News18 : May 25, 2020, 05:41 PM
लंदन: डायबिटीज (Diabetes) के मरीजों को लॉकडाउन (Lockdown) हटने के बाद भी घरों के अंदर रहना पड़ सकता है। डायबिटीज की वजह से वो कोरोना (Coronavirus) संक्रमण के हाई रिस्क वाले लोगों में आते हैं। रिसर्चर ने बताया है कि डायबिटीज के मरीजों को कोरोना का संक्रमण होने पर उनके मरने का खतरा ज्यादा है।
यूके के न्यू एंड इमर्जिंग रेसपेरेटरी वायरस थ्रेट्स एडवाइजरी ग्रुप के चेयरमैन प्रोफेसर पीटर होर्बे ने कहा है कि डायबिटीज के मरीजों का एक्टिव रिव्यू किया जाना चाहिए। ये लोग संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले ग्रुप में हैं।यूके में कोरोना की वजह से मरने वाले हर 3 में से एक को डायबिटीजपिछले हफ्ते के एक आंकड़े से पता चलता है कि कोरोना वायरस से मरने वाले तीन में से एक मरीज को डायबिटीज थी। द डेली टेलीग्राफ की एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर के वैज्ञानिक अब इस पर विचार कर रहे हैं।डायबिटीज के मरीजों को डॉक्टर सलाह दे रहे हैं कि वो किसी भी स्थिति में घरों के अंदर ही रहें। वो सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले लोगों में से हैं और इससे बचने का एक ही उपाय है कि वो अपने घरों के अंदर रहें।टाइप 1 के मरीजों में मौत का खतरा साढ़े तीन गुना ज्यादासाइंटिस्ट इस बात का पता लगा रहे हैं कि क्या डायबिटीज के रोगियों पर कोरोना वायरस की महामारी को लेकर और ज्यादा रिसर्च करने की जरूरत है। आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि डायबिटीज के टाइप 1 से ग्रसित मरीजों में कोरोना के संक्रमण की वजह से मौत का खतरा बाकी मरीजों की तुलना में साढ़े तीन गुना ज्यादा होता है।इसी तरह से टाइप 2 डायबिटीज वाले लोग ज्यादातर मोटे होते हैं। उनमें कोरोना की वजह से मौत का खतरा दोगुना होता है।हालांकि कुछ वैज्ञानिकों की राय है कि हर डायबिटीज मरीज को एक तरह से ट्रीट नहीं कर सकते। डायबिटीज कई तरह का होता है। ऐसे में एक ही नियम सभी पर लागू करना ठीक नहीं है।मोटे लोगों में कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है। ऐसे लोगों में टाइप 2 डायबिटीज होने का खतरा भी रहता है, इस महीने की एक स्टडी से पता चला है कि ब्रिटेन में मोटे लोगों को कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से हॉस्पिटल में भर्ती होने की संभावना दोगुनी रही। एक आंकड़े के मुताबिक यूके में करीब 40 लाख डायबिटीज के मरीज हैं।
यूके के न्यू एंड इमर्जिंग रेसपेरेटरी वायरस थ्रेट्स एडवाइजरी ग्रुप के चेयरमैन प्रोफेसर पीटर होर्बे ने कहा है कि डायबिटीज के मरीजों का एक्टिव रिव्यू किया जाना चाहिए। ये लोग संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले ग्रुप में हैं।यूके में कोरोना की वजह से मरने वाले हर 3 में से एक को डायबिटीजपिछले हफ्ते के एक आंकड़े से पता चलता है कि कोरोना वायरस से मरने वाले तीन में से एक मरीज को डायबिटीज थी। द डेली टेलीग्राफ की एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर के वैज्ञानिक अब इस पर विचार कर रहे हैं।डायबिटीज के मरीजों को डॉक्टर सलाह दे रहे हैं कि वो किसी भी स्थिति में घरों के अंदर ही रहें। वो सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले लोगों में से हैं और इससे बचने का एक ही उपाय है कि वो अपने घरों के अंदर रहें।टाइप 1 के मरीजों में मौत का खतरा साढ़े तीन गुना ज्यादासाइंटिस्ट इस बात का पता लगा रहे हैं कि क्या डायबिटीज के रोगियों पर कोरोना वायरस की महामारी को लेकर और ज्यादा रिसर्च करने की जरूरत है। आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि डायबिटीज के टाइप 1 से ग्रसित मरीजों में कोरोना के संक्रमण की वजह से मौत का खतरा बाकी मरीजों की तुलना में साढ़े तीन गुना ज्यादा होता है।इसी तरह से टाइप 2 डायबिटीज वाले लोग ज्यादातर मोटे होते हैं। उनमें कोरोना की वजह से मौत का खतरा दोगुना होता है।हालांकि कुछ वैज्ञानिकों की राय है कि हर डायबिटीज मरीज को एक तरह से ट्रीट नहीं कर सकते। डायबिटीज कई तरह का होता है। ऐसे में एक ही नियम सभी पर लागू करना ठीक नहीं है।मोटे लोगों में कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है। ऐसे लोगों में टाइप 2 डायबिटीज होने का खतरा भी रहता है, इस महीने की एक स्टडी से पता चला है कि ब्रिटेन में मोटे लोगों को कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से हॉस्पिटल में भर्ती होने की संभावना दोगुनी रही। एक आंकड़े के मुताबिक यूके में करीब 40 लाख डायबिटीज के मरीज हैं।