जानें 10 बड़ी बाते / सबसे पहले भारत में कोरोना की वैक्सीन लाने की तैयारी, 15 अगस्त तक हो सकती है लॉन्च

AMAR UJALA : Jul 04, 2020, 08:43 PM
Coronavirus: कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच दुनियाभर के वैज्ञानिक इसकी वैक्सीन तैयार करने में लगे हुए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, दुुनियाभर में कोरोना महामारी के लिए 148 वैक्सीन पर काम चल रहा है, जिनमें से 17 वैक्सीन क्लीनिकल ट्रायल के फेज में पहुंच गई हैं। यूं तो किसी भी बीमारी की वैक्सीन बनने में सालों लगते हैं, लेकिन कोरोना की वैक्सीन बनाने को लेकर काफी तेजी से काम चल रहा है। इसी बीच भारत में कोरोना की वैक्सीन तैयार हो गई है। आईसीएमआर यानी भारतीय चिकित्सा अनसंधान परिषद के सहयोग से इस वैक्सीन को हैदराबाद की फार्मास्यूटिकल कंपनी भारत बायोटेक (Bharat Biotech International Ltd) ने तैयार किया है। आईसीएमआर की ओर से इस वैक्सीन को 15 अगस्त तक लॉन्च करने की तैयारी की जा रही है। इस वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल यानी मानव परीक्षण की अनुमति मिल गई है और सात जुलाई से इसकी शुरुआत हो सकती है।

आईसीएमआर ने भारत बायोटेक को लिखे एक पत्र में कहा है कि स्वदेशी कोरोना वैक्सीन(Covaccine India) का ट्रायल फास्ट ट्रैक मोड में किया जाए, ताकि 15 अगस्त तक क्लीनिकल ट्रायल के रिपोर्ट को लॉन्च कर दिया जाए। इस वैक्सीन का ट्रायल सात जुलाई से शुरू किए जाने की योजना है।

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने हैदराबाद की फॉर्मा कंपनी भारत बायोटेक के साथ मिलकर जिस वैक्सीन को तैयार किया है, उसका नाम BBV152 कोविड वैक्सीन रखा गया है। इसे कोवैक्सीन भी कहा जा रहा है। यह पूरी तरह से स्वदेशी है।

आईसीएमआर की जिस तरह से तैयारी है, अगर सबकुछ ठीक रहा तो कोरोना की वैक्सीन सबसे पहले भारत में ही तैयार हो सकती है। अभी हाल ही में भारत बायोटेक की इस कोवैक्सीन को ह्यूमन ट्रायल की अनुमति मिली है।

आईसीएमआर की ओर से जारी पत्र के मुताबिक, सात जुलाई से ह्यूमन ट्रायल के लिए प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इसके बाद अगर सभी ट्रायल सही होते रहे तो उम्मीद है कि 15 अगस्त तक कोवैक्सीन लॉन्च की जा सकती है। 

आईसीएमआर और एम्स के डॉक्टर समेत सभी स्टेकहोल्डर ने इस पत्र को जारी किया है। पत्र के मुताबिक ह्यूमन ट्रायल के लिए 12 संस्थानों का चयन किया गया है। ह्यूमन ट्रायल प्रक्रिया की शुरुआत सात जुलाई से हो सकती है। इस वैक्सीन का चरणवार ट्रायल किया जाएगा। आईसीएमआर की ओर से फिलहाल यह अनुमान लगाया गया है कि वैक्सीन 15 अगस्त तक लॉन्च हो सकती है।

ह्यूमन ट्रायल के लिए संस्थानों को लिखे पत्र में आईसीएमआर ने कहा है कि सभी क्लिनिकल ट्रायलों के पूरा होने के बाद 15 अगस्त तक सार्वजनिक स्वास्थ्य उपयोग के लिए वैक्सीन लॉन्च करने की योजना तैयार की गई है। भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड (BBIL) इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए तेजी से कार्य कर रहा है। हालांकि अंतिम परिणाम इस प्रोजेक्ट में शामिल सभी संस्थानों के सहयोग पर भी निर्भर करेगा।

प्री-क्लीनिकल स्टेज में बेहतर परिणाम

प्री-क्लीनिकल स्टेज में इस स्वदेशी वैक्सीन का परिणाम काफी बेहतर बताया गया है। शुरुआती स्टेज के परिणामों के आधार पर ही इस वैक्सीन को ह्यूमन ट्रायल यानी मानव परीक्षण करने की अनुमति मिली है। अगर इस वैक्सीन का मानव परीक्षण सफल रहता है, तो देश और दुनिया में कोरोना वायरस संक्रमण की लहर से निपटना आसान हो जाएगा।

आईसीएमआर के डीजी बलराम भार्गव ने भारत बायोटेक को पत्र लिखकर कोरोना की दवा के ट्रायल पर तेज गति से काम करने को कहा है ताकि नतीजे 15 अगस्त तक आ जाएं। इस पत्र में लिखा गया है कि भारत द्वारा कोरोना की दवा के विकास का यह पहला बड़ा प्रयास है। इस पर सरकार की भी नजर है और इसे प्राथमिकता के आधार पर आगे बढ़ाना होगा। 

मालूम हो कि इस वैक्सीन को आईसीएमआर और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी ने कोरोना वायरस के स्ट्रेन से अलग करके तैयार किया है। पुणे आईसीएमआर और बीबीआईएल ने संयुक्त रूप से मिलकर इसे तैयार किया है। आईसीएमआर के मुताबिक देशभर के कई शहरों में इसका ह्यूमन ट्रायल होगा। ट्रायल सफल रहे तो जल्द ही कोरोना की वैक्सीन हमारे बीच होगी।

देश के कई शहरों में होगा ट्रायल

आईसीएमआर ने देश के इस पहले स्वदेशी वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल के लिए 12 संस्थानों का चयन किया है, जिनमें से एक ओडिशा का इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेस एंड एसयूएम हॉस्पिटल है। इसके अलावा क्लीनिकल ट्रायल के लिए चुने गए अन्य संस्थान विशाखापत्तनम, रोहतक, नई दिल्ली, पटना, नागपुर, गोरखपुर, कट्टानकुलतुर (तमिलनाडु), बेलगाम (कर्नाटक),  हैदराबाद, आर्य नगर, कानपुर (उत्तर प्रदेश) और गोवा में स्थित हैं।

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