AajTak : Apr 11, 2020, 11:06 AM
कोरोना वायरस के चलते पूरी दुनिया में मौत का आंकड़ा तेजी से बढ़ता जा रहा है। इस महामारी ने अब तक 1,00,000 से भी ज्यादा लोगों को मौत के घाट उतार दिया है। वैज्ञानिक काफी समय से कोविड-19 की वैक्सीन पर काम कर रहे हैं। हालांकि अब जाकर वैज्ञानिकों को उम्मीद की एक किरण नजर आई है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में वैक्सीनोलॉजी डिपार्टमेंट की प्रोफेसर साराह गिल्बर्ट ने दावा किया है कि उनकी टीम बहुत जल्द कोरोना वायरस की वैक्सीन तैयार कर लेगी।
साराह ने बताया कि अगले 15 दिनों के भीतर उनकी टीम इंसान पर कोरोना वायरस की वैक्सीन का परीक्षण करेगी। इस वैक्सीन को लेकर वह 80 प्रतिशत तक आश्वस्त हैं। यदि इस परीक्षण के अच्छे परिणाम सामने आए तो सरकार निश्चित ही इसके लिए फंड जारी करेगी, इसके भी संकेत सामने आए हैं। हालांकि जब तक किसी वैक्सीन का सफलतापूर्वक आविष्कार नहीं हो जाता, तब तक लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग और सुरक्षित रहने के तरीकों को पहले की तरह ही अपनाना होगा।प्रोफेसर साराह ने बताया कि इस वैक्सीन के सफल होने की काफी ज्यादा उम्मीद है। इसे लेकर जल्द ही कई तरह के सेफ्टी ट्रायल भी शुरू किए जाएंगे।साराह ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से ट्रायल करने में काफी दिक्कतें आ रही हैं। इसके कारण कोरोना वायरस के फैलने की गति काफी धीमी हुई है। जबकि जिस इलाके में इसकी रफ्तार ज्यादा तेज है, वहां परिणाम जल्दी और सटीक सामने आएंगे।बता दें कि कोरोना वायरस की सबसे भयानक मार झेलने वाले देशों में ब्रिटेन भी पीछे नहीं है। यहां कोविड-19 के अब तक तकरीबन 70,000 से भी ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं।इसके अलावा लगभग 9,000 लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना वायरस से अब तक सबसे ज्यादा मौतें क्रमश: इटली, अमेरिका और स्पेन में ही
साराह ने बताया कि अगले 15 दिनों के भीतर उनकी टीम इंसान पर कोरोना वायरस की वैक्सीन का परीक्षण करेगी। इस वैक्सीन को लेकर वह 80 प्रतिशत तक आश्वस्त हैं। यदि इस परीक्षण के अच्छे परिणाम सामने आए तो सरकार निश्चित ही इसके लिए फंड जारी करेगी, इसके भी संकेत सामने आए हैं। हालांकि जब तक किसी वैक्सीन का सफलतापूर्वक आविष्कार नहीं हो जाता, तब तक लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग और सुरक्षित रहने के तरीकों को पहले की तरह ही अपनाना होगा।प्रोफेसर साराह ने बताया कि इस वैक्सीन के सफल होने की काफी ज्यादा उम्मीद है। इसे लेकर जल्द ही कई तरह के सेफ्टी ट्रायल भी शुरू किए जाएंगे।साराह ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से ट्रायल करने में काफी दिक्कतें आ रही हैं। इसके कारण कोरोना वायरस के फैलने की गति काफी धीमी हुई है। जबकि जिस इलाके में इसकी रफ्तार ज्यादा तेज है, वहां परिणाम जल्दी और सटीक सामने आएंगे।बता दें कि कोरोना वायरस की सबसे भयानक मार झेलने वाले देशों में ब्रिटेन भी पीछे नहीं है। यहां कोविड-19 के अब तक तकरीबन 70,000 से भी ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं।इसके अलावा लगभग 9,000 लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना वायरस से अब तक सबसे ज्यादा मौतें क्रमश: इटली, अमेरिका और स्पेन में ही