दुनिया / तेल से अकूत दौलत कमाने वाले मुल्‍क पर संकट, पहली बार इनकम टैक्स लेने की तैयारी

Live Hindustan : Jul 24, 2020, 07:04 AM
नई दिल्‍ली: संयुक्‍त राष्‍ट्र के मुताबिक कोरोना महामारी के असर के चलते अरब देशों की अर्थव्यवस्थाएं 5.7 फीसदी तक सिकुड़ सकती हैं। इसके चलते करीब एक चौथाई आबादी गरीबी के गर्त में जा सकती है। सऊदी अरब में भी सरकार वित्तीय व्यवस्था को संभालने के लिए तमाम विकल्पों पर विचार कर रही है। इनमें से एक विकल्प इनकम टैक्स लगाने का भी है, क्योंकि सऊदी अरब पिछले 30 साल में पहली बार इतने गहरे दबाव में है। 2020 में सऊदी अरब की इकोनॉमी 6.8 फीसदी तक सिकुड़ सकती है।

रिपोर्ट के मुताबिक, रियाद ऐसे भयंकर हालात में अपने नागरिकों से मदद लेने के लिए इनकम टैक्स देने के लिए कह सकता है। सऊदी अरब के नागरिक इनकम टैक्स नहीं देते, वहां अप्रवासियों और कॉरपोरेट से 20 फीसदी इनकम टैक्स लिया जाता है और वहां सभी के लिए 20 फीसदी फेडरल टैक्स है।


दुनिया का सबसे ज्यादा तेल उत्पादन करने वाला देश पेट्रोलियम राजस्‍व को नागरिकों पर खर्च करता है। हालांकि जब क्रूड ऑयल की कीमतें कोरोना वायरस की वजह से गिर रही हैं और निर्यात भी 65 फीसदी तक घट गया है तो माना जा रहा है कि सऊदी अरब देश में इनकम टैक्स की व्‍यवस्‍था लागू कर सकता है।


टैक्स फ्री देश

इसी तरह युनाइटेड अरब अमीरात (UAE) के लोग भी कोई टैक्स नहीं देते। देश के पास इतने समृद्ध प्राकृतिक संसाधन हैं कि यह अपने नागरिकों से कोई टैक्स नहीं लेता। कॉरपोरेट टैक्स केवल विदेशी बैंकों और तेल कंपनियों पर ही लगता है। कतर, कुवैत और ओमान भी अपने नागरिकों से कोई इनकम टैक्स नहीं लेते। कैरेबियन देश बहामास में तो कॉरपोरेट्स को भी कोई टैक्स देने की जरूरत नहीं है। 


ऊंचे टैक्स वाले देश

स्वीडन में दुनिया का सबसे ज्यादा इनकम टैक्स लगता है जिसकी दर 57।1 फीसदी है। पुर्तगाल 56।5 फीसदी इनकम टैक्स की दर के साथ दूसरे स्थान पर है जबकि जापान 55।95 फीसदी टैक्स दर के साथ तीसरे स्थान पर है। डेनमार्क 55।8 फीसदी और ऑस्ट्रिया 55 फीसदी इनकम टैक्स की ऊंची दर के साथ इसी सूची में गिना जा सकता है। भारत 30 फीसदी टैक्स दर के साथ इन देशों से काफी बेहतर है लेकिन फिर भी यहां की दर काफी ऊंची है।

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