COVID-19 Vaccination / टीकाकरण की शुरुआत से टला कोरोना की दूसरी लहर खतरा, जानिए अब कितने सुरक्षित

Zoom News : Jan 19, 2021, 08:34 AM
COVID-19 Vaccination: देश में केरोना के घटते संक्रमण के बीच टीकाकरण की शुरुआत से दूसरी लहर का खतरा टल जाएगा। अमेरिका समेत तमाम यूरोपीय देश कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का सामना कर रहे हैं। लेकिन चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि भारत इस खतरे से बच सकता है। सीएसआईआर के महानिदेशक डा. शेखर. सी. मांडे ने कहा कि टीकाकरण शुरू होने से दूसरी लहर का खतरा निश्चित रुप से कम हुआ है। लेकिन हम पूरी तरह से तब तक सुरक्षित नहीं होंगे, जब तक 60-80 फीसदी लोगों को टीका न लग जाए।

वर्धमान महावीर मेडिकल कालेज के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के निदेशक डॉ. जुगल किशोर ने कहा कि देश में कोरोना की दूसरी लहर की आशंका नहीं है।उन्होंने कहा कि मूलत: चार कारण होते हैं जिससे दूसरी लहर आती है। एक वायरस में म्यूटेशन का होना, दूसरे मां से बच्चों में संचरण, तीसरा माइग्रेशन और चौथा प्रतिरोधक क्षमता कम होना। लेकिन ये चारों स्थितियां नहीं हैं।

उन्होंने कहा कि जो वायरस देश में है, उसमें कोई म्यूटेशन नहीं हुआ है। ब्रिटेन में मिले नए प्रकार के वायरस का खतरा भी देश में नहीं है क्योंकि इसके सीमित मामले सामने आए हैं जिनकी रोकथाम कर ली गई है। दूसरे, कोरोना संक्रमित मांओं से बच्चों में संक्रमण नहीं हुआ है। इससे स्पष्ट हो चुका है रक्त के जरिये बीमारी का प्रसार नहीं होता है। तीसरे, पहले शहरों से गांवों को पलायन हुआ था जिससे बीमारी का गांवों को प्रसार हुआ। लेकिन अब लोग शहरों को वापस आ रहे हैं। इस प्रकार के रिवर्स पलायन में संक्रमण के आसार नहीं हैं। चौथे, जिन लोगों को कोरोना हुआ था, उनमें प्रतिरोधक क्षमता पैदा हुई है तथा दोबारा संक्रमण के मामले बेहद कम हैं। इसके अलावा करीब एक चौथाई आबादी में वायरस के प्रति प्रतिरोधक क्षमता पैदा हो चुकी है। टीकाकरण के बाद ज्यादा लोगों की इम्यूनिटी में इजाफा होगा।

एम्स के पूर्व निदेशक डॉ. एम. सी. मिश्रा ने कहा कि कोरोना के मामलों में कमी का रुझान है तथा टीकाकरण शुरू होने के बाद यह और कम होंगे क्योंकि लोगों का सुरक्षा कवच बढ़ता जाएगा। इस प्रकार हम दूसरी लहर के खतरे से बच जाएंगे। इस समय भारत को सिर्फ इस बात पर ज्यादा ध्यान देना है कि विदेशों से आ रहे लोगों के जरिये नए कोरोना प्रकार का संक्रमण देश में फैलने नहीं पाए। ऐसे संक्रमण को एयरपोर्ट पर ही रोक लिया जाए। यदि हम इसमें सफल रहते हैं तो दूसरी लहर का खतरा खतरा टल जाएगा।

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