देश / कोरोना का कहरः भारत पर लगी हैं दुनियाभर की नज़रें, तीसरा चरण शुरू

कोरोना के चलते भारत में आने वाले दो हफ्ते काफी अहम माने जा रहे हैं। अब सवाल ये है आखिर आने वाले दो हफ्तों में क्या होगा? क्यों अगले दो हफ्ते इतने अहम है कि डब्लूएचओ समेत तमाम दुनिया की नज़रें भारत पर लगी हुई हैं। तो आपको बता दें कि कोरोना की जिस तबाही से दुनिया के बड़े बड़े देश गुज़र चुके हैं या गुजर रहे हम उससे बस चंद दिन की दूरी पर हैं।

AajTak : Apr 11, 2020, 09:46 AM
कोरोना के चलते भारत में आने वाले दो हफ्ते काफी अहम माने जा रहे हैं। अब सवाल ये है आखिर आने वाले दो हफ्तों में क्या होगा? क्यों अगले दो हफ्ते इतने अहम है कि डब्लूएचओ समेत तमाम दुनिया की नज़रें भारत पर लगी हुई हैं। तो आपको बता दें कि कोरोना की जिस तबाही से दुनिया के बड़े बड़े देश गुज़र चुके हैं या गुजर रहे हम उससे बस चंद दिन की दूरी पर हैं। सरकार की सजगता और हमारी सतर्कता अब तय करेगी कि हम इस मुसीबत को दावत दें। या उसे आने से पहले ही टाल दें। क्योंकि जिन अगले दो हफ्तों की बात हो रही है। वो कोरोना की जानलेवा थर्ड स्टेज है। जिसमें पहुंचने के बाद फिर हालात को संभाल पाना तकरीबन नामुमकिन हो जाता है।

बहुत घातक है कोरोना की तीसरी स्टेज

कोरोना के इस तीसरे चरण को सिलसिलेवार तरीके से समझने की ज़रूरत है। जहां से इस वायरस की शुरुआत हुई। उसी चीन ने कोरोना के तीसरे चरण को सबसे पहले झेला। जहां सबसे ज़्यादा मौतें इसी तीसरे स्टेज पर हुईं थी। जिस स्टेज पर इस वक्त दुनिया के कई देश कोरोना से पनाह मांग रहे हैं। सवाल ये है कि आखिर क्या है कोरोना की थर्ड स्टेज। और कैसे हमें पता चलेगा कि हम कोरोना की किस स्टेज पर हैं।

कोरोना का तीसरा चरण दरअसल कम्यूनिटी इनफेक्शन है। इस स्टेज में ये वायरस गुणात्मक तरीके से बढ़ने लगता है। यानी इसका खतरा और इसका वायरस एक दूसरे में फैलने की तादाद मल्टीप्लाई होने लगती है। फर्ज़ कीजिए कि कोई इस वायरस से संक्रमित हो गया और वो अनजाने में अपनी रोज़मर्रा की ज़िंदगी जी रहा है। तो वो दफ्तर और घर में ना चाहते हुए भी कई लोगों को इस बीमारी में डाल देगा। इसी तरह जो लोग इस बीमारी की चपेट में आ गए वो और लोगों तक अनजाने में इसे पहुंचा देंगे। इसे ही कम्युनिटी ट्रांसमिशन या कम्यूनिटी इनफेक्शन कहते हैं। यही कोरोना की तीसरी और सबसे खतरनाक स्टेज है। और यहीं चूक हो जाती है। इटली और ईरान इस खतरे को भांप नहीं पाए। और जब तक उन्हें इसका एहसास हुआ बात उनके हाथ से निकल चुकी थी। लिहाज़ा इन दोनों ही देशों में कोरोना ने सबसे ज़्यादा तबाही मचाई।

कोरोना की इस स्टेज को और आसान तरीके से समझने की कोशिश कीजिए। क्योंकि जितना आप समझेंगे उतना आप इस महामारी से खुद भी बचेंगे और अपने परिवारवालों को भी बचा पाएंगे। कम्युनिटी ट्रांसमिशन की स्टेज तब आती है, जब एक बड़े इलाके के लोग इस वायरस से इंफेक्टेड हो जाते हैं। कम्युनिटी ट्रांसमिशन में कोई ऐसा शख्स भी संक्रमित हो सकता है जो न तो कोरोना वायरस से प्रभावित देश से लौटा है और न ही वो किसी दूसरे कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आया हो। इस स्टेज में ये पता नहीं चलता कि कोई कब, कहां और कैसे कोरोना वायरस से इंफेक्टेड हो रहा है। और इसी लिए कोरोना की ये स्टेज बेकाबू और जानलेवा हो जाती है।

कोरोना की किस स्टेज पर है हिंदुस्तान?

अभी देश में कोरोना वायरस दूसरे चरण यानी लोकल ट्रांसमिशन के स्टेज में है। ये दूसरी स्टेज क्या होती है। और कोरोना की कुल कितनी स्टेजेज़ होती हैं। ये हम आपको बताएंगे। और ये भी बताएंगे कि कैसे और कब ये वायरस महामारी का रुप लेने लगती है। मोटे तौर पर इसे ऐसे समझिए कि जैसे जैसे स्टेज बढ़ती जाएगी।। खतरा भी उसी हिसाब से बढ़ने लगेगा। और तीसरी स्टेज पर पहुंच जाने के बाद इसका हल खोज पाना बेहद मुश्किल हो जाता है। और ये बीमारी महामारी बननी शुरु हो जाती है।

चीन, इटली, अमेरिका, स्पेन और ईरान जैसे देशों में कोरोना वायरस की तीसरी स्टेज यानी कम्युानिटी ट्रांसमिशन हो चुका है। उनकी तबाही से सबक लेने की ज़रूरत है। वहां दूसरे स्टेज में कोरोना के मरीज सैकड़ों में थे। लेकिन तीसरी स्टेज आते ही मरीजों की संख्या हजारों-लाखों तक पहुंच गई। मरने वालों की तादाद लगातार बढ़ने लगी।

चीन और ईरान की तरह इटली, स्पेन और अमेरिका के लोगों की शुरुआती गलती ने ही उन्हें उस खतरनाक थर्ड स्टेज में पहुंचाया। वहां कोरोना से मरने वालों की तादाद अब बहुत ज़्यादा हो चुकी हैं। और भारत के मुकाबले चीन, इटली और खासकर अमेरिका में मेडिकल इन्फ्रास्ट्राक्चर बहुत मज़बूत हैं। इसके बावजूद वहां इस महामारी की वजह से संक्रमण इतना भयानक रुप ले चुका है।

जैसे आज इटली, स्पेन, अमेरिका और ईरान अपनी तमाम कोशिशें कर के थक चुके हैं, और अब उन्हें किसी चमत्कार का आसरा है। वैसे ही संकट और मुश्किल में हम भी आ सकते हैं, अगर वक्त रहते सरकार ने और खुद हमने इससे अपने आपको बचा कर नहीं रखा तो, इसलिए लॉक डाउन का पालन करें। संक्रमण की चेन को तोड़ने में मदद करें। घर में रहें, सुरक्षित रहें, खुद को भी बचाएं। परिवारवालों को बचाएं और देश को बचाएं।