News18 : Apr 20, 2020, 08:45 AM
नई दिल्ली। वैश्विक महामारी कोरोना (Covid-19) पूरे देश में कहर बरपा रहा है। इस बीच केंद्र सरकार (Central Government) ने साफ कर दिया है कि कोरोना संक्रमण से मौत होने पर पोस्टमार्टम नहीं होगा। दरअसल, कोरोना संक्रमित मरीजों के दाह-संस्कार में शामिल होने वाले लोगों के इस खतरनाक वायरस से संक्रमित होने की शिकायतें मिल रही थीं, जिसके बाद इस तरह का कदम उठाया गया है। कई राज्यों से मिली शिकायतों के आधार पर यह निर्णय लिया गया है। साथ ही साफ कर दिया गया है कि मौत के बाद परिवार के केवल एक सदस्य को शव के दर्शन की अनुमति मिलेगी। इस दौरान मृतक के परिवार को पूरी सुरक्षा कवच मिलेगी। इस संबंध में निर्देशों को दो बार राज्यों को भेजा जा चुका है। इन निर्देशों के बाद भी सतर्कता नहीं बरतने की जानकारी मिल रही है।पूरे गांव को करना पड़ा क्वरंटाइनइस तरह का एक मामला सामने आने के बाद बिहार में एक गांव को पूरी तरह क्वरंटाइन करना पड़ा। प्रशासनिक स्तर पर सतर्कता बरती जा रही है। ताकि इस वैश्विक महामारी के प्रसार को रोका जा सके। एक दैनिक अखबार से बातचीत के दौरान एम्स के फॉरेंसिक विभाग के प्रमुख डॉ। सुधीर गुप्ता ने कहा कि एम्स प्रशासन ने कोरोना शव प्रबंधन को लेकर दिशा निर्देश जारी किया। प्रोटोकॉल के तहत जारी इन निर्देशों का पालन हो रहा है। गुप्ता का कहना है कि संक्रमण के खतरे को पूरी तरह खत्म करने के लिए मोटी थैली बैग से मृतक के शव को कवर करने के बाद ही शव को इलैक्ट्रिक या गैस शम्शान गृह में दाह संस्कार करना चाहिए।जानिए शव प्रबंधन से जुड़े निर्देशमोर्चरी से शव श्मशान घाट तक ऐंबुलेंस के माध्यम से पहुंचेगा। इस दौरान पीपीई पहने ऐंबुलेंस कर्मचारी शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाएंगे। अंतिम संस्कार के बाद उस जगह और ऐंबुलेंस को सैनिटाइज किया जाएगा।संक्रमित के शव का पोस्टमार्टम नहीं होगा। इसके अलावा शव को मोर्चरी से ले जाने के बाद उस पूरे वार्ड को सैनिटाइज किया जाएगा। अंतिम संस्कार में चार से पांच लोग होने चाहिए। साथ ही इस प्रक्रिया से परिजनों को दूर रखने की बात कही गई है।