News18 : Sep 15, 2020, 06:30 AM
नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) पूर्वी लद्दाख (North Ladakh) में वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of Actual Control) के पास भारत और चीनी सैनिकों (Indian-Chinese Troops) के बीच जारी गतिरोध को लेकर मंगलवार को संसद में एक बयान दे सकते हैं। संसदीय सूत्रों ने यह जानकारी दी। विपक्ष द्वारा इस मुद्दे पर चर्चा कराये जाने की मांग के बीच यह बयान काफी महत्व रखता है। राजनाथ की हाल में मास्को (Moscow) में चीन के रक्षा मंत्री वेई फेंगहे के साथ मुलाकात हुई थी। कुछ दिन पहले विदेश मंत्री जयशंकर (S। Jaishankar) की भी चीन के उनके समकक्ष वांग यी (Wang Yi) के साथ मुलाकात हुई थी।
इस बीच, कैबिनेट और मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति की मंगलवार अपराह्न वीडियो कांफ्रेंस के जरिये बैठक हो सकती है। सरकार के सूत्रों ने यह जानकारी दी है। सोमवार से शुरू हुए संसद के मानसून सत्र में विपक्ष भारत-चीन मुद्दे (India-China Dispute), कोविड की स्थिति (Covid-19 Situation), आर्थिक शिथिलता और बेरोजगारी (Unemployment) जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने का कोई मौका छोड़ने के पक्ष में नहीं है।
विपक्ष लगातार कर रहा सरकार को घेरने की कोशिशबता दें चीन के साथ तनाव को लेकर विपक्ष लगातार केंद्र सरकार को घेर रहा है। इस संबंध में लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने भारत-चीन सीमा पर तनाव के मुद्दे को उठाने का प्रयास किया लेकिन लोकसभा अध्यक्ष ने उनसे इस विषय को कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) की बैठक में उठाने को कहा। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि यह एक ‘‘संवेदनशील’’ मुद्दा है और इसे गंभीरता के साथ उठाया जाना चाहिए। इस विषय को बीएससी में रखें।चौधरी ने कहा, ‘‘ मैं सरकार और रक्षा मंत्री का ध्यान ऐसे मुद्दे की ओर दिलाना चाहता हूं जो कई महीनों से हमारे सामने है। देश के लोग सीमा की स्थिति को लेकर चिंतित हैं।’’ उन्होंने कहा कि आज ऐसी खबरें आई हैं कि चीन हमारे यहां नजर रख रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘हम इस विषय पर चर्चा कराने की मांग करते हैं।’’पीएम मोदी ने कहा सैनिकों के साथ हम एकजुटवहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी विश्वास जताया कि संसद एक स्वर में यह संदेश देगी कि वह हमारी सीमाओं की रक्षा करने वाले वीर सैनिकों के साथ एकजुटता से खड़ी है और ऐसा करना संसद की विशेष जिम्मेदारी भी है। संसद का मानसून सत्र शुरू होने से पहले मीडिया को दिये अपने बयान में मोदी ने लद्दाख में चीन के साथ चल रहे सीमा गतिरोध के स्पष्ट संदर्भ में कहा कि भारतीय सैनिक दु्र्गम पहाड़ी इलाकों में बहादुरी के साथ अपना कर्तव्य निभा रहे हैं। आने वाले समय में तो अब वहां बर्फबारी भी होनी है।
गतिरोध का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘इस संसद की और भी एक विशेष जिम्मेदारी है और खास तौर पर इस सत्र की विशेष जिम्मेदारी है।’’
इस बीच, कैबिनेट और मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति की मंगलवार अपराह्न वीडियो कांफ्रेंस के जरिये बैठक हो सकती है। सरकार के सूत्रों ने यह जानकारी दी है। सोमवार से शुरू हुए संसद के मानसून सत्र में विपक्ष भारत-चीन मुद्दे (India-China Dispute), कोविड की स्थिति (Covid-19 Situation), आर्थिक शिथिलता और बेरोजगारी (Unemployment) जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने का कोई मौका छोड़ने के पक्ष में नहीं है।
विपक्ष लगातार कर रहा सरकार को घेरने की कोशिशबता दें चीन के साथ तनाव को लेकर विपक्ष लगातार केंद्र सरकार को घेर रहा है। इस संबंध में लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने भारत-चीन सीमा पर तनाव के मुद्दे को उठाने का प्रयास किया लेकिन लोकसभा अध्यक्ष ने उनसे इस विषय को कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) की बैठक में उठाने को कहा। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि यह एक ‘‘संवेदनशील’’ मुद्दा है और इसे गंभीरता के साथ उठाया जाना चाहिए। इस विषय को बीएससी में रखें।चौधरी ने कहा, ‘‘ मैं सरकार और रक्षा मंत्री का ध्यान ऐसे मुद्दे की ओर दिलाना चाहता हूं जो कई महीनों से हमारे सामने है। देश के लोग सीमा की स्थिति को लेकर चिंतित हैं।’’ उन्होंने कहा कि आज ऐसी खबरें आई हैं कि चीन हमारे यहां नजर रख रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘हम इस विषय पर चर्चा कराने की मांग करते हैं।’’पीएम मोदी ने कहा सैनिकों के साथ हम एकजुटवहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी विश्वास जताया कि संसद एक स्वर में यह संदेश देगी कि वह हमारी सीमाओं की रक्षा करने वाले वीर सैनिकों के साथ एकजुटता से खड़ी है और ऐसा करना संसद की विशेष जिम्मेदारी भी है। संसद का मानसून सत्र शुरू होने से पहले मीडिया को दिये अपने बयान में मोदी ने लद्दाख में चीन के साथ चल रहे सीमा गतिरोध के स्पष्ट संदर्भ में कहा कि भारतीय सैनिक दु्र्गम पहाड़ी इलाकों में बहादुरी के साथ अपना कर्तव्य निभा रहे हैं। आने वाले समय में तो अब वहां बर्फबारी भी होनी है।
गतिरोध का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘इस संसद की और भी एक विशेष जिम्मेदारी है और खास तौर पर इस सत्र की विशेष जिम्मेदारी है।’’