AajTak : Apr 09, 2020, 11:42 AM
भारत में कोरोना वायरस का कहर जारी है। इस महामारी को देखते हुए उत्तर प्रदेश और दिल्ली की सरकारों ने अपने-अपने राज्यों में कई हॉटस्पॉट इलाकों को सील कर दिया है। एक तरफ जहां दिल्ली सरकार ने 20 हॉटस्पॉट सील कर दिए, तो वहीं उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने राज्य के 15 जिलों के हॉटस्पॉट इलाकों को सील करने का फैसला लिया है।
दरअसल, ऐसी संभावना जताई जा रही है कि देश के कई हिस्सों में आने वाले कुछ समय में ऐसे ही और भी कई हॉटस्पॉट इलाके सील किए जा सकते हैं। आइए जानते हैं क्या है हॉटस्पॉट, ये कैसे सील किया जाता है। और सील होने के बाद उस इलाके में रहने वाले लोग क्या कर सकते हैं और क्या नहीं।क्या होता है हॉटस्पॉट: कोरोना वायरस के समय में वो इलाका जहां कई पॉजिटिव मरीज मिले हों और आगे भी उन इलाकों में संक्रमण फैलने की संभावना अधिक हो, वो हॉटस्पॉट कहा जाता है। ये इलाका किसी भी साइज का इलाका हो सकता है। कुछ घरों से लेकर मोहल्ला, कॉलोनी या फिर पूरे सेक्टर तक, यहां तक कि किसी अपार्टमेंट को भी एक हॉटस्पॉट माना जा सकता है।
राज्य सरकार के अधिकारियों के अनुसार ऐसे इलाके को हॉटस्पॉट के रूप में चिह्नित किया जा सकता है जहां कोरोनावायरस से संक्रमण के केस लगातार बढ़ रहे हों। वहीं हॉटस्पॉट के लिए यह भी देखा जाता है कि वहां के लोग खुद से लॉकडाउन फॉलो कर रहे हैं या सख्ती बढ़ाने की जरूरत है।
कैसे होता है सील:
हॉटस्पॉट इलाकों में लॉकडाउन का 100 फीसदी पालन होना ही एक प्रकार से उस इलाके का सील होना कहलाता है। इस दौरान इलाके में कोई भी दुकान नहीं खुलेगी। इलाके में प्रवेश और निकास पर पुलिस की बैरिकेडिंग होगी। लोगों को आसपास में भी जाने की इजाजत नहीं होगी। हॉटस्पॉट के लिए विशेष पास जारी होते हैं। क्या कर सकते हैं और क्या नहीं:
वैसे तो लॉकडाउन में ही लोगों को घर से बाहर निकलने की मनाही होती है लेकिन हॉटस्पॉट इलाकों को सील करने के बाद यह सख्ती और बढ़ा दी जाती है। लोगों को कहीं भी जाने की इजाजत नहीं होती।
कौन लोग जा सकते हैं:
हॉटस्पॉट वाले इलाकों में सिर्फ ऐसे लोगों को ही अनुमति होती है जो 'पास' के साथ जाते हैं। इसके अलावा एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड को भी हॉटस्पॉट में एंट्री के लिए अनुमति लेनी होगी। हॉटस्पॉट में मीडिया के घुसने पर भी रोक होती है।
जरूरी सामानों की आपूर्ति होगी:
सील के दौरान लोगों को जरूरी सामान की आपूर्ति सिर्फ होम डिलीवरी के जरिए की जाएगी। प्रशासन द्वारा फल, सब्जी, दवा, राशन आदि होम डिलीवरी के माध्यम से हर घर तक आएगा। घर-घर जाकर जांच की जाएगी कि किसी व्यक्ति में कोरोना से संक्रमण के लक्षण तो नहीं हैं या व्यक्ति कोविड पॉजिटिव मरीज के संपर्क में तो नहीं आया है।
उत्तर प्रदेश की बात करें तो राज्य सरकार ने दिल्ली से सटे नोएडा समेत अन्य 15 जिलों के हॉटस्पॉट इलाकों को सील करने का फैसला लिया है। यह इलाके बुधवार रात 12 बजे से 15 अप्रैल सुबह तक सील रहेंगे। जरूरी सामान के लिए लोगों को इस नंबर, 18004192211 पर कॉल करनी होगी।
दूसरी ओर दिल्ली सरकार ने 20 हॉटस्पॉट इलाके सील किए हैं। इनमें दक्षिण दिल्ली के दो इलाकों को हॉटस्पॉट चिन्हित किया गया है। ये दो इलाके संगम विहार और मालवीय नगर में हैं। संगम विहार के एल-1 में गली नंबर 6 और मालवीय नगर में गांधी पार्क के इलाके हॉटस्पॉट तय किए गए हैं।
दरअसल, ऐसी संभावना जताई जा रही है कि देश के कई हिस्सों में आने वाले कुछ समय में ऐसे ही और भी कई हॉटस्पॉट इलाके सील किए जा सकते हैं। आइए जानते हैं क्या है हॉटस्पॉट, ये कैसे सील किया जाता है। और सील होने के बाद उस इलाके में रहने वाले लोग क्या कर सकते हैं और क्या नहीं।क्या होता है हॉटस्पॉट: कोरोना वायरस के समय में वो इलाका जहां कई पॉजिटिव मरीज मिले हों और आगे भी उन इलाकों में संक्रमण फैलने की संभावना अधिक हो, वो हॉटस्पॉट कहा जाता है। ये इलाका किसी भी साइज का इलाका हो सकता है। कुछ घरों से लेकर मोहल्ला, कॉलोनी या फिर पूरे सेक्टर तक, यहां तक कि किसी अपार्टमेंट को भी एक हॉटस्पॉट माना जा सकता है।
राज्य सरकार के अधिकारियों के अनुसार ऐसे इलाके को हॉटस्पॉट के रूप में चिह्नित किया जा सकता है जहां कोरोनावायरस से संक्रमण के केस लगातार बढ़ रहे हों। वहीं हॉटस्पॉट के लिए यह भी देखा जाता है कि वहां के लोग खुद से लॉकडाउन फॉलो कर रहे हैं या सख्ती बढ़ाने की जरूरत है।
कैसे होता है सील:
हॉटस्पॉट इलाकों में लॉकडाउन का 100 फीसदी पालन होना ही एक प्रकार से उस इलाके का सील होना कहलाता है। इस दौरान इलाके में कोई भी दुकान नहीं खुलेगी। इलाके में प्रवेश और निकास पर पुलिस की बैरिकेडिंग होगी। लोगों को आसपास में भी जाने की इजाजत नहीं होगी। हॉटस्पॉट के लिए विशेष पास जारी होते हैं। क्या कर सकते हैं और क्या नहीं:
वैसे तो लॉकडाउन में ही लोगों को घर से बाहर निकलने की मनाही होती है लेकिन हॉटस्पॉट इलाकों को सील करने के बाद यह सख्ती और बढ़ा दी जाती है। लोगों को कहीं भी जाने की इजाजत नहीं होती।
कौन लोग जा सकते हैं:
हॉटस्पॉट वाले इलाकों में सिर्फ ऐसे लोगों को ही अनुमति होती है जो 'पास' के साथ जाते हैं। इसके अलावा एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड को भी हॉटस्पॉट में एंट्री के लिए अनुमति लेनी होगी। हॉटस्पॉट में मीडिया के घुसने पर भी रोक होती है।
जरूरी सामानों की आपूर्ति होगी:
सील के दौरान लोगों को जरूरी सामान की आपूर्ति सिर्फ होम डिलीवरी के जरिए की जाएगी। प्रशासन द्वारा फल, सब्जी, दवा, राशन आदि होम डिलीवरी के माध्यम से हर घर तक आएगा। घर-घर जाकर जांच की जाएगी कि किसी व्यक्ति में कोरोना से संक्रमण के लक्षण तो नहीं हैं या व्यक्ति कोविड पॉजिटिव मरीज के संपर्क में तो नहीं आया है।
उत्तर प्रदेश की बात करें तो राज्य सरकार ने दिल्ली से सटे नोएडा समेत अन्य 15 जिलों के हॉटस्पॉट इलाकों को सील करने का फैसला लिया है। यह इलाके बुधवार रात 12 बजे से 15 अप्रैल सुबह तक सील रहेंगे। जरूरी सामान के लिए लोगों को इस नंबर, 18004192211 पर कॉल करनी होगी।
दूसरी ओर दिल्ली सरकार ने 20 हॉटस्पॉट इलाके सील किए हैं। इनमें दक्षिण दिल्ली के दो इलाकों को हॉटस्पॉट चिन्हित किया गया है। ये दो इलाके संगम विहार और मालवीय नगर में हैं। संगम विहार के एल-1 में गली नंबर 6 और मालवीय नगर में गांधी पार्क के इलाके हॉटस्पॉट तय किए गए हैं।