दुनिया / इस देश में नहीं होता है तलाक, सिर्फ मरने के बाद अलग होते हैं पति-पत्नी

News18 : Jun 02, 2020, 03:37 PM
फिलिपीन्स: शादीशुदा जिंदगी की डगर अगर बेहद मुश्किल हो गई हो तो फिर तलाक लेकर नई राह तलाशना अब दुनिया के ज्यादातर देशों में आम बात हो गई है। सामान्य तौर पर तलाक के लिए अप्लाई करने वाले कपल्स को भी कुछ समय की मोहलत दी जाती है, जिससे बिगड़ी बात दोबारा बनाई जा सके। लेकिन इसके बाद भी अगर पति-पत्नी तलाक लेना चाहते हों तो फिर उन्हें कानूनन इसकी छूट दे दी जाती है। लेकिन क्या हो कि अगर परिवार में लाख लड़ाई झगड़ों के बावजूद आप तलाक ही न ले सकें! आपके देश में इसका कोई प्रावधान ही न मौजूद हो। और देश का एक बड़ा शासक वर्ग गर्व के साथ इस बात को स्वीकार करता हो! ये सोचना हैरानी भरा है लेकिन एशिया में एक ऐसा देश है जहां तलाक की कोई व्यवस्था नहीं। ये देश है फिलीपिन्स।

फिलिपीन्स (Philippines) अब दुनिया का इकलौता देश है जहां पर तलाक का कोई प्रावधान नहीं मौजूद है। हां, एक और देश है जहां पर तलाक का प्रावधान नहीं है और वो है वेटिकन सिटी (Vatican City)। लेकिन वेटिकन सिटी आम तौर पर धार्मिक नगरी के तौर पर देखते हैं। वैसे फिलिपीन्स में भी तलाक का प्रावधान न होने के पीछे की मुख्य वजह देश में कैथोलिक चर्च का प्रभाव (Impact Of Catholic Church) है। साल 2015 में जब पोप फ्रांसिस (Pope Francis) फिलिपीन्स गए थे तब उन्होंने वहां धर्मगुरुओं से अपील की थी कि तलाक चाहने वाले कैथोलिक लोगों के सहानुभूति भरा नजरिया रखना चाहिए। लेकिन फिलिपीन्स में 'तलाकशुदा कैथोलिक' (Divorced Catholic) होना एक अपमान भरी (Disgrace) बात है। और ईसाई धर्मगुरुओं ने पोप फ्रांसिस की बात को भी अनसुना कर दिया। दरअसल वो इस बात में गर्व महसूस करते हैं कि दुनिया में अब एक मात्र देश फिलिपीन्स है जहां पर तलाक नहीं लिया जा सकता।

हुई हैं कोशिशें

ऐसा नहीं है कि फिलिपीन्स में तलाक के प्रावधान के लिए कोशिश न की गई हो लेकिन धार्मिक प्रभाव की वजह से कभी इस पर कोई फैसला नहीं किया जा सका। कुछ साल देश की संसद में एक बिल पेश किया था लेकिन तत्कालीन राष्ट्रपति बेनिग्नो एक्वीनो (Benigno Aquino III) की वजह से ये पास नहीं हुआ। बेनिग्नो खुद अविवाहित हैं और तलाक के बेहद खिलाफ। उनका कहना था कि वो नहीं चाहते फिलिपीन्स अमेरिका लॉस वेगास में तब्दील हो जाए और लोग सुबह में शादी करें और दोपहर में तलाक लें। निश्चित रूप बेनिग्नो की ये टिप्पणी हास्यास्पद थी। उन्होंने तलाक जैसे गंभीर मसले को मसखरे ढंग से परिभाषित करने की कोशिश की थी

बहुतायत आबादी ईसाई

फिलिपीन्स में ईसाई आबादी करीब 92 प्रतिशत (92 percent Christians) है। साल 2011 तक फिलिपीन्स के अलावा माल्टा ऐसा देश था जहां पर तलाक की व्यवस्था नहीं थी। लेकिन 2011 में वहां भी कानून बन गया। फॉरेन पॉलिसी मैगजीन के मुताबिक तलाक रोकने की अपनी मुहिम कैथोलिक चर्च 1970 से ही हारना शुरू गया था जब इटली ने अपने यहां तलाक को वैधानिकता दी थी। तब वेटिकन से इसका जबरदस्त विरोध हुआ था लेकिन नेताओं ने वेटिकन की बात को बिल्कुल अनसुना कर दिया। इसके बाद 1977 में ब्राजील (Brazil), 1981 में स्पेन (Spain), 1987 में अर्जेंटीना (Argentina), 1997 में आयरलैंड (Ireland), और 2004 में चिली (Chile) ने तलाक पर कानून बनाया था। अब ईसाई बहुतायत आबादी वाला फिलिपीन्स दुनिया का इकलौता मुल्क है जहां तलाक लेना नामुमकिन है।

फिलिपीन्स में चर्च ने अपना व्यापक प्रभाव बनाकर रखा है जिसकी वजह से नेता भी तलाक के लिए कानून लाने से हिचकिचाते हैं।फिलिपीन्स में चर्च ने अपना व्यापक प्रभाव बनाकर रखा है जिसकी वजह से नेता भी तलाक के लिए कानून लाने से हिचकिचाते हैं।

पहले था कानून, फिर हुआ खत्म

तकरीबन चार सदी तक फिलिपीन्स पर स्पेन का शासन रहा और इस दौरान यहां की ज्यादतर जनता ने ईसाई धर्म स्वीकार कर लिया था। कैथोलिक रूढ़िवादी नियमों ने समाज में अपनी जड़ें जमा ली थीं। लेकिन 1898 में यहां पर स्पैनिश-अमेरिकी युद्ध हुआ और अमेरिका का शासन फिलिपीन्स पर हुआ तो तलाक के लिए एक कानून बनाया गया। 1917 के इस कानून के मुताबिक लोगों को तलाक की अनुमति दी गई लेकिन वो भी सिर्ए एक शर्त पर। ये शर्त थी कि अगर पति-पत्नी में से कोई एडल्टरी करते पाया जाएगा तो तलाक लिया जा सकता है।

द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान जब जापान ने देश पर कब्जा किया तो भी तलाक के लिए एक नया कानून लाया गया। लेकिन ये व्यवस्था बस कुछ ही साल तक चली और फिल 1944 में अमेरिका का शासन जब दोबारा हुआ तो पुराना तलाक कानून ही लागू कर दिया गया। 1950 में फिलिपीन्स अमेरिका के कब्जे से आजाद हो गया। और फिर इसके बाद चर्च के प्रभाव में तलाक का कानून वापस ले लिया गया। इसके बाद तलाक पर जो बैन लगा वो आजतक जारी है।


मुस्लिम ले सकते हैं तलाक

फिलिपीन्स में तलाक न लेने का प्रतिबंध सिर्फ ईसाइयों पर है। यहां की 6 से 7 फीसदी मुस्लिम आबादी अपने पर्सनल लॉ के मुताबिक तलाक ले सकती है। उन्हें अपने धार्मिक नियमों के अनुसार ऐसा करने की छूट दी गई है।

तलाक लिया तो फिर शादी नहीं

बीते कुछ सालों में फिलिपीन्स में कुछ ऐसे भी मामले सामने आए हैं जब बहुत दबाव के बाद चर्च या कोर्ट की तरफ से तलाक की अनुमति दी गई है। लेकिन ऐसी स्थिति में तलाक लेने वाले पति-पत्नी को दोबारा शादी की छूट नहीं होती है। यानी आप उसी स्थिति में तलाक ले सकते हैं कि आप दोबारा शादी न करने की कसम खाएं।

नाजायज बच्चे

सिर्फ तलाक ही नहीं फिलीपीन्स में किसी भी तरह का गर्भनिरोधक न इस्तेमाल करने का भी धार्मिक दबाव बेहद ज्यादा है। एक इंटरनेशल रिपोर्ट के मुताबिक देश में 30 प्रतिशत से अधिक बच्चों का जन्म पंजीकरण ही नहीं कराया जाता है। अभिनेता से नेता बने फिलिपीन्स के रैमन रेविल्ला की कहानी कुछ ऐसी ही है। अब तकरीबन 94 साल के हो चुके रेविल्ला की 16 महिलाओं से 72 संतानें हैं। लेकिन उनकी सिर्फ एक ही शादी हुई है। इन 72 संतानों में सिर्फ 38 ही रेविल्ला सरनेम का इस्तेमाल करते हैं। रेविल्ला जैसे अनगिनत लोग फिलीपीन्स में भरे पड़े हैं।

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