Coronavirus Vaccine / जल्द आ सकती है कोरोना वायरस की स्वदेशी वैक्सीन! ह्यूमन ट्रायल शुरू

Zee News : Jul 14, 2020, 08:16 PM
नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) के खिलाफ लड़ाई में भारत मजबूती से आगे बढ़ रहा है। साथ ही कोरोना की वैक्सीन तैयार करने की दिशा में भी दुनिया के देशों में भारत आगे के पायदान पर है। भारत बायोटेक और सिरम इंस्टिट्यूट की वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल को लेकर ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने मंजूरी दे दी है। Zydus Cadila की वैक्सीन भी तेजी से विकसित की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक भारत बायोटेक और आईसीएमआर की वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल शुरू भी हो चुके हैं। 

इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (ICMR) के डायरेक्टर जनरल डॉ बलराम भार्गव ने आज यह दावा किया कि भारत वैक्सीन की दौड़ में दुनिया में आगे के पायदान पर ही चल रहा है।

भार्गव ने यह भी बताया कि वैक्सीन दुनिया का कोई भी देश बना ले, उसके उत्पादन के लिए भारत पर निर्भर रहना ही होगा। वैक्सीन की उत्पादन क्षमता के मामले में भारत और चीन ही इतने सक्षम हैं कि बड़े पैमाने पर कम वक्त में ज्यादा वैक्सीन बना सकें। दुनिया के एक बड़े हिस्से में इस्तेमाल होने वाली 60 फीसदी वैक्सीन भारत में ही बनकर जाती हैं।

उन्होंने कहा कि दुनिया में 100 से ज्यादा अलग-अलग कोरोना वैक्सीन पर काम चल रहा है। इनमें रूस सबसे आगे है। इसके बाद अमेरिका चीन और यूरोप भी रेस में बने हुए हैं।

स्वास्थ्य मंत्रालय के OSD भरत भूषण के मुताबिक कोरोना वायरस के बढ़ने की दर पर भी तेजी से लगाम लगाई जा सकी है। मार्च में जहां 31 फीसदी की दर से मामले बढ़ रहे थे वहीं 14 जुलाई को यह दर घटकर महज 3 फीसदी रह गई है।

उन्होंने कहा कि फिलहाल सरकार का फोकस उन राज्यों पर है जहां से कोरोना वायरस के सबसे ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। आंकड़ों पर नजर डालें तो महाराष्ट्र और तमिलनाडु में देश के 50 फीसदी कोरोना संक्रमण के मरीज हैं। इसके अलावा 10 अन्य राज्यों से 36 फीसदी मामले रिपोर्ट हो रहे हैं इनमें दिल्ली भी शामिल है। यानी देश के कुल 86% मामले 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से ही आ रहे हैं। इन राज्यों में कोरोना वायरस के इलाज में लगे अस्पतालों को एम्स के डॉक्टरों द्वारा टेलीकंसल्टेशन दी जा रही है।

स्वास्थ्य मंत्रालय की एक टीम ऐसे राज्यों में डॉक्टरों से बात कर ये समझने की कोशिश कर रही है कि मामले कैसे घटाए जा सकते हैं। साथ ही दवाओं और नए इलाज के तरीकों को लेकर एम्स के डॉक्टर इन राज्यों को लगातार टेलीकंसल्टेशन के द्वारा सलाह दे रहे हैं। 

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