विदेश / शर्मनाक: अपने सत्ताधारी गठबंधन के घटक दल द्वारा पीएम मोदी के पुतले जलाने पर नेपाल

Zoom News : Sep 06, 2021, 09:20 AM
काठमांडू: नेपाल सरकार ने रविवार को अपने नागरिकों को मित्र देशों के सम्मान को नुकसान पहुंचा सकने वाला कोई भी 'निंदनीय और अपमानजनक' काम ना करने की चेतावनी दी। नेपाल सरकार ने यह चेतावनी देश में प्रदर्शन के दौरान कुछ लोगों की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला जलाए जाने की घटना के बाद दी है।      

नेपाल के गृह मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि गत कुछ दिनों में ''मित्र देश के प्रधानमंत्री की छवि को धूमिल करने के लिए हो रही नारेबाजी, प्रदर्शन और विरोध में पुतले जलाने की घटना सामने आई है।'' गृह मंत्रालय ने अपने बयान में नेता की पहचान उजागर नहीं की है लेकिन इस पर आपत्ति जताई है। नेपाल सरकार का यह सख्त बयान सत्तारूढ़ गठबंधन और विपक्षी दलों से जुड़े कुछ छात्र और युवा संगठनों की ओर से जुलाई में भारत से लगती सीमा पर महाकाली नदी पार करते हुए नेपाली युवक के डूबने की घटना के विरोध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला जलाए जाने के बाद आया है।     

बयान में कहा, ''नेपाल सरकार की इच्छा सभी मित्र देशों के साथ दोस्ताना संबंध रखने की है और वह प्रतिबद्ध है कि ऐसी किसी भी गतिविधि को रोका जाए जिससे राष्ट्रीय हितों को नुकसान पहुंच सकता है। हम सभी से अनुरोध करते हैं कि वे ऐसा कोई कार्य नहीं करे जिससे मित्र देशों के मान-सम्मान को नुकसान पहुंच सकता है।''     

गृह मंत्रालय ने कहा कि नेपाल की लंबी परपंरा पड़ोसी देशों के साथ विवाद को कूटनीतिक माध्यम से और आपसी बातचीत से सुलझाने की रही है। बयान में कहा, ''भविष्य में भी कूटनीतिक पहल और आपसी बातचीत का इस्तेमाल किसी भी विवाद को सुलझाने के लिए किया जाएगा।'' बयान में चेतावनी देते हुए कहा गया कि गृह मंत्रालय पड़ोसी देशों को निशाना बनाने वाली गतिविधियों को रोकने के लिए कार्रवाई करेगा और उन लोगों को सजा देगा जो ऐसी गैर कानूनी गतिविधियों में शामिल होंगे।     

कहा जाता है कि बयास ग्रामीण नगरपालिका के 33 वर्षीय जय सिंह धामी महाकाली नदी अस्थायी रोपवे के माध्यम से पार कर रहे थे लेकिन भारत-नेपाल सीमा की सुरक्षा में तैनात सशस्त्र सीमा बल के जवानों को देख नदी में कूद गए। भारत में अधिकारियों ने बताया कि धामी गैर कानूनी तरीके से नेपाल के धारचुला से भारत के उत्तराखंड राज्य के पिथौरागढ़ जिले स्थित गास्कू आ रहे थे। मामले की जांच कर रही नेपाली जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि यह घटना भारतीय सुरक्षा कर्मियों की मौजूदगी में हुई।

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