जयपुर / प्रेम विवाह करने वाले जोड़ों को जरूरत पर मिलेगी पुलिस सुरक्षा

Dainik Bhaskar : Nov 27, 2019, 11:51 AM
जयपुर | नागौर के जसवंतगढ़ में प्रेम विवाह करने के बाद घर लौटे कपल का अपहरण करने के बाद बेहरमी से मारपीट करने के मामले में एक बार फिर पुलिस की कार्यशैली को कठघरे में खड़ा कर दिया है। पड़ताल में सामने आया कि घायल जसवंतगढ़ निवासी गौरी शंकर व छोटी कातर सेंधड़ा निवासी मंजू प्रेम विवाह करने के बाद हाईकोर्ट का आदेश लेकर नागौर एसपी विकास पाठक के पास पहुंचकर सुरक्षा की मांग थी। लेकिन पुलिस ने कपल की अर्जी को लेकर खानापूर्ति कर दी। खास बात यह है कि नव विवाहित कपल ने जिन लोगों पर जान-माल का खतरा होने का आरोप लगाया था। उन लोगों को संबंधित पुलिस थाने से पाबंध कराना भी उचित नहीं समझा। हालांकि गनीमत रही कि अपहरण की घटना के बाद जिला पुलिस छह घंटे में युवक व युवती को बरामद कर लिया और कुछ संिदग्धों को भी दबोच लिया। ऐसे में बड़ी घटना होने से टल गई। जबकि ऐसे मामलों में कोर्ट के आदेश पर कुछ माह पहले पुलिस मुख्यालय ने सभी जिला एसपी और रेंज आईजी को पत्र लिखकर निर्देश िदए थे कि अगर कोई भी कपल प्रेम विवाह करने के बाद सुरक्षा की मांग करे तो उसको तत्काल सुरक्षा उपलब्ध कराई जाए। लेकिन नागौर पुलिस ने मामले में गंभीरता नहीं ली।

21 को एसपी के सामने पेश हुए, सुरक्षा नहीं मिली, 22 की रात को अपहरण और मारपीट हुई, 6 घंटे बाद पुलिस चेती

पड़ताल सामने आया कि जसवंतगढ़ नागौर निवासी गौरीशंकर व सेंधड़ा निवासी मंजू ने 2 नवंबर को प्रेम विवाह किया था। प्रेम विवाह के बाद गौरीशंकर व मंजू ने कोर्ट में सुरक्षा के लिए अर्जी लगाई थी। हाईकोर्ट ने नागौर पुलिस को गौरीशंकर व मंजू को सुरक्षा उपलब्ध कराने के आदेश दिए थे। दोनों प्रेमी 21 नवंबर को नागौर एसपी विकास पाठक से मिलकर सुरक्षा उपलब्ध कराने की गुहार लगाई थी। मंजू का आरोप था कि उसको और गौरीशंकर को उसके परिजनों से जान का खतरा है। एसपी ने दोनों की अर्जी लेकर कार्रवाई करने के बजाए खानापूर्ति कर दी। ऐसे में अगले दिन मंजू के परिजनों ने गौरीशंकर व उसके परिजनों पर आधी रात बाद हमला किया और मारपीट करने के बाद गौरीशंकर व मंजू का अपहरण करके ले गए थे। हालांकि इस घटना के बाद पुलिस चेती और फिर अपहरण करने वाले बदमाशों को दबोच कर दोनों को छुड़वा लिया।

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