News18 : Jul 11, 2020, 12:45 PM
Covid19: शुक्रवार को अमेरिका में कोरोना वायरस के 71 हजार से ज्यादा मामले आए। ये एक दिन में अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। अमेरिका में रोज तेजी से बढ़ती मरीजों की संख्या के बीच प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप ने स्कूल खोलने को कहा। साथ ही चेताया भी है कि अगर जल्दी ही स्कूल नहीं खोले गए तो उनकी फंडिंग रोक दी जाएगी। उनका कहना है कि लोकल एडमिनिस्ट्रेशन कोरोना की रोकथाम के लिए जो तरीके अपनाए हुए है, वो काफी महंगा है और स्कूलों को खोला जाना जरूरी है। इस बीच ये सवाल आता है कि ट्रंप को आखिर स्कूल खोलने की इतनी जल्दी क्यों है और क्या ट्रंप के चाहने से स्कूलों की फंडिंग रुक सकती है। आइए, जानते हैं।
समझें पूरा मामला8 जुलाई को ट्रंप ने एक ट्वीट किया। इसमें स्कूलों के लिए चेतावनी थी कि वे दोबारा स्कूल खोलें वरना फंडिंग रोक दी जाएगी। साथ ही ट्रंप ने ये भी लिखा कि स्कूल खोलने के लिए Centers for Disease Control and Prevention’s (CDC) की गाइडलाइन काफी खर्चीली है और उसे लागू नहीं किया जा सकता। कयास लगाए जा रहे हैं कि अगले हफ्ते स्कूलों को खोलने के लिए नई गाइडलाइन आ सकती है। फिलहाल गाइडलाइन के अनुसार बच्चों को फेस मास्क लगाना, डेस्क में दो मीटर की दूरी और कम शिफ्टें बताई गई हैं। ट्रंप को इसपर एतराज है। यही वजह है कि वे फंडिंग रोकने की धमकी दे रहे हैं।साथ ही स्कूल न खोलने के पीछे ट्रंप को राजनैतिक साजिश भी लग रही है। अपने ट्वीट में उन्होंने जर्मनी, डेनमार्क जैसे कई देशों का हवाला देते हुए लिखा कि वहां स्कूल खुल चुके हैं और कोई समस्या नहीं है। यहां डेमोक्रेट चाहते हैं कि स्कूल नवंबर में चुनाव से पहले न खुलें। लेकिन ये बच्चों और उनके परिवारों के लिए जरूरी है। ऐसा न हो तो फंडिंग रोकी जा सकती है।क्या ट्रंप फंडिंग रोक सकते हैं?अमेरिकी स्कूलों में फेडरल फंडिंग की व्यवस्था होती है। ये वित्त विभाग में पहले से तय हो जाती है। ऐसे में ट्रंप अगर इसपर रोक लगाने की घोषणा भी कर देते हैं तो भी ऐसा हो नहीं सकेगा, बल्कि मामला कोर्ट में चला जाएगा। यूएसए टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक अगर ट्रंप अगले साल के लिए भी ऐसा करने की कोशिश करें तो विपक्षी सदन इसपर तैयार नहीं होगा, खासकर अगर सिर्फ कोरोना के डर से स्कूल न खोलने पर ऐसी कार्रवाई हो। बता दें कि स्कूलों की फंडिंग मई में ही हो गई थी। इसमें एक हिस्सा उस फंडिंग का भी है, जिससे कोरोना के दौरान एहतियात रखते हुए स्कूल खोले जा सकते हैं।गाइडलाइन के अनुसार बच्चों को फेस मास्क लगाना, डेस्क में दो मीटर की दूरी और कम शिफ्टें बताई गई हैं (सांकेतिक तस्वीर)
कैसे मिलती है स्कूलों को फंडिंग?अमेरिका में सरकार कम आय वाले स्कूलों और स्पेशल एजुकेशन के लिए स्कूलों को करोड़ों डॉलर हर साल देती है। इस बार कोरोना वायरस रिलीफ पैकेज में स्कूलों को 13 बिलियन डॉलर की अतिरिक्त फंडिंग दी गई। हालांकि बहुत से स्कूलों में फंडिंग फेडरल सोर्स तक सीमित नहीं है। यूएस डिपार्टमेंट ऑफ एजुकेशन के मुताबिक प्राथमिक और सेकेंडरी स्कूलों के लिए सिर्फ 8% फेडरल सरकार से आता है। बाकी 92% फंडिंग स्टेट और स्थानीय स्तर पर आती है।कौन चाहता है कि स्कूल न खुलें?इस बारे में एजुकेशन सेक्रेटरी बेत्टसी डेवॉस कहती हैं कि सवाल ये नहीं कि स्कूल खुलते हैं या नहीं। फिलहाल बात ये है कि स्कूल कैसे खुलें? स्कूलों को पूरी तरह से खुलना चाहिए लेकिन कोरोना के हालातों को देखते हुए पूरी सेफ्टी के बारे में सोचना जरूरी है। खुद American Academy of Pediatrics' (AAP) ये चाहता है कि स्कूल जल्दी से जल्दी खुल सकें लेकिन इसके लिए सेफ्टी गाइडलाइन का भी पालन हो। AAP चाहता है कि बच्चे वर्जुअल पढ़ाई की बजाए स्कूलों में फिजिकली प्रेजेंट हों। इसकी एक बड़ी वजह ये भी है कि 30 मिलियन बच्चे स्कूलों के लंच पर काफी हद तक निर्भर हैं।
समझें पूरा मामला8 जुलाई को ट्रंप ने एक ट्वीट किया। इसमें स्कूलों के लिए चेतावनी थी कि वे दोबारा स्कूल खोलें वरना फंडिंग रोक दी जाएगी। साथ ही ट्रंप ने ये भी लिखा कि स्कूल खोलने के लिए Centers for Disease Control and Prevention’s (CDC) की गाइडलाइन काफी खर्चीली है और उसे लागू नहीं किया जा सकता। कयास लगाए जा रहे हैं कि अगले हफ्ते स्कूलों को खोलने के लिए नई गाइडलाइन आ सकती है। फिलहाल गाइडलाइन के अनुसार बच्चों को फेस मास्क लगाना, डेस्क में दो मीटर की दूरी और कम शिफ्टें बताई गई हैं। ट्रंप को इसपर एतराज है। यही वजह है कि वे फंडिंग रोकने की धमकी दे रहे हैं।साथ ही स्कूल न खोलने के पीछे ट्रंप को राजनैतिक साजिश भी लग रही है। अपने ट्वीट में उन्होंने जर्मनी, डेनमार्क जैसे कई देशों का हवाला देते हुए लिखा कि वहां स्कूल खुल चुके हैं और कोई समस्या नहीं है। यहां डेमोक्रेट चाहते हैं कि स्कूल नवंबर में चुनाव से पहले न खुलें। लेकिन ये बच्चों और उनके परिवारों के लिए जरूरी है। ऐसा न हो तो फंडिंग रोकी जा सकती है।क्या ट्रंप फंडिंग रोक सकते हैं?अमेरिकी स्कूलों में फेडरल फंडिंग की व्यवस्था होती है। ये वित्त विभाग में पहले से तय हो जाती है। ऐसे में ट्रंप अगर इसपर रोक लगाने की घोषणा भी कर देते हैं तो भी ऐसा हो नहीं सकेगा, बल्कि मामला कोर्ट में चला जाएगा। यूएसए टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक अगर ट्रंप अगले साल के लिए भी ऐसा करने की कोशिश करें तो विपक्षी सदन इसपर तैयार नहीं होगा, खासकर अगर सिर्फ कोरोना के डर से स्कूल न खोलने पर ऐसी कार्रवाई हो। बता दें कि स्कूलों की फंडिंग मई में ही हो गई थी। इसमें एक हिस्सा उस फंडिंग का भी है, जिससे कोरोना के दौरान एहतियात रखते हुए स्कूल खोले जा सकते हैं।गाइडलाइन के अनुसार बच्चों को फेस मास्क लगाना, डेस्क में दो मीटर की दूरी और कम शिफ्टें बताई गई हैं (सांकेतिक तस्वीर)
कैसे मिलती है स्कूलों को फंडिंग?अमेरिका में सरकार कम आय वाले स्कूलों और स्पेशल एजुकेशन के लिए स्कूलों को करोड़ों डॉलर हर साल देती है। इस बार कोरोना वायरस रिलीफ पैकेज में स्कूलों को 13 बिलियन डॉलर की अतिरिक्त फंडिंग दी गई। हालांकि बहुत से स्कूलों में फंडिंग फेडरल सोर्स तक सीमित नहीं है। यूएस डिपार्टमेंट ऑफ एजुकेशन के मुताबिक प्राथमिक और सेकेंडरी स्कूलों के लिए सिर्फ 8% फेडरल सरकार से आता है। बाकी 92% फंडिंग स्टेट और स्थानीय स्तर पर आती है।कौन चाहता है कि स्कूल न खुलें?इस बारे में एजुकेशन सेक्रेटरी बेत्टसी डेवॉस कहती हैं कि सवाल ये नहीं कि स्कूल खुलते हैं या नहीं। फिलहाल बात ये है कि स्कूल कैसे खुलें? स्कूलों को पूरी तरह से खुलना चाहिए लेकिन कोरोना के हालातों को देखते हुए पूरी सेफ्टी के बारे में सोचना जरूरी है। खुद American Academy of Pediatrics' (AAP) ये चाहता है कि स्कूल जल्दी से जल्दी खुल सकें लेकिन इसके लिए सेफ्टी गाइडलाइन का भी पालन हो। AAP चाहता है कि बच्चे वर्जुअल पढ़ाई की बजाए स्कूलों में फिजिकली प्रेजेंट हों। इसकी एक बड़ी वजह ये भी है कि 30 मिलियन बच्चे स्कूलों के लंच पर काफी हद तक निर्भर हैं।
अमेरिका में सरकार कम आय वाले स्कूलों और स्पेशल एजुकेशन के लिए स्कूलों को करोड़ों डॉलर हर साल देती हैबता दें कि अमेरिका में भी भारत के मिड-डे मील की तरह ही नेशनल स्कूल लंच प्रोग्राम चलता है। इसपर तो असर पड़ ही रहा है, साथ ही बहुत से पेरेंट काम या कई दूसरी वजहों से बच्चों की देखभाल सही तरह से नहीं कर पाते। ऐसे में स्कूल खुलने पर बच्चों के साथ पेरेंट्स को भी मदद मिल सकेगी। हालांकि स्कूल खुलने पर तमाम एहतियात के बाद भी ये डर भी है कि कोरोना और तेजी से बढ़ेगा।क्या ट्रंप के कहने से स्कूल खुल सकते हैं?नहीं। प्रशासन वैसे खुद चाह रहा है कि स्कूल खुलें तो दूसरी ओर इसे लेकर डर भी है। CDC भले ही स्कूल खोलने के लिए गाइ़डलाइन जारी कर सकता है लेकिन स्थानीय प्रशासन पर ओपनिंग को लेकर दबाव नहीं बना सकता। लोकल प्रशासन जब तक इस बात को लेकर तसल्ली नहीं कि उनके पास सेफ तरीके से स्कूल खोलने के पूरे इंतजाम हैं, तब तक वे स्कूल नहीं खोलेंगे और न ही सरकार और सेंटर फॉर डिसीज प्रिवेंशन इसके लिए दबाव बना सकता है।In Germany, Denmark, Norway, Sweden and many other countries, SCHOOLS ARE OPEN WITH NO PROBLEMS. The Dems think it would be bad for them politically if U.S. schools open before the November Election, but is important for the children & families. May cut off funding if not open!
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) July 8, 2020