Dainik Bhaskar : Mar 04, 2019, 08:02 AM
करायपरसुराय (नालंदा) । तस्वीर देखेंगे तो कलेजा मुंह में आ जाएगा। ये हैं सुजीत कुमार, जहानाबाद से सिपाही भर्ती की परीक्षा देकर लौट रहे थे। लौटते समय पटना के परसा हॉल्ट में पानी के लिए ट्रेन से उतरे। अचानक ट्रेन चलने लगी तो चढ़ने के दौरान दोनों पैर कट गए।
सुजीत ने हिम्मत नहीं हारी और लोगों से कहा कि मुझे पटना जाने वाली ट्रेन में बैठा दीजिए। ट्रेन में बैठाए जाने के बाद उन्होंने खुद परिजनों को फोन से हादसे की सूचना दी। सुजीत की हिम्मत और जज्बे को देखकर लोग उनकी तारीफ कर रहे हैं। उनका इलाज पटना के पीएमसीएच में चल रहा है। सुजीत चिकसौरा थाना क्षेत्र के मरांची गांव के रहने वाले हैं। पिता का नाम पप्पू पण्डित है। वे रविवार को एसएससी-जीडी (सिपाही) की परीक्षा देने जहानाबाद गए थे। घर लौटने के क्रम में यह हादसा हो गया। हादसा के बाद जुटे कई लोग जख्मी सुजीत की मदद करने के बजाय मोबाइल से फोटो व वीडियो बनाते रहे। रेल प्रशासन उसकी मदद को सामने नहीं आया। अंततः जख्मी सुजीत ने अपनेआप में हिम्मत जुटाते हुए मौके पर जुटी भीड़ से ट्रेन में चढ़ा देने की विनती की।लोगों ने ट्रेन की बोगी में बैठाया, पीएमसीएच में भर्ती : कुछ लोगों ने उन्हें उठाकर ट्रेन की एक बोगी में बैठा दिया तथा कटे हुए दोनों पैरों को भी पास में रख दिया। खून की धारा चल रही थी। दर्द से कराह रहे सुजीत ने मोबाइल से अपने घरवालों को बताया तो परिवार में अफरातफरी का माहौल बन गया। परिजन पटना जंक्शन पर पहुंचे और खून से लथपथ सुजीत और कटे हुए दोनों पैरों को देखकर बेसुध हो गए। उन्हें इलाज के लिए पटना पीएमसीएच में भर्ती कराया, जहां स्थिति नाजुक बताई जा रही है।
सुजीत ने हिम्मत नहीं हारी और लोगों से कहा कि मुझे पटना जाने वाली ट्रेन में बैठा दीजिए। ट्रेन में बैठाए जाने के बाद उन्होंने खुद परिजनों को फोन से हादसे की सूचना दी। सुजीत की हिम्मत और जज्बे को देखकर लोग उनकी तारीफ कर रहे हैं। उनका इलाज पटना के पीएमसीएच में चल रहा है। सुजीत चिकसौरा थाना क्षेत्र के मरांची गांव के रहने वाले हैं। पिता का नाम पप्पू पण्डित है। वे रविवार को एसएससी-जीडी (सिपाही) की परीक्षा देने जहानाबाद गए थे। घर लौटने के क्रम में यह हादसा हो गया। हादसा के बाद जुटे कई लोग जख्मी सुजीत की मदद करने के बजाय मोबाइल से फोटो व वीडियो बनाते रहे। रेल प्रशासन उसकी मदद को सामने नहीं आया। अंततः जख्मी सुजीत ने अपनेआप में हिम्मत जुटाते हुए मौके पर जुटी भीड़ से ट्रेन में चढ़ा देने की विनती की।लोगों ने ट्रेन की बोगी में बैठाया, पीएमसीएच में भर्ती : कुछ लोगों ने उन्हें उठाकर ट्रेन की एक बोगी में बैठा दिया तथा कटे हुए दोनों पैरों को भी पास में रख दिया। खून की धारा चल रही थी। दर्द से कराह रहे सुजीत ने मोबाइल से अपने घरवालों को बताया तो परिवार में अफरातफरी का माहौल बन गया। परिजन पटना जंक्शन पर पहुंचे और खून से लथपथ सुजीत और कटे हुए दोनों पैरों को देखकर बेसुध हो गए। उन्हें इलाज के लिए पटना पीएमसीएच में भर्ती कराया, जहां स्थिति नाजुक बताई जा रही है।