Coronavirus / सर्दियों तक कोरोना के कारण इस देश में हो सकती हैं 85 हजार मौतें, सरकार की रिपोर्ट हुई लीक

AMAR UJALA : Aug 31, 2020, 02:26 PM
Coronavirus: क्या सर्दियों में कोरोना का संक्रमण और बढ़ जाएगा? इसको लेकर दुनियाभर में चर्चाएं तेज हैं। कई वैज्ञानिकों ने ये आशंका जताई है कि सर्दी के मौसम में दुनिया को कोरोना वायरस की दूसरी लहर का सामना करना पड़ सकता है, जो पहले से कहीं अधिक खतरनाक और जानलेवा होगी। इससे संबंधित ब्रिटेन सरकार की एक रिपोर्ट लीक हुई है, जो चिंता बढ़ाने वाली है। रिपोर्ट के मुताबिक, सर्दियों तक देश में 85 हजार मौतें हो सकती हैं। यहां कोरोना से अब तक 41 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ब्रिटेन के साइंटिफिक एडवाइजरी ग्रुप फॉर इमरजेंसीज (SAGE) ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि सर्दी में कोरोना वायरस के कारण देश को सबसे बुरी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। इसके लिए सरकार को तैयार रहना पड़ेगा।  

रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्रिटेन की सरकार को फिर से पाबंदियां लगानी पड़ सकती हैं। ये पाबंदियां नवंबर से शुरू होकर अगले साल यानी 2021 में मार्च तक जा सकती हैं। हालांकि यह तो ब्रिटेन की आंतरिक रिपोर्ट है, जिसकी आधिकारिक तौर पर अभी पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दुनिया को इस बात को लेकर जरूर आगाह किया है कि सर्दियों में कोरोना और घातक हो सकता है। 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या और मौत के आंकड़ों को देखते हुए ब्रिटिश सरकार ऑक्सफोर्ड की कोरोना वैक्सीन को जल्द मंजूरी देने के लिए कानून में बदलाव करने की तैयारी कर रही है। फिलहाल इस वैक्सीन का ट्रायल अंतिम चरण में है। दरअसल, ब्रिटिश सरकार ये चाहती है कि वैक्सीन बनने के तुरंत बाद संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए वैक्सीन आपातकालीन रूप से उपलब्ध हो जाए, क्योंकि आमतौर पर वैक्सीन के सफल होने की घोषणा करने के बाद उसे मंजूरी देने में करीब एक महीने का समय लगता है। 

सबसे पहले किसे मिलेगी वैक्सीन? 

ब्रिटेन की वैक्सीन टास्कफोर्स केट बिंघम के मुताबिक, वैक्सीन की डोज सबसे पहले बुजुर्गों, जिनकी उम्र 65 के पार हो, को दी जाएगी, क्योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता पहले से ही कमजोर होती है। इसके अलावा दूसरी बीमारियों से पीड़ित लोग और स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीन दिए जाने पर प्राथमिकता दी जाएगी। 

रूस में तो ट्रायल पूरा किए बिना ही दी जा रही वैक्सीन 

रूस में कोरोना वैक्सीन 'स्पूतनिक-वी' का फिलहाल तीसरे यानी अंतिम चरण का ट्रायल चल रहा है, लेकिन वहां तो आधिकारिक तौर पर 11 अगस्त को ही इसकी मंजूरी मिल चुकी है। कई लोगों को वैक्सीन की डोज दी गई है, जिसमें रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की बेटी भी शामिल हैं। हाल ही में उन्होंने चैनल रोसिया 1 को दिए एक इंटरव्यू में बताया है कि वैक्सीन लगने के बाद उनकी बेटी सुरक्षित और स्वस्थ महसूस कर रही हैं। 

चीन में तो बिना ट्रायल पूरा किए जुलाई से ही दी जा रही है वैक्सीन 

चीन में भी कोरोना की कई वैक्सीन पर काम चल रहा है, लेकिन हाल ही में आई एक रिपोर्ट ने सबको चौंका दिया था। यहां के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने शनिवार को खुलासा किया था कि वह 22 जुलाई से ही अपने लोगों को वैक्सीन की डोज दे रहा है और लोगों पर इसका साइड-इफेक्ट भी अब तक नजर नहीं आया है। हालांकि आयोग ने ये नहीं बताया कि लोगों को कौन सी वैक्सीन दी जा रही है। 

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