कोरोना वायरस / भारत में अब कोविड-19 के 80% नए मामले डेल्टा वैरिएंट के: सरकारी विशेषज्ञ

Zoom News : Jul 19, 2021, 06:12 PM
नई दिल्‍ली: भारत में आई महामारी की दूसरी लहर की सबसे बड़ी वजह डेल्‍टा वैरिएंट ही था। इस दौरान सामने आए करीब 80 फीसद मामलों के लिए यही वैरिएंट जिम्‍मेदार था। भारतीय SARS-CoV-2 जिनोमिक कंसोर्टियम के सह अध्‍यक्ष डॉक्‍टर एनके अरोड़ा ने इस बात पर जोर देते हुए कहा हे कि यदि अब देश में मामले बढ़ते हैं तो ये किसी दूसरे अधिक खतरनाक और अधिक संक्रमित वैरिएंट की वजह से होंगे।

केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय द्वारा जारी बयान के मुताबिक उनका ये भी कहना है कि ये वैरिएंट एल्‍फा वैरिएंट से 40-60 फीसद अधिक संक्रामक हो सकता है। ये अब तक दुनिया के 80 देशों में अब तक दस्‍तक दे चुका है। इसमें अमेरिका, ब्रिटेन, सिंगापुर शामिल हैं। डेल्‍टा प्‍लस वैरिएंट एवाई-1 के बाद एवाई.2 भी सामने आ चुका है जिसको अब तक देश के करीब 11 राज्‍यों से सामने आए 55-60 मामलों में पाया गया है।

इन राज्‍यों में महाराष्‍ट्र, तमिलनाडु शामिल हैं। मध्‍य प्रदेश से सामने आए मामलों को फिलहाल स्‍टडी किया जा रहा है। इसके पूरा होने के बाद पता चलेगा कि ये कितना संक्रामक है और वैक्‍सीन पर इसका क्‍या असर होता है। साथ ही ये भी पता चलेगा कि इसका व्‍यवहार कैसा है और ये कितना अधिक संक्रामक है।

इसमें बताया गया है कि डेल्‍टा वैरिएंट अपने स्‍पाइक प्रोटीन में बदलाव लाता है जो एसीई2 रिसेप्‍टर के साथ मिलकर अधिक संक्रामक बनता है और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को कम कर देता है। कोरोना के B.1.617.2 वैरिएंट जिसको हम सभी डेल्‍टा वैरिएंट के नाम से जानते हैं, भारत में पहली बार अक्‍टूबर 2020 में सामने आया था। ये भारत में कोरोना की दूसरी लहर के लिए जिम्‍मेदार था। ये महाराष्‍ट्र से बढ़ा और देश के पूर्व और पश्चिम समेत दक्षिण के कई हिस्‍सों में फैल गया। डॉक्‍टर अरोड़ा पूर्व और मध्‍य भारत में आने से पहले ये इन सभी जगहों पर फैल चुका था।

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