्तों तक यह पता चल जाएगा कि यह वैक्सीन इलाज में कितना असरदार है'।जीनोम की सिक्वेंसिंग पर हो रहा है काम
शेखर मांडे ने ये भी कहा है कि भारत में इस वक्त वायरस के जीनोम की सिक्वेंसिंग पर ध्यान दे रहा है। इस सिक्वेंसिंग के जरिये ये पता चलता है कि अगर किसी में वायरस आया तो वो वह किसके जरिये और किस तरह से आया है। उनके मुताबिक फिलहाल नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ विरोलॉजी (NIV) पुणे ने 25 सिक्वेंसिंग किया है, इसके अलावा दो और लैब ने 30 जीनोम सिक्वेंसिंग की हैं। आने वाले दो हफ्तों में ये संख्या 500 से 1000 तक पहुंच जाएगी।
दुनिया भर में रिसर्च जारी
बता दें कि कोरोना के इलाज के लिए फिलहाल कोई वैक्सीन नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी कहा है कि इसके वैक्सनी तैयार करने में कम से कम एक साल का वक्त लग जाएगा। चीन, अमेरिका और भारत समते करीब 50 देशों में इन दिनों वैज्ञानिक कोरोना की वैक्सीन बनाने के काम में जुटे हैं।
अच्छे नतीजे मिलने की संभावना
एनडीटीवी से बातचीत करते हुए CSIR के डीजी शेखर मांडे ने दावा किया है कि भारत इम्युनिटी बढ़ाने को लेकर वैक्सीन बनाने के काम में जुटा है और आने वाले दिनों में इसके अच्छे नतीजे मिलने की संभावना है। उन्होंने कहा, 'हमने ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) का अप्रूवल लेकर लेप्रोसी के इलाज में कारगर वैक्सीन का टेस्ट शुरू किया है। हमें अभी दो और मंजूरी मिलनी बाकी है। उम्मीद है कि एक या दो दिन में ये मंजूरी मिल जाएगी और उसके बाद हम ट्रायल शुरू कर देंगे। आने वाले 6 हफ्तों तक यह पता चल जाएगा कि यह वैक्सीन इलाज में कितना असरदार है'।जीनोम की सिक्वेंसिंग पर हो रहा है काम
शेखर मांडे ने ये भी कहा है कि भारत में इस वक्त वायरस के जीनोम की सिक्वेंसिंग पर ध्यान दे रहा है। इस सिक्वेंसिंग के जरिये ये पता चलता है कि अगर किसी में वायरस आया तो वो वह किसके जरिये और किस तरह से आया है। उनके मुताबिक फिलहाल नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ विरोलॉजी (NIV) पुणे ने 25 सिक्वेंसिंग किया है, इसके अलावा दो और लैब ने 30 जीनोम सिक्वेंसिंग की हैं। आने वाले दो हफ्तों में ये संख्या 500 से 1000 तक पहुंच जाएगी।
दुनिया भर में रिसर्च जारी
बता दें कि कोरोना के इलाज के लिए फिलहाल कोई वैक्सीन नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी कहा है कि इसके वैक्सनी तैयार करने में कम से कम एक साल का वक्त लग जाएगा। चीन, अमेरिका और भारत समते करीब 50 देशों में इन दिनों वैज्ञानिक कोरोना की वैक्सीन बनाने के काम में जुटे हैं।