Jan seva : May 16, 2020, 01:59 PM
Rahul Gandhi on Economic Relief Package: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को पहली बार सरकार की ओर से घोषित किए गए 20 लाख करोड़ के पैकेज पर अपनी राय रखी। पत्रकारों के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल ने कहा कि इस आर्थिक राहत पैकेज के बारे में प्रधानमंत्री को फिर से विचार करना चाहिए और पैसे सीधे लोगों के हाथों में रखा जाना चाहिए।राहुल ने कहा कि सरकार को विदेशी क्रेडिट एजेंसियों की रेटिंग की परवाह नहीं करनी चाहिए, बल्कि पहले देश के हालात बेहतर करने की कोशिश करनी चाहिए। यह राहुल की लॉकडाउन के बाद से तीसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस थी। इस बार उन्होंने खास तौर पर अलग-अलग स्थानीय पत्रकारों के सवाल लिए।कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, “आज हमारे लोगों को पैसे की जरूरत है। प्रधानमंत्री को इस पैकेज के बारे में दोबारा सोचना चाहिए। मोदीजी आपको डायरेक्ट कैश ट्रांसफर के बारे में विचार करना चाहिए। मनरेगा में काम के दिनों को 200 दिन करने और उनके हाथों में पैसे पहुंचाने के बारे में सोचना होगा, क्योंकि वे ही भारत का भविष्य हैं।”राहुल ने आगे कहा, “इस समय जरूरत है कि पैसा लोगों की जेब में पहुंचाया जाए, ताकि डिमांड बढ़ाई जा सके और लोगों को इस वक्त लोन की जरूरत न पड़े। जब कोई बच्चा परेशान होता है, तो मां उसे कोई लोन नहीं देती, बल्कि सीधे राहत पहुंचाती है। इस वक्त जरूरत है कि उन्हें पैसे दिए जाएं।”कांग्रेस नेता ने लॉकडाउन पर भी अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन सिर्फ एक पॉज बटन है। इस दौरान लोगों को बीमारी से बचाने के लिए सबसे ज्यादा सुरक्षा पहुंचाने और उनकी सबसे ज्यादा चिंता करने की जरूरत है। राहुल ने कांग्रेस के घोषणापत्र में रखी गई न्याय योजना का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इसे अस्थायी तौर पर राहत देनने के लिए लागू किया जा सकता है। इससे परेशानी में पड़े लोगों को उबारा जा सकेगा और डिमांड बढ़ाई जा सकेगी।