देश / इंडियन आर्मी में है आतंकी हमले का शिकार बने SPO फैयाज अहमद का बेटा

आतंकवादियों (Terrorist) की कायराना हरकत का शिकार बने विशेष पुलिस अधिकारी (SPO) फैयाज अहमद (Fayaz Ahmad) का बेटा भारतीय सेना (Indian Army) में है। अपने पिता और मां की मौत से बेटे को गहरा आघात लगा है और वह चाहता है कि उसकी खुशियों को आग लगाने वाले आतंकवादियों को जल्द से जल्द जहन्नुम भेजा जाए। इस आतंकी हमले में एसपीओ फैयाज की बेटी गंभीर रूप से घायल हुई है। उसका अस्पताल में इलाज चल रहा है।

Vikrant Shekhawat : Jun 28, 2021, 10:26 AM
जम्मू: आतंकवादियों (Terrorist) की कायराना हरकत का शिकार बने विशेष पुलिस अधिकारी (SPO) फैयाज अहमद (Fayaz Ahmad) का बेटा भारतीय सेना (Indian Army) में है। अपने पिता और मां की मौत से बेटे को गहरा आघात लगा है और वह चाहता है कि उसकी खुशियों को आग लगाने वाले आतंकवादियों को जल्द से जल्द जहन्नुम भेजा जाए। इस आतंकी हमले में एसपीओ फैयाज की बेटी गंभीर रूप से घायल हुई है। उसका अस्पताल में इलाज चल रहा है। 

Terrorists की तलाश जारी

आतंकवादियों ने पुलवामा के अवंतीपोरा इलाके के हरिपरिगाम (Hariparigam) में रविवार रात को SPO फैयाज अहमद के घर पर हमला बोला था। आतंकियों ने जबरदस्त गोलीबारी की थी, जिसमें विशेष पुलिस अधिकारी फैयाज अहमद और उनकी पत्नी की मौत हो गई, जबकि बेटी गंभीर रूप से घायल हुई है। इस घटना के बाद सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके को घेर लिया है और आतंकियों की तलाश की जा रही है। 

रात के समय बोला था Attack

अधिकारियों ने बताया कि आतंकवादी रात करीब 11 बजे हरिपरिगाम स्थित एसपीओ फैयाज अहमद के घर में घुस गए और परिवार पर गोलियां चला दीं। उन्होंने बताया कि परिवार के सदस्यों को अस्पताल ले जाया गया, जहां एसपीओ और उसकी पत्नी राजा बेगम ने दम तोड़ दिया, जबकि उनकी बेटी रफिया को इलाज के लिए यहां एक अस्पताल में स्थानांतरित किया गया है। इससे पहले जम्मू एयरफोर्स स्टेशन में हुए दो धमाकों में वायुसेना के दो जवान घायल हो गए थे। पहला विस्फोट शनिवार देर रात एक बजकर 40 मिनट के आसपास हुआ जबकि दूसरा उसके छह मिनट बाद हुआ था।

दहशत कायम करना मकसद

घाटी में सुरक्षा बलों के अभियान के चलते आतंकवादियों के पैर उखड़ने लगे हैं। इसलिए वह दहशत कायम करने के लिए इस तरह की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) फैयाज अहमद की हत्या कर आतंकवादी से संदेश देना चाहते हैं कि पुलिस या सेना से रिश्ता रखने वालों को छोड़ा नहीं जाएगा।