News18 : Apr 25, 2020, 04:11 PM
नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी (CoronaVirus) पर काबू पाने के लिए देश में लागू लॉकडाउन (LockDown) को एक महीने हो गए हैं। सरकार के इस प्रभावशाली कदम से कोरोना के बढ़ने की रफ्तार में काफी कमी आई है। अगर एक दिन का आंकड़ा (शुक्रवार सुबह 8 बजे से शनिवार सुबह 8 बजे तक) देखे तो भारत में नए मामलों की वृद्धि दर 6 फीसदी है। यह भारत में 100 मामलों को पार करने के बाद से दर्ज की गई सबसे कम दैनिक वृद्धि दर है।
अगर समय पर लॉकडाउन नहीं होता तो बुरे होते हालात
अगर लॉकडाउन के दौरान पूरे महीने के आंकड़ों पर नजर डालें तो वायरस के फैलने की रफ्तार में भारी कमी देखने को मिलेगी। अगर सरकार ने देश में लॉकडाउन लगाने के लिए केसों के बढ़ने का इंतजार किया होता तो आज हालात कुछ और ही होते। ऐसा अनुमान है कि अगर समय पर लॉकडाउन नहीं लगता तो देश में अभी तक 8 से 9 गुना ज्यादा पॉजिटिव मामले सामने आ चुके होते। संख्या में यह आंकड़ा 2 लाख के पार होता।बता दें कि देश में जब लॉकडाउन लगा था तब संक्रमित मरीजों की कुल संख्या लगभग 500 थी। उस समय कोरोना वायरस का डेली ग्रोथ लगभग 20 फीसदी था। जबकि 25 अप्रैल को कोरोना के मामले 24000 से ज्यादा हो गए। हालांकि डेली ग्रोथ रेट में काफी कमी आई है। डेली ग्रोथ लगभग 8 फीसदी रह गई है।
अगर समय पर लॉकडाउन नहीं होता तो बुरे होते हालात
अगर लॉकडाउन के दौरान पूरे महीने के आंकड़ों पर नजर डालें तो वायरस के फैलने की रफ्तार में भारी कमी देखने को मिलेगी। अगर सरकार ने देश में लॉकडाउन लगाने के लिए केसों के बढ़ने का इंतजार किया होता तो आज हालात कुछ और ही होते। ऐसा अनुमान है कि अगर समय पर लॉकडाउन नहीं लगता तो देश में अभी तक 8 से 9 गुना ज्यादा पॉजिटिव मामले सामने आ चुके होते। संख्या में यह आंकड़ा 2 लाख के पार होता।बता दें कि देश में जब लॉकडाउन लगा था तब संक्रमित मरीजों की कुल संख्या लगभग 500 थी। उस समय कोरोना वायरस का डेली ग्रोथ लगभग 20 फीसदी था। जबकि 25 अप्रैल को कोरोना के मामले 24000 से ज्यादा हो गए। हालांकि डेली ग्रोथ रेट में काफी कमी आई है। डेली ग्रोथ लगभग 8 फीसदी रह गई है।